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चूड़ी फैक्टरी में काम करने गये बच्चे को मारपीट कर अधमरा किया

घटना. दलाल माता-पिता को प्रलोभन देकर बच्चे को ले गया था हैदराबाद दलाल बच्चे को बिहारशरीफ में छोड़ कर हुआ फरार घर में ताला लगाकर दलाल हुआ फरार बिहारशरीफ/सिलाव : गरीबी की मार झेल रहे माता पिता दलाल के चक्कर में पड़ कर अपने मासूम बच्चों को कमाने के लिए दूसरे प्रदेशों में भेज रहे […]

घटना. दलाल माता-पिता को प्रलोभन देकर बच्चे को ले गया था हैदराबाद

दलाल बच्चे को बिहारशरीफ में छोड़ कर हुआ फरार
घर में ताला लगाकर दलाल हुआ फरार
बिहारशरीफ/सिलाव : गरीबी की मार झेल रहे माता पिता दलाल के चक्कर में पड़ कर अपने मासूम बच्चों को कमाने के लिए दूसरे प्रदेशों में भेज रहे हैं. पैसे के लोभ में ऐसे माता पिता अपने बच्चे का भविष्य दावं पर लगा रहे हैं. दूसरे प्रदेश में काम करने के लिए जाने के बाद उनके लाडले बच्चे के साथ क्या होता है. इससे वे पूरी तरह अनभिज्ञ रहते हैं. थोड़ी से गलती होने पर उनके बच्चों के साथ क्या होता है, उनके साथ मालिक किस तरह के व्यवहार करते हैं. इसका उदाहरण शनिवार को देखने को मिला. बिहारशरीफ के छज्जू मोहल्ला निवासी रिक्शा चालक मो. निजाम उद्दीन गरीबी के कारण अपने 12 वर्षीय पुत्र मो. अफजल को सिलाव प्रखंड के कड़ाह गांव निवासी दलाल मो.
साहेब के झांसे में आकर चूड़ी फैक्टरी में काम करने के लिए दो माह पूर्व हैदराबाद भेजा था. काम करने के दौरान मासूम अफजल से थोड़ी सी गलती हो गई. जिसके कारण कारखाना मालिक ने बिजली के तार से मार मारकर मो. अफजल को पीठ उधेड़ दिया. इससे भी मन नहीं भरा तो उसने लोहे के रॉड से मारकर बच्चे की गर्दन तोड़ दी. जब बच्चे की हालत दयनीय हो गयी तो उसे दलाल मो. साहेब के साथ बिहारशरीफ भेज दिया. दलाल ने बच्चे को घर के दरवाजे के पास छोड़ कर अपने घर हैदरगंज कड़ाह भाग गया. मो. अफजल के घर पहुंचने पर जब माता पिता ने अपने लाडले की हालत देखी तो पिता मो. निजाम एवं मां. सबिना खातून मोहल्ले के कुछ लोगों को साथ लेकर दलाल मो. साहेब के घर पहुंच गये. वहां पहुंचने के पूर्व दलाल घर में ताला लगाकर फरार हो गया था. बच्चे के पिता मो. निजाम ने बताया कि वह बिहारशरीफ में रिक्शा चलाता है. उसके पांच बच्चे हैं. मो. अफजल उसका बड़ा बेटा है. रिक्शा चलाने से होने वाली आमदनी उतनी नहीं थी. जिससे परिवार के सभी सदस्यों का पेट भर सके तथा उनकी जरूरत की चीजें पूरी हो सके. इसलिए बेटे को काम करने के लिए हैदराबाद भेजा था. छज्जू मोहल्ला की शबाना खातून ने बताया कि उसके तीन बच्चों में सदाम 12 वर्ष, सलमान 10 वर्ष एवं उसकी बहन के बेटे छोटू 12 वर्ष को भी मो. साहेब चूड़ी कारखाना में काम करने के लिए हैदराबाद ले गया है. इन बच्चों को घर आने नहीं दिया जा रहा है.
दलाल को कमाई का दस प्रतिशत कमीशन: लोग बताते हैं कि बच्चे का जुगाड़ करने वाले दलाल को फैक्टरी मालिक द्वारा बच्चे की कमाई का दस प्रतिशत कमीशन मिलता है. इसके कारण दलाल को बैठे बैठे मोटी कमाई हो जाती है. दलाल को फैक्टरी मालिक से साठगांठ होती है. इसी लालच में दलाल गरीब माता पिता को अच्छी कमाई का प्रलोभन देकर उनके बच्चे को ले जाते हैं. हैदरगंज कड़ाह के बाल श्रमिक संगठन के प्रधान सचिव ने बताया कि कुछ दिन पूर्व जयपुर से कई बच्चों को लायें हैं. इनमें मो. इम्तियाज दस वर्ष, इरशाद हुसैन 11 वर्ष, मो. अजुबर 12 वर्ष, मो. अरबाज 14 वर्ष, मो. दानिश 11 वर्ष, मो. साकिन 12 वर्ष, मो. नीतीश 11 वर्ष के गरीब माता पिता को नौकरी दिलाने के नाम पर हैदराबाद ले गये थे.

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