कानपुर : मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के डॉक्टरों पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसके बुखार से पीड़ित बच्चे का समय पर इलाज नहीं किया गया जिससे उसकी मौत हो गयी. इस व्यक्ति सुनील कुमार का आरोप है कि वह बच्चे को कंधे पर लेकर अस्पताल के एक विभाग से दूसरे विभाग में भटकता रहा लेकिन उसके बच्चे का पर्याप्त इलाज नहीं हुआ. लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ नवनीत कुमार का कहना है कि बच्चे को जब अस्पताल लाया गया था उससे पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी.
इधर-उधर दौड़ाते रहे डॉक्टर
हालांकि आज उन्होंने इस घटना की जांच के आदेश भी दे दिये हैं तथा बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में तीन डॉक्टरों की एक कमेटी गठित कर दी है जिसे तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. दूसरी ओर कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिये है. रविवार 28 अगस्त को सुनील कुमार अपने बारह साल के बच्चे अंशु को बुखार की शिकायत को लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड लेकर आये थे. उनका आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बच्चे को एक विभाग से दूसरे विभाग ले जाने को कहा और इस बीच बच्चे की मौत हो गयी.
पिता ने लगाया डॉक्टरों पर आरोप
उनका आरोप है कि अगर डॉक्टरों ने समय पर उनके बच्चे का इलाज कर दिया होता तो वह बच सकता था. प्रिसिंपल डॉ कुमार ने कहा कि आज उन्होंने बाल रोग विभाग के एचओडी की अध्यक्षता में इस मामले मे तीन डॉक्टरों की एक कमेटी गठित कर दी है. अगर हमारे डॉक्टरों की लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई की जायेगी. उधर कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने आज इस मामले की जांच के लिये एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट और एडिशनल सीएमओ की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है. यह जांच हैलट अस्पताल जाकर डॉक्टरों तथा अंशु के पिता के बयान लेगी उसके बाद तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट डीएम को सौपेंगी. इस रिपोर्ट के बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी.