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भारत की विश्व में पहचान वादा पूरा करने वाले देश के रूप में: प्रकाश जावड़ेकर

नयी दिल्ली: विश्व में भारत की पहचान एक ऐसे देश देश के रूप में है जो अपने वादों को पूरा करता है. उक्त बातें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर ने लोकसभा में कही. उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सरकार ने आज कहा कि भारत 2005 की तुलना में […]

नयी दिल्ली: विश्व में भारत की पहचान एक ऐसे देश देश के रूप में है जो अपने वादों को पूरा करता है. उक्त बातें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर ने लोकसभा में कही. उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सरकार ने आज कहा कि भारत 2005 की तुलना में अपनी जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता को 2020 तक 20 से 25 फीसदी तक कम करने के स्वैच्छिक राष्ट्रीय लक्ष्य पर काम कर रहा है.

जावडेकर ने आज लोकसभा में अपनी ओर से दिए बयान में जलवायु परिवर्तन संबंधी संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेन्शन और इसके क्योटो प्रोटोकॉल के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरु में हुए सम्मेलन के संदर्भ में यह उल्लेख किया.उन्होंने कहा ‘‘हम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा दक्षता का समर्थन करने और नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार करने के संबंध में सक्रिय कदम उठाने के लिए वचनबद्ध हैं. ’’
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की पृष्ठभूमि में उन्हें सदन को यह सूचित करने में हर्ष हो रहा है कि भारत ने समान विचारधाराओं वाले विकासशील देशों के साथ रचनात्मक सहयोग करके विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्रिय भूमिका निभाई और अपनी राष्ट्रीय स्थिति को प्रभावी एवं प्रेरणास्पद ढंग से पेश किया है.
जावडेकर ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत के सक्रिय प्रयासों की अनेक देशों ने सराहना की है. जलवायु परिवर्तन के मुद्दे के संबंध में देश भर में राजनीतिक सर्वसम्मति ने हमारे इरादों को मजबूत किया है.’’उन्होंने कहा कि हम एक लाख मेगावाट सौर उर्जा उत्सर्जित करने, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए कोयले पर उपकर को दोगुना करने, हरित भारत मिशन और राज्यों को काम्पा (सीएएमपीए) निधियों का अंतरण करने के माध्यम से तीव्र वनीकरण करने, पवन ऊर्जा का विस्तार करने और अन्य ऊर्जा दक्षता उपाय करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य सहित सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को सफलतापूर्वक साकार करने में समर्थ हुए हैं.
जावड़ेकर ने कहा, नये 2015 करार को अंतिम रुप देने के लिए विभिन्न बैठकें आयोजित होने की संभावना है और भारत इन वार्ताओं में सक्रिय रुप से भाग लेता रहेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि यह करार इस कन्वेन्शन और इसके सिद्धांतों तथा हमारे राष्ट्र हितों के अनुरुप हो.
पेरु के लीमा में संपन्न सम्मेलन की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि इसमें हमारा प्रमुख उद्देश्य भारत के दीर्घकालिक हितों की रक्षा करना, गरीबी उन्मूलन, सभी के लिए ऊर्जा उपलब्ध कराने तथा अन्य विकासात्मक प्राथमिकताओं का समाधान करने के लिए विकास की आवश्यकता पर बल देना था.

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