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पिता की मौत के 36 बरस बाद भी नहीं मिली अनुकंपा पर नौकरी

खगड़िया : शिक्षक पिता की मौत हुए 36 साल बीत गये लेकिन आज तक उनके पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिये दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है. वर्ष 1981 में धमारा रेल दुर्घटना में रामगंज संसारपुर उच्च विद्यालय में कार्यरत शिक्षक गुलाब प्रसाद की भी मौत हुई थी. तब से […]

खगड़िया : शिक्षक पिता की मौत हुए 36 साल बीत गये लेकिन आज तक उनके पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिये दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है. वर्ष 1981 में धमारा रेल दुर्घटना में रामगंज संसारपुर उच्च विद्यालय में कार्यरत शिक्षक गुलाब प्रसाद की भी मौत हुई थी. तब से ही इनके परिजन अनुकंपा के आधार नौकरी पाने के लिए कार्यालय के चक्कर लगा रहे है. लेकिन यह इनका सफर भी पूरा नहीं हुआ है. डीएम से लेकर सीएम तक

इस मृतक शिक्षक के परिजन न्याय की गुहार लगा चुके है. लेकिन 36 वर्ष बीत जाने के बाद भी इनके पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिल पाई है. पहले इनकी पत्नी तारा देवी सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाती रही. लेकिन अब कई वर्षों से इनके पुत्र कार्यालयों के चक्कर लगा रहे है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस मृतक शिक्षक के पुत्र ने अब भी उम्मीद नहीं छोड़ी है. अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए रमेश ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है. जहां इनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया गया है.

आरंभ हुई सुनवाई : शिकायतकर्ता रमेश कुमार के आवेदन तथा प्रस्तुत किये गए साक्ष्य की समीक्षा के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने सुनवाई आरंभ करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी से जवाब मांगा. बताया जाता है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रारंभिक रिपोर्ट सुनवाई पदाधिकारी को भेजा है. जिसमें विभाग ने यह स्वीकार किया है कि शिकायतकर्ता की मां ने अपने पति की मृत्यु के उपरांत अपने पुत्र के नौकरी के लिए आवेदन दिया था. इनके आवेदन को संसारपुर उच्च विद्यालय के द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक मुंगेर को भेजा गया था. तब खगड़िया भी मुंगेर जिले का ही हिस्सा था.
तीन वर्ष बाद मिली नौकरी : वहीं एक दूसरे मामले में शिक्षक पुत्र के आखिरकार तीन वर्ष बाद नौकरी मिल गई. शिक्षा विभाग के बाबुओं के कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके आशुतोष रंजन ने भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए जिला स्तर शिकायत दर्ज कराई थी. इनकी शिकायत के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन शिक्षा अधिकारी ने डीपीजीआरओ को यह बताया था कि इनका मामला गोगरी प्रखंड नियोजन समिति के पास लंबित है.
डीइओ के रिपोर्ट के बाद डीपीजीआरओ विजय कुमार सिंह ने नियोजन समिति के सचिव सह बीडीओ गोगरी को नोटिस जारी कर रिपोर्ट सहित सुनवाई में भाग लेने का आदेश जारी किया. जानकारी के मुताबिक डीपीजीआरओ के नोटिस के बाद इस मामले में तेजी लाई गई एवं कार्रवाई बीडीओ ने जिलास्तर पर यह रिपोर्ट भेजी है. कि आवेदक मृतक शिक्षक पुत्र आशुतोष रंजन को नियोजन पत्र उपलब्ध करा दिया गया है. इन्हें अनुकंपा के आधार पर शिक्षक की नौकरी दी गई है.
वर्ष 1981 में धमारा घाट स्टेशन के समीप रेल दुर्घटना में शिक्षक गुलाब प्रसाद की हो गयी थी मौत
खगड़िया के रामगंज संसारपुर उच्च विद्यालय में तैनात थे शिक्षक, नौकरी के लिये भटक रहा बेटा
डीएम से लेकर सीएम तक लगायी फरियाद रह गयी अनसुनी, डीपीजीआरओ ने की सुनवाई
एक अन्य मामले में तीन वर्ष बाद मिली अनुकंपाधारी को नौकरी, शिक्षक पुत्र को भी न्याय की आस
जगी उम्मीद, मिलेगा न्याय
शिक्षा पदाधिकारी के आरंभिक रिपोर्ट के बाद रमेश को नौकरी मिलने की कुछ उम्मीद जगी है. सुनवाई पदाधिकारी सह डीपीजीआरओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट हुई है. मृतक शिक्षक की पत्नी ने अपने पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दिलाने के लिए आवेदन दिया था. इस बात की रिपोर्ट में उल्लेख भी है. इसके अलावे शिकायतकर्ता ने तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव को भी आवेदन दिया था. जिसपर इन्हें नौकरी देने का आदेश जारी किये जाने की बातें भी सामने आ रही है. इन्होंने कहा कि फिलहाल अभी सुनवाई जारी है. विभागीय नियमों,आवेदक के दावे सहित सभी पहलुओं की समीक्षा की जा रही है.

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