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खुशखबरी: साहेबगंज लूप लाइन के विद्युतीकरण की प्रक्रिया शुरू

जमालपुर : पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल के किऊल-साहेबगंज रेलमार्ग का दिन फिरने वाला है. जल्द ही लगभग 172 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर बिजली से दौड़ने वाली ट्रेनों को देखने का सपना पूरा होने वाला है.मिली जानकारी के अनुसार इस अति महत्वपूर्ण रेल मार्ग के विद्युतीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है. इसे […]

जमालपुर : पूर्व रेलवे के मालदा रेल मंडल के किऊल-साहेबगंज रेलमार्ग का दिन फिरने वाला है. जल्द ही लगभग 172 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर बिजली से दौड़ने वाली ट्रेनों को देखने का सपना पूरा होने वाला है.मिली जानकारी के अनुसार इस अति महत्वपूर्ण रेल मार्ग के विद्युतीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है. इसे चरणबद्ध रूप से पूरा किया जायेगा.

पहले चरण में लेबल क्रॉसिंग का हाइट गेज
हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है, पर यहां रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि विद्युतीकरण के पहले चरण में साहेबगंज से किऊल तक के सभी रेलवे क्रॉसिंगों की ऊंचाई को बढ़ा कर विद्युतीकरण की मानक मापदंडों तक पहुंचाया जा रहा है. सभी रेलवे क्रॉसिंग को हाइट गेज बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि साहेबगंज की ओर से इस रेलखंड पर यह काम चालू भी हो चुका है.
पोर्टल का बन चुका है इस्टीमेट
बताया गया कि हाइट गेज के काम के साथ ही विद्युतीकरण के लिए आवश्यक खंभों की निविदा प्रक्रिया भी जल्द ही आरंभ होनी है. इन खंभों को पोर्टल कहा जाता है. पोर्टल का इस्टीमेट भी बन चुका है. इसके लिए रेलवे की वर्तमान व्यवस्था के तहत इ-टेंडर होगा. संभावना है कि कुछ ही दिनों में इ-टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जायेगी. इस प्रक्रिया को पूरी कर लेने के बाद विद्युतीकरण के लिए तार की आवश्यकता होगी. इसे रेल की भाषा में कैटेनरी वायर कहा जाता है. इसी वायर के सहारे विद्युत चलित इंजन का परिचालन हो पाता है. पोर्टल की निविदा प्रक्रिया पूरी करने के बाद कैटेनरी वायर की निविदा की प्रक्रिया भी शुरू की जायेगी. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कब से जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर प्रस्तावित विद्युतीकरण का कार्य आरंभ हो पायेगा.
कुल 32 रेलवे स्टेशन होंगे लाभान्वित
अंगरेजों द्वारा निर्मित रेल इंजन कारखाना के निर्माण के पूर्व ही इस रेलखंड को हावड़ा से जोड़ा गया था. इसके बाद से इस रेलमार्ग का समुचित विकास नहीं हो पाया था. अभी भी साहेबगंज-भागलपुर-जमालपुर-किऊल रेलमार्ग पर कई स्थानों पर दोहरीकरण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है. जबकि इस रेलखंड पर छोटे-बड़े कुल 32 रेलवे स्टेशन हैं, जिनसे रेलवे को गाढ़ी कमाई भी होती है. विद्युतिकरण का कार्य पूरा होने से इन सभी रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

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