लखनऊ : देश को झकझोर देने वाले दादरी काण्ड के पीडित परिवार ने मांस के नमूनों की फोरेंसिक जांच की सत्यता पर संदेह जाहिर करते हुए अपने खिलाफ दर्ज गोहत्या के मुकदमे में गिरफ्तारी पर रोक के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. परिवार के वकील असद हयात ने आज यहां राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि दादरी काण्ड में भीड़ के हाथों मारे गये अखलाक का परिवार अपने खिलाफ दर्ज गोहत्या के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिये अदालत में याचिका दायर करेगा.
सीएम अखिलेश से मिलेगा परिवार
इस मौके पर मौजूद अखलाक के बेटे सरताज ने कहा कि हाल में गौतमबुद्धनगर की अदालत में दाखिल की गयी मांस की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में कई कमियां हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार अपने मुखिया की हत्या को लेकर बेजार है लेकिन उसे ही अपराधी की तरह देखा जा रहा है. इस शिकायत को लेकर वह पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं और जरूरत पड़ी तो दोबारा भी मिलेंगे.
सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप
राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने इस मौके पर आरोप लगाया कि दादरी कांड से संबंधित मांस के नमूनों की फोरेंसिक जांच के दौरान उनसे छेड़छाड़ की गयी है. जो मांस जांच के लिये भेजा गया वह अखलाक के घर से 150 मीटर दूर पड़ा था. उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में जांच के लिये दो किलोग्राम मांस भेजा गया था, लेकिन रिपोर्ट में उसका वजन पांच किलोग्राम बताया गया है. इसका मतलब है कि बाद में उसमें गौमांस मिलाया गया. इसके अलावा दादरी की प्रयोगशाला से पुलिस ने प्लास्टिक के दो बर्तनों में नमूने भेजे थे, लेकिन मथुरा की प्रयोगशाला में जो मांस पहुंचा वह शीशे के बर्तनों में रखा था.
दादरी में हुई थी दर्दनाक घटना
मालूम हो कि पिछले साल 28 सितंबर को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गौहत्या करके मांस को घर में रखने का आरोप लगाते हुए घर में घुसी भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके बेटे दानिश को गम्भीर रूप से घायल कर दिया था. इस मामले में कुछ स्थानीय लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच की गयी थी। इस मामले में गौतमबुद्धनगर की एक अदालत में हाल में दाखिल फॉरेंसिक रिपोर्ट में नमूने के कहा गया था कि अखलाक के घर से बरामद मांस गौमांस ही था. इसके बाद अखलाक के परिजन के खिलाफ गौहत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.