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सरकारी कर्मी से कराते थे घर के टॉयलेट की सफाई

आइएएस आशिष सिंघमार पर कर्मी को प्रताड़ित करने का आरोप रांची : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अभियान निदेशक सह राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक आइएएस अधिकारी आशिष सिंहमार पर युवक को प्रताड़ित करने का आरोप है. श्री सिंहमार पूर्व आइपीएस व राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के दामाद […]

आइएएस आशिष सिंघमार पर कर्मी को प्रताड़ित करने का आरोप
रांची : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के अभियान निदेशक सह राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक आइएएस अधिकारी आशिष सिंहमार पर युवक को प्रताड़ित करने का आरोप है. श्री सिंहमार पूर्व आइपीएस व राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के दामाद हैं.
आरोप है कि एनआरएचएम में अनुबंध पर कार्यरत हाइमेस लकड़ा को इस अधिकारी की पत्नी व रिश्तेदार ने बुरी तरह से प्रताड़ित किया. हाइमेस की नियुक्ति 2005 में चपरासी के पद पर हुई थी. आरोप है कि अधिकारी उससे घर का काम करवाते थे. बरतन से लेकर टॉयलट धोने तक का काम वह करता था.
सीएम से लगायी है गुहार : आशिष सिंहमार मार्च-अप्रैल 2014 में हाइमेस को अपने घर ले गये थे.करीब छह माह काम करने के बाद सितंबर में हाइमेस ने उनके घर जाना बंद कर दिया. तब से आज तक करीब 11 माह का वेतन उसे नहीं दिया गया है. हाइमेस की दो बेटियां हैं. करीब दो माह पहले बेटी बचाओ अभियान के एक कार्यक्रम में उसने मुख्यमंत्री से वेतन दिलाने की गुहार लगायी थी. कहा था कि वह गरीबी के कारण बेटी के स्कूल की फीस नहीं दे पा रहा है. हाइमेस को अब भी उसके पैसे नहीं मिले हैं.
कैसे प्रताड़ित किया जाता था हाइमेस को : हाइमेस के अनुसार, वह हर सुबह आशिष सिंहमार के बरियातू स्थित आवास पहुंच जाता था. वहां पहले बरतन धोने के बाद सब्जी काटता था, आटा गूंथता था. इसके बाद घर का झाड़ू-पोछा करता था. अधिकारी की पत्नी उपायुक्त आयकर निशा उरांव उससे बाथरूम व टॉयलेट साफ करवाती थी. उसे टॉयलेट हाथ से साफ करने को कहा जाता था.
हाइमेस ने बताया : मुङो रोज मारने की धमकी दी जाती थी. घर की साफ-सफाई में कोई सामान जरा सा इधर-उधर हो जाने पर निशा उरांव सारा सामान फर्श पर फेंक देती थी. फिर उसे ठीक करने को कहा जाता था. वह अपने साथ हुई घटना को बताने में कांप जाता है, कहता है : सारी फाइल को पहले की तरह (सिक्वेंस में) रखना, मुश्किल हो जाता था. एक दिन मुङो बहुत प्रताड़ित किया गया था. चेहरे पर नाखून गड़ाया गया था.
उस दिन भयभीत होकर घर से भाग गया था. इसके बाद से वह आशिष सिंहमार के घर नहीं गया. इसका बदला लेने के लिए उन्होंने मेरा वेतन रोक दिया. हाइमेस ने बताया कि अगस्त-2014 में उसकी दादी का देहांत हो गया था. वह घर चला गया, तो उसके कुल वेतन 11 हजार में से पांच हजार रुपये काट लिये गये थे.
एनआरएचएम का चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी अजय पासवान को भी हाइमेस के साथ ही आशिष सिंहमार अपने घर ले गये थे. वह आज भी उनके घर में कार्यरत है.
जहां तक पैसे नहीं देने की बात है, तो वह काम ही नहीं कर रहा है. वह ऑफिस नहीं आता, हाजिरी नहीं बनाता है. जिस दिन वह कार्यालय आ जायेगा, उसे वेतन मिल जायेगा.
आशिष सिंहमार, एमडी एनआरएचएम
अधिकारी की पत्नी बाथरूम व टॉयलेट साफ करवाती थी. टॉयलेट हाथ से साफ करने को कहा जाता था. मुङो आरसीएच नामकुम आने से मना कर दिया गया था. इसके बाद मैं नेपाल हाउस जाकर अपनी हाजिरी बनाता था. अब मैं आरसीएच में ही हाजिरी बनाता हूं.
हाइमेस लकड़ा, भुक्तभोगी

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