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अखिलेश गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया

लखनऊ/नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्‍योंकि चुनाव आयोग की ओर से अखिलेश को चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ देने के फैसले को कोई चुनौती न दे पाये. अखिलेश गुट की ओर से कोर्ट में कैविएट दायर कर मुलायम सिंह यादव […]

लखनऊ/नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्‍योंकि चुनाव आयोग की ओर से अखिलेश को चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ देने के फैसले को कोई चुनौती न दे पाये. अखिलेश गुट की ओर से कोर्ट में कैविएट दायर कर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाले गुट के किसी भी संभावित प्रयास को रोक दिया है.

अखिलेश गुट के सपा नेता राम गोपाल यादव तथा अन्य ने कैविएट दायर करके अनुरोध किया कि उन्हें सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए. अधिवक्ता एमआर शमशाद ने कहा, ‘‘कल शाम निर्देश मिलने के बाद कैविएट दायर किया गया.’ हालांकि दिन के घटनाक्रम के बाद कैविएट का ज्यादा महत्व नहीं रह जाता क्योंकि अखिलेश ने अपने पिता से मिलने के बाद कहा कि वह मुलायम को अपने साथ ले आएंगे और उन्होंने अपने संबंधों को ‘‘अटूट’ बताया.

विधि घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि मुलायम सिंह गुट के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने की संभावना नहीं है. आयोग ने कल अखिलेश गुट को चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ दिया था.

डेवलपमेंट 5 : मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर कल समाजवादी पार्टी की पहली सूची जारी करे सकते हैं. हालांकि अखिलेश और मुलायम ने अलग-अलग उम्‍मीदवारों की सूची जारी की थी, लेकिन सपा के अंदर जारी दंगल में उसे ठंडे बस्‍ते में डाल दिया गया. अब अखिलेश पिता मुलायम के 38 उम्‍मीदवारों की सूची को लेकर नयी लिस्‍ट जारी कर सकते हैं. हालांकि यह तय नहीं हुआ है कि मुलायम की ओर से सौंपी गयी सूची में अखिलेश कितने को टिकट देते हैं. इधर 5 कालिदास मार्ग में अखिलेश यादव बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा भी शामिल हैं.

डेवलपमेंट 4 :बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में शिवपाल यादव ने आज दिन में मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने शिवपाल सहित सभी विरोधी ताकतों को अखिलेश के खिलाफ नरम रुख रखने को कहा है और चुनाव में सभी को एक साथ आने को कहा है. ऐसे में शिवपाल के अगले कदम परसबकी नजरें टिकी हैं.एक महत्वपूर्ण बात यह कि पहले अखिलेश के हर राजनीतिक वार परजवाबीवार के लिए मुलायम सिंह मीडिया के सामने आते थे, लेकिन अब वहमीडिया से दूर अपने घर से सारे राजनीतिक घटनाक्रमपरनजर रख रहे हैं और सार्वजनिक बयानबाजी से बचरहे हैं.

डेवलपमेंट 3 :उधर, उत्तरप्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच आज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजीत सिंह से बात की. समझा जाता है कि गुलाम नबी आजाद ने उन्हें अखिलेश के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश में आकार ले रहे महागंठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है. अगर, रालोद महागंठबंधन में शामिल होगा, तो पश्चिमी उत्तरप्रदेश में इसका उसे बड़ा लाभ हो सकता है और जाट वोट एकमुश्त उसकी झोली में आ सकते हैं.

डेवलपमेंट 2 :एनडीटीवीने खबर दी है कि मुलायम सिंह यादव ने मुलाकात करने आये अखिलेश यादव को अपनी ओर से38उम्मीदवारों की एक सूची सौंपी है, जिसमें शिवपाल यादव का नाम शामिल नहीं है. हालांकि उन लोगों का नाम शामिल है, जिन्हें अखिलेश ने कैबिनेट से बाहर किया था. मुलायम द्वारा सौंपी गयी सूची में शिवपाल के बेटे आदित्य यादव का नाम शामिल है. शिवपाल के खास लोगों अंबिका चौधरी, ओमप्रकाश सिंह, नारद राय, शादाब फातिमा का नाम इसमें शामिल है. कहा जा रहा है कि मुलायम अब अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, जिससे अखिलेश की राह में अवरोध नहीं आ सकेगा.


डेवलपमेंट 1 :अखिलेश के द्वारा कांग्रेस से गंठबंधन का एलान किये जाने के कुछ ही समय बाद गुलाम नबी आजाद ने भी एलान कर दिया कि दोनों दलों में गठजोड़ होगा. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर केंद्रीय नेतृत्व बात करेगा. वहीं, उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने इस पद की दावेदारी से अपना नाम वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि गंठबंधन में दो मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कहा कि वह हमेशा अपने पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर चलेंगे और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा. चुनाव आयोग के समक्ष ‘साइकिल’ की लड़ाई में मिली जीत के बाद अखिलेश ने बधाई देने वाले मंत्रियों, विधायकों और समर्थकों के बीच संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्हें सपा का आधिकारिक चुनाव निशान ‘साइकिल’ मिलने का पूरा भरोसा था.

उन्होंने कहा कि अब उनके सामने विधानसभा चुनाव जीतने की चुनौती है. वह कल रात अपने पिता मुलायम से आशीर्वाद लेने गये थे. वह हमेशा उन्हें साथ लेकर चलेंगे. यह रिश्ता अटूट है. अगला चुनाव उनके मार्गदर्शन में लड़ा जाएगा. ‘‘अब मुझ परबड़ी जिम्मेदारी है, इसके लिये सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का सहयोग चाहिये.’ मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना के सवाल पर कहा कि इस तालमेल पर निर्णय एक-दो दिन में ले लिया जाएगा। इस बारे में औपचारिक ऐलान लखनऊ में किया जाएगा.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अभी इसकेलिए इंतजार करना होगा.

मालूम हो कि मुख्यमंत्री कांग्रेस के साथ गठबंधन की हिमायत बार-बार करते रहे हैं. उनका कहना है कि वैसे तो सपा अपने दम पर सरकार बनाने लायक बहुमत हासिल कर लेगी, लेकिन अगर कांग्रेस का साथ मिला तो वह 403 में से 300 से ज्यादा सीटें जीत लेगी.

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