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ब्लड बैंक में रखे खून से नहीं बनता हीमोग्लोबिन! पेशोपेश में एसकेएमसीएच के डॉक्टर

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने बैंक में रखे ब्लड की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया है. डॉक्टर इस खून में खामियां बता ताजा ब्लड मरीजों को चढ़ाने की सलाह दे रहे हैं. मरीजों की परची पर फ्रेश ब्लड चढ़ाने तक की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर कहते हैं कि मरीजों में खून चढ़ने […]

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने बैंक में रखे ब्लड की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर दिया है. डॉक्टर इस खून में खामियां बता ताजा ब्लड मरीजों को चढ़ाने की सलाह दे रहे हैं. मरीजों की परची पर फ्रेश ब्लड चढ़ाने तक की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर कहते हैं कि मरीजों में खून चढ़ने के बाद हीमोग्लोबिन नहीं बढ़ रहा है. इसके कारण एक बार फ्रेश ब्लड चढ़ा कर देखा जा रहा है, ताकि हीमोग्लोबिन नहीं बनने का कारण पता चल सके.

बोचहां की उर्मिला देवी, औराई के मो. सलीम, मीनापुर के पूजा देवी समेत दस मरीजों को विगत सप्ताह में फ्रेश ब्लड चढ़ाने की सलाह दी गयी. मरीज के परिजनों के अनुसार, मरीज को खून की कमी को लेकर भर्ती कराया था. जांच में खून की कमी के अलावे कोई बीमारी नहीं मिली. खून चढ़ने के बाद भी जस की तस खून की कमी रह गयी.
इसके बाद डॉक्टर फिर से एक बार फ्रेश ब्लड चढ़ाने की सलाह दे रहे हैं.
एसकेएमसीएच में डोनरों के ब्लड लेने के 45 दिनों बाद डिस्पोज कर दिया जाता है. अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि इन दिनों अस्पताल से अधिक निजी अस्पताल में ब्लड सप्लाई दी जा रही है. निजी अस्पताल में भी खून के बदले खून दी जाती है. इसमें खून के बदले खून देने के लिए एसकेएमसीएच में प्रोफेशनल डोनर पहुंच रहे है. जैसे-तैसे उनकी ब्लड लेकर स्टोर से खून के बदले खून मिल जा रहा है. जांच में गुणवत्ता कम होने के बाद भी कार्रवाई के भय से कर्मचारी खून के बैग को खपत करने में लगे है. ब्लड स्टोर के आंकड़े देखी जाये, तो जिस कर्मचारी के शिफ्ट में जिस डोनर से ब्लड लिया जाता, उसी शिफ्ट के कर्मचारी अपने शिफ्ट में खून की खपत करके स्टॉक की पूर्ति कर लेते हैं. सूत्रों की माने तो, एसकेएमसीएच में ब्लड का कारोबार जोरों पर है. सबसे अधिक ब्लड का कारोबार रात को होता है.
इन्हें होती है खून की जरूरत
खून की जरूरत किसी भी व्यक्ति को विशेष परिस्थिति में होती है. गर्भवती महिलाओं व प्रसूता महिलाओं को अक्सर खून की कमी पायी जाती है. जरूरत पड़ने पर इन्हें चढ़ाया जाता है. कुपोषण की हालत में मरीजों को खून चढ़ाया जाता है. किसी गंभीर बीमारी में ऑपरेशन के दौरान खून की जरूरत ज्यादा होती है. तब खून चढ़ाया जाता है. उन मरीजों को भी खून चढ़ाया जाता है जिन्हें एनीमिया की बीमारी होती है. जख्मी मरीजों की जान बचाने के लिए खून की जरूरत होती है.

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