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बिहार-झारखंड को अब भी है पेट्रोल-डीजल की कीमतों के घटने का इंतजार

नयी दिल्लीः देश में पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती करने के साथ ही राज्यों से वैट की दरों को कम करने की अपील थी. केंद्र की इस अपील पर देश के गुजरात-महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों ने अपने यहां इन […]

नयी दिल्लीः देश में पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती करने के साथ ही राज्यों से वैट की दरों को कम करने की अपील थी. केंद्र की इस अपील पर देश के गुजरात-महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों ने अपने यहां इन दोनों पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को कम करने के लिए वैट की दरों में कटौती तो कर दी है, लेकिन भाजपा शासित राज्यों में शुमार झारखंड आैर एनडीए शासित बिहार के लोगों को अब भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी होने का इंतजार है. इसका कारण यह है कि इन दोनों राज्यों की सरकारों ने अभी तक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर लगने वाले वैट की दरों को कम करने का एेलान नहीं किया है.

इसे भी पढ़ेंः गुजरात चुनाव का असरः केंद्र ने घटायी जीएसटी, तो गुजरात ने घटाये पेट्रोल-डीजल के दाम

गौरतलब है कि इसी हफ्ते मंगलवार को गुजरात सरकार की आेर से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम किये जाने के बाद महाराष्ट्र ने भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती कर करने का एेलान कर दिया था. महाराष्ट्र में पेट्रोल 2 रुपये और डीजल 1 रुपये सस्ता किया गया है. डीजल-पेट्रोल की नयी दरें मंगलवार आधी रात से लागू हो जायेंगी. महाराष्ट्र से पहले गुजरात ने भी र्इंधन पर लगने वाले वैट में 4 फीसदी की कटौती की थी, जिसके बाद वहां पेट्रोल की कीमतों में 2.93 रुपये और डीजल की कीमत में 2.72 रुपये की कमी आयी.

केंद्र सरकार ने दो रुपये घटाये उत्पाद शुल्क

इससे पहले पिछले बुधवार को ही केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाली उत्पाद शुल्क 2 रुपये कम कर ली थी. केंद्र ने राज्य सरकारों से भी अपील की थी कि वे वैट में कमी करें, ताकि जनता को इसका फायदा हो. इसके बाद महाराष्ट्र ने भी वैट कम करने को लेकर विचार करने को कहा था.

पिछले गुरुवार को ही केंद्र ने राज्य सरकारों से की थी अपील

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते हफ्ते गुरुवार को ही देश की राज्य सरकारों से अपील की थी कि वे पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट की दर को कम करें. जेटली ने कहा था कि राज्य ऐसा कर आम उपभोक्ताओं को ईंधन की ऊंची कीमतों से थोड़ी राहत दे सकते हैं. जेटली ने इसके पहले केंद्र सरकार की आेर से पेट्रोल व डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद राज्यों से अपील की थी. हालांकि, इससे केंद्र सरकार पर 26000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने के आसार हैं.

नीतीश कुमार ने केंद्र से ही की बेस प्राइस घटाने की मांग

केंद्र की इस अपील पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से पेट्रोल और डीजल का बेस प्राइस घटाने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बेस प्राइस घटने से वैट अपने आप घट जायेगा और दाम में कमी आ जायेगी. नीतीश कुमार का मानना है कि बिहार में बेस प्राइस ज्यादा है. नीतीश ने कहा कि बिहार में पेट्रोल और डीजल का बेस प्राइस झारखंड से भी ज्यादा है. झारखंड में बेस प्राइज 51 रुपये है, जबकि बिहार में 55 रुपये से भी ज्यादा है. पिछले दिनों पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और नीतीश कुमार की इस मुद्दे पर बातचीत भी हुई थी.

रघुवर ने केंद्र की अपील पर अभी तक नहीं दिया कोर्इ भरोसा

वहीं, केंद्र सरकार की अपील पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की आेर से अभी तक उपभोक्ताआें को किसी तरह का भरोसा नहीं दिया गया है. अलबत्ता, विपक्ष के नेता हेमंत कुमार ने सरकार से पेट्रोल-डीजल की कीमत आधा करने की मांग थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को आधा नहीं करती है, तो वह झारखंड बंद करेंगे. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि झारखंड सरकार पेट्रोल-डीजल पर 22 प्रतिशत टैक्स वसूल रही है़ उसके ऊपर एक रुपये प्रति लीटर उपकर भी लिया जा रहा है़ सरकार प्रति वर्ष 25 सौ करोड़ रुपये आम लोगों से वसूल रही है़ . उन्होंने कहा था कि अगर सरकार 30 अक्तूबर तक मांग नहीं मानती है, तो झारखंड बंद बुलाया जायेगा़.

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