आरोपित अभियंता को बचा रहा विभाग
खगड़िया : करीब 20 महीने पूर्व बनी सड़क टूटने के मामले में कटघरे में आये अभियंता को विभाग बचा रहा है. तभी तो सरकारी राशि के बंदरबांट के इस मामले में अब तक ना तो संबंधित अभियंता पर शिकंजा कसा गया है और ना ही संवेदक पर ही कोई कार्रवाई हो पायी है. जबकि तेलिहार […]
खगड़िया : करीब 20 महीने पूर्व बनी सड़क टूटने के मामले में कटघरे में आये अभियंता को विभाग बचा रहा है. तभी तो सरकारी राशि के बंदरबांट के इस मामले में अब तक ना तो संबंधित अभियंता पर शिकंजा कसा गया है और ना ही संवेदक पर ही कोई कार्रवाई हो पायी है.
जबकि तेलिहार गांव में करीब 20 माह पूर्व बनाए गए घटिया सड़क के मरम्मत का कार्य अब तक आरंभ नहीं हो पाया है.
स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता ने लोक शिकायत निवारण अधिकारी को यह रिपोर्ट दी थी कि उन्होंने जर्जर सड़क के मरम्मत का कार्य करने का आदेश विभाग के कनीय अभियंता विनोद कुमार को दिया है. लेकिन धरातल पर की सच्चाई कुछ और ही है. हैरानी की बात तो यह है कि अब तक मरम्मत का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है. जबकि करीब दो माह पूर्व ही उक्त सड़क के मरम्मत कराने का आदेश दिये जाने की बात कार्यपालक अभियंता ने अपने रिपोर्ट में कही थी.
इधर कार्य आरंभ नहीं होने से स्थानीय स्तर पर तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि मरम्मती कराने के आदेश कहीं सिर्फ खानापूर्ती तो नहीं थी. दिख भी कुछ ऐसा ही रहा है. विभागीय अभियंता इस मामले में कुछ बोलने से परहेज करते नजर आ रहे है. बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव में करबी 10 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2015 में बनाई गई सड़क की स्थिति काफी खराब है. स्थानीय लोग बतातें हैं कि निर्माण की गुणवत्ता इतनी घटिया थी कि बनने की साथ ही सड़क की गिट्टी दिखने लगी थी.
पूरा खेल फाइलों में दब जाता अगर गांव के ही मृत्यंजय कुमार ने इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई होती. लोक शिकायत एडीएम के आदेश पर जब जांच हुई तो यह साफ हो गया कि सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है. जबकि सड़क का निर्माण महज एक वर्ष 8 माह पूर्व ही हुआ था. जांच के बाद से ही विभागीय कार्यपालक अभियंता की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे.
You May Like