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बोकारो की अंशिका ने पीएम मोदी से पूछा सफलता की रेसिपी पर सवाल, पीएम बोले ऐसा नहीं होता

बोकारो. शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विद्यालय-01 बोकारो की छात्रा अंशिका मिंज सहित देश के विभिन्न राज्यों के नौ छात्र-छात्राओं के सवालों का जवाब दिया. अंशिका झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रही थी. सवाल-जवाब के पहले अंशिका की उपलब्धियों के बारे में बताया गया. बोकारो डीसी ऑफिस एनआइसी […]

बोकारो. शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विद्यालय-01 बोकारो की छात्रा अंशिका मिंज सहित देश के विभिन्न राज्यों के नौ छात्र-छात्राओं के सवालों का जवाब दिया. अंशिका झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रही थी. सवाल-जवाब के पहले अंशिका की उपलब्धियों के बारे में बताया गया. बोकारो डीसी ऑफिस एनआइसी कार्यालय में कार्यक्रम के लिए बाकायदे पूरी तैयारी की गयी थी. 16 छात्र-छात्रओं ने एनआइसी बोकारो में पीएम का संबोधन सुना. प्रस्तुत है अंशिका का पीएम से सीधा संवाद :
अंशिका मिंज : जोहार आदरणीय !
पीएम मोदी : जय जय जोहार जोहार
अंशिका मिंज : सर, मेरा आपसे यह सवाल है कि आपकी नजर में किसी छात्र के लिए सफलता की क्या रेसिपी हो सकती है?
पीएम मोदी : देखिए , सफलता के लिए कोई रेसिपी नहीं हो सकती है और होनी भी नहीं चाहिए. ठान लेना चाहिए कि विफल होना नहीं है. और जो यह ठान लेता है, कभी न कभी सफलता उसके कदम चूमती है. विफलता को कभी सपनों का कब्रिस्तान नहीं बनने देना चाहिए. विफलताओं को हमें सपनों को पूरा करने की सीख लेने का आधार बनाना चाहिए. एक फाउंडेशन बनाना चाहिए. और जो विफलता से सीखता है, वही सफल होता है.
दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हो सकता, जिसको विफलता नहीं मिली हो और सिर्फ सफलता ही सफलता मिली हो. इसलिए विफलता की तरफ देखने का दृष्टिकोण सफलता के लिए कोण बनाता है. आप लोगों को मैं एक किताब पढ़ने का सुझाव देता हूं. 1930 में शायद किताब लिखी गयी थी और शायद दुनिया की हर भाषा में किताब का ट्रांसलेशन हुआ है. पॉलीऐना. किताब का नाम है पॉलीऐना. और उसमें हर चीज को पॉजिटिव कैसे देखना है, एक दृष्टिकोण दिया है. बहुत छोटी किताब है. 60-70 पेज की किताब है. आप लोग तो एक दिन में फटाक से पढ़ लेंगे. फिर तो आप स्कूल में उस पर गेम कर सकते हो. आप सब बच्चों को उस किताब को पढ़ना चाहिए, जिसमें पॉजिटिव थिंकिंग के लिए काफी अच्छा मार्गदर्शन है. इसलिए मैं कहता हूं, इसको रेसिपी की तरह नहीं.. ये चार चीज करो, ये काम करो. सुबह पढ़ो, शाम को पढ़ो, ऐसी कोई रेसिपी नहीं हो सकती है. इसके (सफलता) लिए हमारे मन की रचना होनी चाहिए कि मुझे विफल नहीं होना है. हम सब, आप सभी ने देखा होगा, आपमें से कोई व्यक्ति ड्राइविंग सीखता है. सीखने के बाद एकाध बार गाड़ी लेकर जाता है, छोटा सा एक्सीडेंट हो जाता है, तो डर जाता है. फिर जीवन भर गाड़ी को हाथ नहीं लगाता. फिर कोई ड्राइवर बन पायेगा. कुछ लोग सोचते हैं कि मुझे तैरना सीखना चाहिए, लेकिन मैं पानी में जंप नहीं करूंगा. यदि तुम पानी में कूदोगे नहीं, तो तुम तैराक कैसे बन सकते हो. तो पहली बात झोंकना होता है अपने आप को. आप झोंक दीजिए, सफलता कभी ना कभी मिलेगी. सफलता तो समय की पाबंदी में बंटा ही नहीं. सफलता की बराबरी बनती ही नहीं. मान लीजिए आप 100 मी की दौड़ में गये और आप 10वें नंबर पर रहे. दुनिया की नजरों में आप विफल हो गये, लेकिन पहली बार में अगर आप चार मिनट में दौड़े थे, इस बार तीन मिनट में पूरा किया, मतलब आप सफल हो गये. चीजों को कैसे देखते हो, यदि ये आपने कर लिया तो मैं नहीं मानता कि विफलता कभी आपके पास आ सकती है. आप (अंशिका) तो खुद लीडर हो. मैं, आपके झारखंड के नेता यहां बैठे हैं, उनको कह रहा हूं. अंशिका का नाम लिखो चार साल के बाद वो लीडर बन जायेगी.
अंशिका : थैंक्यू सर
पीएम मोदी : ह-ह-ह
अंशिका : थैंक्यू भेरी मच सर..
कौन है अंशिका
नाम : अंशिका मिंज
पिता : सुभाष नोएल कारक (नवोदय विद्यालय- लोहरदगा)
माता : ओडिल सुशीला मिंज (प्राचार्या- केवी-01, सेक्टर-04 बोकारो),
शिक्षा : 10 सीजीपीए के साथ वर्ष 2014 में 10वीं क्लास : 12वीं, विज्ञान, कें द्रीय विद्यालय-01 बोकारो
पता : सेक्टर-4/डी/6040, बीएस सिटी
सपना : कंप्यूटर इंजीनियर बनना
पीएम से बात करना गौरव की बात है. यह सपने का हकीकत में बदलना है. पीएम की बात प्रेरक है. बात करते समय थोड़ी नर्वस जरूर थी, पर पीएम सर की बातों ने ऊर्जा का संचार किया. पीएम सर के सुझाव का पालन करना है. – अंशिका, छात्रा
क्यों हुआ चयन
अंशिका ने इंस्पायर अवार्ड 2015 के तहत इफेक्ट ऑफ अल्कोहल कंजंप्शन ऑन ह्यूमन डाइजेस्टिव सिस्टम पर प्रोजेक्ट तैयार किया था. इसमें उसे रीजनल इंस्पायर अवार्ड मिला. इसी उपलब्धि के कारण अंशिका का चयन पीएम से बात करने के लिए हुआ.
ये बच्चे थे शामिल : अंशिका मिंज, प्ररिधिधी जंबाला, जागरूती घाग, प्रवीर जंबाला, सनोली आनंद, प्रीति कुमारी, लालू रवानी, अभिषेक कुमार, रोहित कुमार, अमर अली, श्याम सुंदर झा, ज्योति वर्मा, एन गोपाल, वर्मा भारद्वाज, मुकेश व रमेश ने पीएम के संबोधन को एनआइसी बोकारो में सुना. इनमें केवी-01 के 06, केवी-03 के 05 व नवोदय विद्यालय- तेनुघाट के 05 छात्र- छात्रएं शामिल थे.
इन्होंने भी पूछा सवाल
पीएम से सीधी बात के लिए जिन नौ विद्याथियों का चयन हुआ था, उनमें अंशिका के अलावे ये आठ शामिल थे : अनमोल काबरा (दिल्ली पब्लिक स्कूल-पटना, बिहार), सोनिया येलेप्पा पाटिल (दिशा स्कूल फॉर स्पेशल चिल्ड्रेन-पणजी, गोवा), अमतिक अजय (लिटिल फ्लावर पब्लिक स्कूल) व संजना वसंत अनुपमा एन (न्यू होरिजन पब्लिक स्कूल) दोनों बेंगलुरु (कर्नाटक) से, मालवथ पोरना (तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेसिडेंसियल एजुकेशनल सोसाइटी-निजामाबाद), नीम डेचिंग शैली कीपगन (जवाहर नवोदय विद्यालय सेनापति-2, मणिपुर), राबिया नजर (केंद्रीय विद्यालय-अमीनो, कुलगाम, जम्मू कश्मीर) तथा सार्थक भारद्वाज (केवी इंडियन एकेडमी-देहरादून, उत्तराखंड).

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