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पूर्व सैनिकों की जीत, सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का किया ऐलान

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वन रैंक वन पेंशन का ऐलान कर दिया.प्रेस कॉन्फ्रेंस में प र्रिकर ने कहा कि मोदी सरकार ने अपना वादा पूरा किया है. उन्होंने कहा कि हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जायेगी. पर्रिकर ने कहा कि यह […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वन रैंक वन पेंशन का ऐलान कर दिया.प्रेस कॉन्फ्रेंस में प र्रिकर ने कहा कि मोदी सरकार ने अपना वादा पूरा किया है. उन्होंने कहा कि हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की जायेगी. पर्रिकर ने कहा कि यह मामला पिछल 40 साल से लंबित था. इस मुद्दे की समीक्षा के लिए एक सदस्यीय कमेटी कार्यरत रहेगी और छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.

सरकार के ऐलान के बाद आंदोलनरत मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि हम सरकार के ऐलान से खुश हैं. लेकिन इस ऐलान में कई कमियां हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इस पेंशन योजना को सरकार जिस तरह से लागू कर रही है हम उससे सहमत नहीं है. वोलेनटरी रिटायरमेंट लेने वालों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जो सही नहीं है, क्योंकि 40 प्रतिशत सैन्यकर्मी वोलेनटरी रिटायरमेंट लेते हैं.

हालांकि इस पर ठोस सहमति दोपहर तीन बजे रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का बयान आने के बाद ही बनेगी, जब यह तय होगा कि सरकार की घोषणा को सैनिक स्वीकार करते हैं या नहीं.इस अहम प्रेस कान्फ्रेंस में सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग भी मौजूद रहेंगे.रक्षा मंत्री से मिलने के बाद पूर्व सैनिकों के नेता जनरल सतबीर सिंह ने मीडिया से कहा कि सरकार ने हमारी मांग मानी है, पर हमारा आखिरी निर्णय दोपहर ढाई या तीन बजे उनका बयान आने के बाद होगा. जनरल सिंह ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि वह एक टाइम फ्रेम ढूंढे, ताकि कोई जूनियर अपने सीनियर से ज्यादा पेंशन नहीं पा सके. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार कोई कमेटी बनाती है, तो उसमें हमारे लोग होने चाहिए. उधर, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर सैनिकों के साथ वार्ता खत्म होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पहुंचे हैं. वहां शाह ने पार्टी के प्रवक्ताओं को भी बुला रखा है. संभव है ओआरओपी पर लिये जाने वाले सरकार के फैसले को मीडिया में कैसे ब्रिफ किया जाये, इस संबंध में पार्टी दोनों प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में अपनी रणनीति तय करेगी.

आज सरकार वन रैंक वन पेंशन की घोषणा कर सकती है. ओआरओपी के संबंध में बातचीत के लिए धरने पर बैठे पूर्व सैनिक आज 11.30 बजे रक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे. मुलाकात पर जाने से पहल पूर्व सैनिकों ने मीडिया से बात की और कहा कि पूर्व पेंशन की समीक्षा पर कोई समझौता नहीं हुआ है. पूर्व सेनाकर्मियों ने संकेत दिया है कि वे हर दो साल में समीक्षा को स्वीकार कर सकते हैं लेकिन सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि यह पांच साल में एक बार होगा.

पिछले 82 दिन से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने कहा कि वे पांच साल के अंतराल पर पेंशन की समीक्षा को स्वीकार नहीं करेंगे. ऐसा माना जाता है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ का एक मसौदा प्रस्ताव कल आरएसएस की बैठक में वितरित हुआ जिसमें योजना के जुलाई 2014 से लागू होने और हर पांच साल में पेंशन समीक्षा की बात कही गयी है.प्रारुप के अनुसार योजना के क्रियान्वयन का आधार 2013 होगा और बकाया भुगतान चार किश्तों में होगा.

प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सैन्यकर्मियों ने धमकी दी थी कि यदि सरकार ओआरओपी लागू करने के संबंध में कोई एकतरफा घोषणा करती है तो वे आंदोलन तेज कर देंगे. उनका कहना है कि प्रस्ताव पूर्व रक्षा कर्मियों द्वारा तय किए गए नियम-शर्तों के अनुरुप नहीं है.इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह (अवकाशप्राप्त) ने कहा था, ‘‘यदि मांग नहीं मानी गयी तो एकतरफा घोषणा हमें अस्वीकार्य है. हम अपना आंदोलन तेज करेंगे.’

सिंह ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि सरकार जल्द ही ओआरओपी के क्रियान्वयन की एकतरफा घोषणा कर सकती है. यदि यह हमारे नियम शर्तों के अनुरुप है तो हम इसका स्वागत करेंगे और सरकार का धन्यवाद व्यक्त करेंगे.’ उन्होंने कहा कि ओआरओपी 31 मार्च 2014 से क्रियान्वित की जानी चाहिए और वे इसे जुलाई 2014 से स्वीकार नहीं करेंगे.

सिंह ने दावा किया कि ‘‘पेंशन में समानता लाने के लिए’ सरकार को लगातार छह साल के लिए सिर्फ 30 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.उन्होंने कहा, ‘‘यदि सरकार संसद की कैंटीन को सब्सिडी देने के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है तो फिर मुझे कुछ नहीं कहना.’ ओआरओपी सरकार और सेवानिवृत्त रक्षाकर्मियों के बीच परदे के पीछे गहन चर्चा के बावजूद अटकी हुई है.

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्ससर्विसमेन के मीडिया सलाहकार कर्नल (अवकाशप्राप्त) अनिल कौल ने कहा था कि ओआरओपी को लागू करने पर करीब 8,294 करोड रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि आंकड़े पर ‘‘तीनों सेवा भुगतान इकाइयों’ ने काम किया है और ‘‘रक्षा मंत्रालय ने आंकडे का अनुमान लगाया है.’ योजना से करीब 26 लाख सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों और छह लाख से अधिक युद्ध विधवाओं को तत्काल लाभ होगा, जिसमें समान सेवा अवधि में एक ही रैंक से सेवानिवृत्त होने वाले रक्षाकर्मियों के लिए समान पेंशन कल्पित है, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कोई भी हो.

वर्तमान में सेवानिवृत्त सेनाकर्मियों की पेंशन उनके सेवानिवृत्त होने के समय के हिसाब से वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है.साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा मंत्री से मिलने के बाद वे एक बजे फिर संवाददाताओं से बात करेंगे.इधर रक्षा मंत्रालय से यह खबर आयी है कि 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है,जिसमें संभवत: वन रैंक वन पेंशन की घोषणा कर सकते हैं.

मीडिया में सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों के अनुसार मनोहर पर्रिकर आज दोपहर बाद सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन की घोषणा कर सकते हैं. खबरों के अनुसार सरकार ने सैनिकों की लगभग सभी मांगें मान ली हैं, जिसके कारण अब इसकी घोषणा संभव है.

Important Ministry of Defence press conference at 2.30 pm today

— ANI (@ANI_news) September 5, 2015

हालांकि कल रात को यह खबर आ रही थी कि सरकार हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा की बात कर रही है जबकि सैनिकों की यह मांग है कि समीक्षा हर दो साल पर हो. इससे वन रैंक वन पेंशन की घोषणा पर पेंच फंस सकता है. लेकिन ऐसी खबरें भी आ रही है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने सरकार पर वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर दबाव बनाया है, जिसके कारण सरकार हरकत में आयी है और इसकी घोषणा जल्दी से जल्दी करना चाहती है. आज रक्षा मंत्री को हैदराबाद जाना था, लेकिन उन्होंने दौरा रद्द कर दिया है, जिसके कारण भी एेसी संभावना जतायी जा रही है कि आज इसकी घोषणा हो सकती है.

हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार सैनिकों की इस मांग को पूरा करने के प्रतिबद्ध है और नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है. इधर वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन जारी है.

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