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पत्रकार हत्याकांड : शहाबुद्दीन समेत सात पर चार्जशीट, नहीं होगा राजद के पूर्व सांसद का नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट

मुजफ्फरपुर : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के अनुसंधानक सह सीबीआइ के डीएसपी सुनील सिंह रावत एवं सीबीआइ दिल्ली से पहुंचे विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण ने मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायालय में विशेष न्यायाधीश अनुपम कुमारी के समक्ष राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन, अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार जायसवाल, रोहित कुमार […]

मुजफ्फरपुर : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के अनुसंधानक सह सीबीआइ के डीएसपी सुनील सिंह रावत एवं सीबीआइ दिल्ली से पहुंचे विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण ने मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायालय में विशेष न्यायाधीश अनुपम कुमारी के समक्ष राजद के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन, अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार जायसवाल, रोहित कुमार सोनी, विजय कुमार, राजेश कुमार एवं सोनू कुमार गुप्ता के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया. वहीं, मोहम्मद कैफ उर्फ बंटी एवं मोहम्मद जावेद के विरुद्ध अनुसंधान जारी रखा है.

समाचार लिखे जाने की रंजिश में की गयी थी हत्या
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण ने बताया कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व अन्य आरोपितों के विरुद्ध भादवि की धारा-302,120 (बी) एवं 27 आर्म्स एक्ट मे चार्जशीट दाखिल की गयी है. इनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं. पूर्व सांसद के विरुद्ध समाचार लिखे जाने की रंजिश को लेकर ही पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या हुई थी. हत्या की पूरी साजिश सीवान जेल मे ही रची गयी थी.

सीबीआई की नार्को और ब्रेन मैपिंग जांच की मांग खारिज
राजदेव रंजन हत्याकांड में राजद नेता व सीवान के पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को नार्को, ब्रेन मैपिंग के लिए सीबीआइ की ओर से दाखिल आवेदन को सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था. दिल्ली के तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के दौरान पूर्व सांसद ने नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट पर अपना पक्ष रखा था. उनकी ओर से अधिवक्ता दिलीप कुमार ने लिखित आवेदन दाखिल करते हुए कहा कि नार्को व ब्रेन मैपिंग टेस्ट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. यह मानवाधिकार का भी उल्लंघन है. इसलिए सीबीआइ की ओर से दाखिल आवेदन खारिज करने योग्य है. इसके बाद सीबीआइ की ओर से आये विशेष लोक अभियोजक ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा था. न्यायालय ने दोनों ओर की बहस सुनने के बाद सीबीआइ द्वारा 5 जून, 2017 को दाखिल किये गये आवेदन को खारिज कर दिया.

कैफ और एक अन्य आरोपित की नार्को टेस्ट की मंजूरी के बाद भी नहीं हुई जांच

पूर्व सांसद के वकील दिलीप कुमार ने बताया कि शहाबुद्दीन ने कोर्ट के समक्ष सीबीआइ के जांच रवैया पर सवाल उठाया था. उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2016 में ही मो कैफ व एक अन्य आरोपित ने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी थी. कोर्ट की ओर से इसको लेकर रिमांड भी कर दिया गया. लेकिन, आजतक सीबीआइ ने दोनों का नार्को टेस्ट नहीं कराया है. पूर्व सांसद ने कहा कि जब हमने सीबीआइ के 50-60 प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दे दिया है, तो फिर लाइ डिटेक्टर, पॉलीग्राफी टेस्ट का औचित्य ही क्या है.

क्या है मामला
सीवान के स्टेशन रोड में बीते वर्ष 13 मई की रात पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उनकी पत्नी आशा रंजन के बयान पर अज्ञात अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस ने जांच के बाद लड्डन मियां को मुख्य आरोपित बनाते हुए अन्य को आरोपित किया था. गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ की विशेष न्यायालय में पेशी के लिए मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल लाया गया. यहां पहले से हत्याकांड के अन्य आरोपित बंद हैं. हत्याकांड के आरोपित मो कैफ व जावेद मियां जमानत पर हैं. विशेष सीबीआइ अदालत ने लड्डन मियां समेत सभी अन्य आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

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