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महा गठबंधन से अलग हुए मुलायम, बिहार में लालू-नीतीश के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

लखनऊ : भाजपा विरोधी महागठबंधन को बिहार चुनाव से पहले एक बड़ा झटका देते हुए आज समाजवादी पार्टी उससे अलग हो गयी और उसने कहा कि उसे महज पांच सीट आवंटित किये जाने से वह अपमानित महसूस कर रही है तथा वह अब अपने बूते चुनाव लडेगी. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में संवाददाताओं […]

लखनऊ : भाजपा विरोधी महागठबंधन को बिहार चुनाव से पहले एक बड़ा झटका देते हुए आज समाजवादी पार्टी उससे अलग हो गयी और उसने कहा कि उसे महज पांच सीट आवंटित किये जाने से वह अपमानित महसूस कर रही है तथा वह अब अपने बूते चुनाव लडेगी.

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, बिहार में पार्टी अलग से चुनाव लडेगी. गठबंधन की बड़ी पार्टियों ने सीटों के बारे में तय करते समय हमारे साथ विचार विमर्श नहीं किया जिसके कारण सपा अपमानित महसूस कर रही है. यह गठबंधन धर्म नहीं है.

गठबंधन से बाहर निकलने का निर्णय सपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में किया गया. मुलायम ने ही नीतीश कुमार एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बीच दोस्ती करवाई थी और राजद प्रमुख को इस बात के लिए मनाया था कि नीतीश को धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के बिहार मुख्यमंत्री प्रत्याशी के रुप में पेश किया जाए.

यह घटनाक्रम बिहार चुनाव के कई हफ्तों पहले हुआ जिससे राज्य में धर्मनिरपेक्ष वोटों का बंटवारा होने की आशंका है. इसी वर्ग के वोटों पर जदयू…राजद..कांग्रेस गठबंधन की नजर लगी हुई है. बहरहाल, जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने इस मामले में दावा किया कि सपा के साथ मतभेदों को दूर किया जाएगा तथा गठबंधन बरकरार रहेगा.

आज के घटनाक्रम से तत्कालीन जनता परिवार से अलग होकर बने छह दलों…सपा, राजद, जदयू, जदएस, इनेलो और समाजवादी जनता पार्टी के एककीकरण की संभावनाएं खतरे में पड गयी हैं. इन पार्टियों ने इस साल अप्रैल में घोषणा की थी कि बिहार चुनाव के बाद एकीकरण को औपचारिक रुप दिया जाएगा. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि यह प्रमुख धर्मनिरपेक्ष गठबंधन घटकों का फर्ज था कि वे सीटों के बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रुप देने से पहले सपा से विचार विमर्श करते.

उन्होंने कहा, हमें इसकी जानकारी मीडिया के जरिये मिली. यह गठबंधन धर्म नहीं है तथा सपा अपमानित महसूस कर रही है. गठबंधन के लिए खतरा उत्पन्न होने के साथ ही जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मुलायम सिंह से बात की तथा उम्मीद जतायी कि समाधान निकाल लिया जाएगा. सपा के गठबंधन से हटने की घोषणा के कुछ घंटे बाद शरद ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, हम बहुत पुराने सहयोगी है मुझे भाई मुलायम से बात करनी होगी. मेरी एक बार उनसे बात हुई थी. मैं उनसे फिर बात करुंगा. हम अंतत: इसका समाधान निकालेंगे.

जदयू प्रमुख ने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि सपा भाजपा के हाथों में खेल रही है और इसीलिए वह धर्मनिरपेक्ष गठबंधन से बाहर आयी हैं. शरद ने कहा, यह कोण सही नहीं है. मुलायम सिंह यादव (राजनीति में) कोई नये नहीं है. एक समय था कि उन्हें मौलाना मुलायम का खिताब दिया गया. कृपया इस तरह का कोई मतलब मत निकालिए. राजनीतिक नेता एक दूसरे से मिलते रहते हैं. मैं भी कई पार्टियों के नेताओं से मिलता हूं. क्या इसका मतलब है कि मैं उनकी तरह काम कर रहा हूं. उन्होंने कहा, जो समस्या उत्पन्न हुई है हम उसका समाधान करेंगे. आपको यह देखना चाहिए कि देश में सभी तरह के विरोधाभास हैं.

शरद उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या उन्हें संदेह है कि सपा बिहार में गठबंधन से अलग होकर भाजपा द्वारा लिखी गयी पटकथा पर काम कर रही है. मुलायम सिंह यादव ने कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी जबकि पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने राजग घटक दलों की बैठक से पहले भाजपा प्रमुख अमित शाह से सोमवार को कथित रुप से मुलाकात की थी.

जनता परिवार के विलय से संबंधित सवाल पूछे जाने रामगोपाल यादव ने कहा मैं जानता था कि बिहार चुनाव के वक्त ये सभी पार्टियां अलग-अलग हो जाएंगी और उनमें समझौता नहीं हो सकता. इसीलिये मैंने कहा था कि मैं जानबूझकर सपा के ‘डेथ वारंट’ पर दस्तखत नहीं कर सकता. इस सबके बाद यह कहने की गुंजाइश बचती ही नहीं कि यह परिवार कभी एक हो रहा था.

उन्होंने कहा कि पार्टी इस बात से अप्रसन्न है कि राज्य विधानसभा की 243 सीटों में से उसे दो या पांच सीटों की पेशकश की गयी है. यादव ने बताया कि सपा को उसके सहयोगी दल जितनी सीटें दे रहे थे, उससे कई गुना ज्यादा तो सपा अपने बलबूते जीतेगी. सपा गठबंधन के प्रमुख दलों द्वारा उन्हें बहुत कम सीटे दिये जाने के कारण उससे बाहर आने वाली दूसरी पार्टी है. इससे पहले शरद पवार की राकांपा ने भी गठबंधन को छोड़ दिया था.

नीतीश कुमार एवं लालू प्रसाद ने सीटों के बंटवारे की जो घोषणा की थी उसके अनुसार जदयू एवं राजद को सौ..सौ सीटें दी जाएंगी जबकि कांगे्रस को 40 सीटें मिलेंगी. शेष तीन सीटों को राकांपा को दिए जाने की बात थी. लेकिन इतनी कम सीटों की पेशकश से असंतुष्ट हुए राकांपा ने गठबंधन को छोड़ दिया.

मुलायम के साथ पारिवारिक रिश्ते रखने वाले लालू ने कहा कि यदि जरुरत पडी तो वह सपा को कुछ सीटें दे सकती हैं. राकांपा के गठबंधन से अलग हटने के बाद उसकी तीन सीटों तथा राजद के हिस्से की दो सीटों को मिलाकर पांच सीटें सपा को पेश की गयी.

रामगोपाल ने कहा कि सपा ने अपने कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए बिहार में सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का फैसला किया. भले ही बिहार में सपा कम प्रभाव रखने वाली पार्टी हो लेकिन गठबंधन में उसकी उपस्थिति से धर्मनिरपेक्ष वोट अधिक लामबंद होंगे. सपा ने पिछले चुनाव में 146 उम्मीदवार उतारे थे और कुल मतों में 0.55 प्रतिशत मत हासिल किए थे.

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