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भरपुरावासियों का पहलेजा में पांच घंटे चक्का जाम

मुजफ्फरपुर: पाटलीपुत्र से चली पहली डेमू ट्रेन पहलेजा स्टेशन पर पहुंचते ही कभी हां और कभी ना के बीच करीब छह घंटे तक फंसी रही. इस बीच तीन बार पहलेजा स्टेशन से ट्रेन को रवाना किया गया, लेकिन हर बार आंदोलनकारियों के पटरी पर सामने आने व लेट जाने के कारण ट्रेन को वापस स्टेशन […]

मुजफ्फरपुर: पाटलीपुत्र से चली पहली डेमू ट्रेन पहलेजा स्टेशन पर पहुंचते ही कभी हां और कभी ना के बीच करीब छह घंटे तक फंसी रही. इस बीच तीन बार पहलेजा स्टेशन से ट्रेन को रवाना किया गया, लेकिन हर बार आंदोलनकारियों के पटरी पर सामने आने व लेट जाने के कारण ट्रेन को वापस स्टेशन ले जाना पड़ा. यह सिलसिला सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर 1.42 बजे तक चलता रहा. किसी तरह मान-मनौव्वल के बाद आंदोलन कर रहे युवा माने, तब जाकर ट्रेन आगे बढ़ी और सुरक्षा में लगे आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारियों ने चैन की सांस ली.

छह घंटे तक चले इस आंदोलन में भीड़ इतनी उग्र थी कि मीडिया वालों को फोटो खींचने से रोका गया और तरह-तरह के ताने दिये गये. हालात ये थे कि ट्रेन धीरे-धीरे चल रही थी और सुरक्षाकर्मी ट्रेन के आगे दोनों तरफ घेराबंदी करते हुए ट्रेन को पहलेजा स्टेशन से साेनपुर ले जाने के लिए चल रहे थे, लेकिन हजारों की आंदोलनकारी भीड़ के आगे जवानों को पीछे हटना पड़ रहा था. आंदोलन का सिलसिला लगातार छह घंटे तक चलता रहा. किसी तरह दूसरी बार आंदोलनकारी मान गये, लेकिन डीआरएम एमके अग्रवाल के पहुंचने पर उनके विरोध के स्वर और तेज हो गये. इस पर डीआरएम की थोड़ी सी नाराजगी ने मामले को बिगाड़ दिया और तीसरी बार भी ट्रेन पहलेजा स्टेशन से कुछ दूर आगे जाकर वापस स्टेशन पर आ गयी. मामला बिगड़ता देख डीआरएम दोपहर 1.35 बजे स्टेशन से बाई रोड जवानों के साथ वापस चले गये. इसके बाद किसी तरह जवानों ने आंदोलन कर रहे युवाओं को समझाया. तब जाकर ट्रेन सोनपुर के लिए रवाना हुई.

पटरी को ट्रेन के सामने लाने का कर रहे थे प्रयास

आंदोलन कर रहे युवा ट्रेन को रोकने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे थे. सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी युवाओं की टोली ट्रेन की पटरी को ट्रेन के सामने लाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे थे, लेकिन पटरी वजनी होने के कारण वे सफल नहीं हो सके.

यात्रियों से नहीं मिले डीआरएम

आंदोलन की वजह से पहलेजा स्टेशन से ट्रेन का न बढ़ना यात्रियों को काफी कष्ट दे रहा था. लेकिन यात्री बेहद मजबूर दिखे. आखिर वे करें तो क्या करें. डीआरएम के आने की जानकारी मिलते ही कई यात्रियों ने उनसे मिलना चाहा, लेकिन सुरक्षा में तैनात आरपीएफ जवानों ने उन्हें रोक दिया. इस वजह से यात्रियों में काफी गुस्सा था. इस बीच वह स्टेशन अधीक्षक के रूम से निकलकर वापस चल दिये. डीआरएम के जाते ही यात्रियों को जब यह महसूस होने लगा कि अब ट्रेन वापस पटना जायेगी तो यात्रियों ने स्टेशन अधीक्षक के कमरे को घेर लिया. इस पर स्टेशन अधीक्षक ने तत्काल फोन पर अधिकारियों से वार्ता की. इसके बाद बताया कि ट्रेन जायेगी.

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