लखनऊ : मुजफ्फरनगर के खतौली में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. JE,SSR,AEN को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि चीफ ट्रैक इंजीनियर का ट्रांसफर कर दिया गया है. वहीं दिल्ली के सीनियर DEN को भी सस्पेंड किया गया है. NR के चीफ ट्रैक इंजीनियर को छुट्टी पर भेज दिया गया.
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में आज खतौली जीआरपी पुलिस थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस महानिदेशक कार्यालय द्वारा आज जारी एक बयान में बताया गया कि कल 19. 08.17 को समय करीब 17:45 बजे पुरी से हरिद्वार जा रही ट्रेन संख्या 18477 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस खतौली रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर कर दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी. इस संबंध में थाना जीआरपी उप निरीक्षक अजय कुमार सिंह चौकी प्रभारी जीआरपी खतौली द्वारा आज दोपहर 23:30 बजे रेलवे एक्ट बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया. मामले की जांच की जा रही है.
मुजफ्फरनगर रेल हादसे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घटनास्थल पर भेजे गये कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने आज बताया कि 50 से अधिक यात्री अस्पतालों से उपचार के बाद अपने घर रवाना हो गये. कल शाम मुजफ्फरनगर के खतौली के पास कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी जिसमें 20 से अधिक यात्रियों की मौत हो गयी थी तथा 150 से अधिक यात्री घायल हो गये थे.
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना को मुजफ्फरनगर रवाना किया था. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर और मेरठ के पांच सरकारी और निजी अस्पतालों में अभी 102 घायल यात्रियों का इलाज किया जा रहा है. इन यात्रियों को सभी दवायें और परीक्षण पूरी तरह से नि:शुल्क किये जा रहे हैं. यात्रियों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.
जिन यात्रियों के परिजन मुजफ्फरनगर पहुंच गये हैं उनके रहने और खाने-पीने का पूरा इंतजाम प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा जो घायल यात्री अपनी हालत को बेहतर बता रहे थे उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार कर रही है.
महाना ने कहा कि वह खुद एक-एक घायल यात्री और उसके परिजनों से मिल रहे हैं और उनको किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. पहचान कर लिये गए शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंपने और घर पहुंचाने की भी व्यवस्था की गयी है. मुजफ्फरनगर और मेरठ के पुलिस प्रशासनिक और रेलवे अधिकारी पूरी मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं.
*जांच में लापरवाही के संकेत मिले
उत्कल एक्सप्रेस के यहां पटरी से उतरने का कारण स्थानीय स्तर पर लापरवाही प्रतीत होती है. यह हाल के समय में भीषण दुर्घटनाओं में से एक है जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा जख्मी हो गए जिनमें 26 की हालत गंभीर है.अधिकारियों ने आज कहा कि कल शाम रेलगाडी के पटरी से उतरने के कारणों का पता लगाने के आदेश दे दिए गए हैं और रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को प्रथमदृष्टया साक्ष्य के आधार पर जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया.
दिल्ली डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) आर. एन. सिंह ने बताया कि ओडिशा के पुरी से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही रेलगाडी में 23 कोच थे जिनमें से 13 पटरी से उतर गए. उन्होंने कहा कि सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ रही रेलगाडी के छह कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एक कोच एक घर में घुस गया.
खतौली के नजदीक रेल पटरियों को साफ करने के लिए रेलवे ने अत्याधुनिक क्रेन और काफी संख्या में कामगारों को तैनात किया है. पटरी से उतरी बोगियों को हटाने के लिए आज सुबह से ही 140 टन के दो क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनसे कल देर रात तक लोगों को बचाया गया और शवों को बाहर निकाला गया. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल का बचाव अभियान रात करीब तीन बजे तक चला था.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की ओर से चलाया गया बचाव अभियान आज तडके करीब तीन बजे पूरा हुआ. तेज गति से आ रही उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे कल उत्तर प्रदेश के खतौली के निकट पटरी से उतर गये. इनमें से एक डिब्बा रेलवे पटरी के पास मौजूद एक घर से जा टकराया. दुर्घटना में 21 यात्रियों की मौत हो गयी है.
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि घायलों में से कई की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया, उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में कुल 156 लोग घायल हुए हैं और उनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है. घटना के बारे में जानने के लिए उत्सुक लोगों की भीड़ घटनास्थल पर आज सुबह जमा हो गयी. दो कोचों को वहां से खींचकर पटरी से दूर जमीन पर रख दिया गया.
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी जी एस प्रियदर्शी के मुताबिक गाजियाबाद के एक अस्पताल में सुशील कुमार नाम के एक आदमी की मौत के साथ ही हादसे में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है. इनमें से 15 शवों की पहचान हो गई है. उत्तरप्रदेश सरकार के प्रधान सचिव (सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि ट्रेन के पटरी से उतरने से 156 व्यक्ति जख्मी हो गए और उनमें से कई की हालत गंभीर है.
रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात मोहम्मद जमशेद ने नई दिल्ली में कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि पटरियों पर मरम्मत का काम चल रहा था जो रेलगाडी के डिब्बों के पटरी से उतरने का कारण हो सकता है. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पटरियों के पास मरम्मत के सामान देखे हैं. वह दुर्घटनास्थल पर रवाना हो चुके हैं.
जमशेद ने बताया, ‘ ‘प्रथमदृष्टया लगता है कि पटरियों पर मरम्मत का काम चल रहा था… मरम्मत का कुछ काम चल रहा था जो उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने का कारण हो सकता है. उन्होंने कहा कि जांच से पता चलेगा कि क्या पटरियों पर बिना अनुमति के मरम्मत कार्य चल रहा था.
रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक कल से जांच की शुरुआत करेंगे जो हर बिंदु पर जांच करेंगे चाहे वह तोड़फोड़ हो, तकनीकी खामी हो या मानवीय भूल हो. जमशेद ने बताया कि रेल पुलिस ने खतौली में मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
वहीं कांग्रेस ने आज कहा कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु को उत्कल एक्सप्रेस हादसे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और उन पर लापरवाही में नये रिकॉर्ड बनाने का आरोप लगाया. कांग्रेस के संचार प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां कहा, ‘ ‘मोदी सरकार का सुरक्षा रिकॉर्ड काफी खराब रहा है जो मई 2014 से 27 बड़ी रेल दुर्घटनाओं से झलकता है. इन दुर्घटनाओं में 259 यात्रियों की मौत हो चुकी है और 899 गंभीर रुप से जख्मी हुए. सुरजेवाला ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि संवाद में कमी की वजह से हरिद्वार जाने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस खतौली में पटरी से उतर गई.
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