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अमरूद के फल में आम का स्वाद, कृषि वैज्ञानिक भी अचंभित

बिहारशरीफ : दीपनगर के किसान सुरेंद्र राम के अमरूद के बगीचे के एक पेड़ का फल इन दिनों आम लोगों के अलावा उद्यान वैज्ञानिकों के लिए अचरज का विषय बना हुआ है. फल अमरूद का है, जबकि उसका स्वाद आम जैसा है. इस अमरूद का एक फल खाने में लोगों के दांत खट्टे हो रहे […]

बिहारशरीफ : दीपनगर के किसान सुरेंद्र राम के अमरूद के बगीचे के एक पेड़ का फल इन दिनों आम लोगों के अलावा उद्यान वैज्ञानिकों के लिए अचरज का विषय बना हुआ है. फल अमरूद का है, जबकि उसका स्वाद आम जैसा है. इस अमरूद का एक फल खाने में लोगों के दांत खट्टे हो रहे हैं. सुरेंद्र राम ने सघन बागवानी कार्यक्रम के तहत एक एकड़ में अमरूद का बगीचा लगाया है.

राष्ट्रीय बागवानी निशान के तहत अनुदानित दर पर पौधे उपलब्ध कराये गये थे. इस अमरूद के पेड़ में इस साल पहली बार फल लगे हैं. फल का आकार, रंग-रूप बहुत ही अच्छा है, मगर स्वाद ऐसा है, जिसके कारण इसे खाना मुश्किल हो रहा है. अमरूद के इस पेड़ का फल देखने में मनभावन है. पहली बार सुरेंद्र राम व उनके परिवार के लोगों ने पेड़ से फल तोड़ खाया तो स्वाद के कारण खाना मुश्किल हो गया है. कुछ दिन बाद फिर से इस फल को खाने की कोशिश तो एकबार फिर से खा नहीं पाये. इसकी सूचना जिला उद्यान विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार को दी. उन्होंने इसकी सूचना उद्यान महाविद्यालय नूरसराय के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार एवं डॉ. विद्या तिवारी को दी.

सूचना के बाद उद्यान महाविद्यालय नूरसराय के दोनों वैज्ञानिक दीपनगर स्थित किसान सुरेंद्र राम के अमरूद के बगीचे में पहुंचे. इन वैज्ञानिकों ने पेड़ में लगे अमरूद के फल का बारीकी से अवलोकन किया. पेड़ के आसपास की जमीन को भी देखा और मिट्टी की जांच की. फिर दोनों वैज्ञानिकों ने पेड़ से फल तोड़ कर उसका स्वाद चखा, तो वे हैरत में पड़ गये. आकार व रंग-रूप में सुंदर दिख रहे अमरूद के इस फल में स्वाद के अंतर से लोग अचंभित हैं. अमरूद का बीज काफी मुलायम है एवं उसकी संख्या काफी कम है. इस संबंध में उद्यान वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार ने बताया कि अमरूद के इस पेड़ में लगे फल का स्वाद अचरज में डालनेवाला है. अभी अमरूद के फल का सीजन समाप्त हो रहा है. अगले सीजन में अमरूद के इस पेड़ के फल पर विशेष निगाह रखी जायेगी और यह पता लगाने की कोशिश की जायेगी कि आखिर इसका स्वाद एक सामान्य अमरूद के जैसा क्यों नहीं है. इसके लिए गहन जांच की जरूरत है. उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ी, तो इस संबंध में बिहार कृषि यूनिवर्सिटी सबौर के वैज्ञानिकों के वैज्ञानिकों की सलाह भी ली जायेगी.

क्या कहते हैं किसान

किसान सुरेंद्र राम बताते हैं कि सघन बागवाती कार्यक्रम के तहत एक एकड़ में अमरूद के करीब 400 पौधे लगाये हैं. इस बगीचे से प्रतिवर्ष 90 हजार से एक लाख रुपये की आमदनी हो जाती है. उन्होंने बताया कि अमरूद के बगीचे का एक पेड़ का फल का स्वाद आम जैसा है. इसकी सूचना उद्यान वैज्ञानिकों को दे दी गयी है.

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