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अफसरों की गलती से 2314 करोड़ की हानि

रांची : अफसरों की गलती से वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार को विभिन्न क्षेत्रों से 2313.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सरकार को राजस्व के रूप में 26136.79 करोड़ रुपये मिले. सरकार ने जून 2014 तक 12704.36 करोड़ रुपये के खर्च में नियमों के उल्लंघन और गड़बड़ी से संबंधित निरीक्षण प्रतिवेदन का निबटारा नहीं […]

रांची : अफसरों की गलती से वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार को विभिन्न क्षेत्रों से 2313.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सरकार को राजस्व के रूप में 26136.79 करोड़ रुपये मिले. सरकार ने जून 2014 तक 12704.36 करोड़ रुपये के खर्च में नियमों के उल्लंघन और गड़बड़ी से संबंधित निरीक्षण प्रतिवेदन का निबटारा नहीं किया.
नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. सीएजी की रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा पटल पर रखी गयी.
दंड और कर नहीं वसूले : रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री कर, उत्पाद, वाहनों पर कर, निबंधन शुल्क आदि की 125 इकाइयों की जांच में पाया गया कि सरकारी अधिकारियों द्वारा टैक्स कम लगाने या टैक्स का निर्धारण गलत तरीके से करने की वजह से राज्य सरकार को यह नुकसान हुआ है.
लोक निर्माण प्रमंडलों के आंकड़ों की जांच में पाया गया कि 175 ठेकेदारों ने वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2012-13 के बीच 735.69 करोड़ रुपये का व्यापार छिपाया. इन ठेकेदारों से दंड और कर के रूप में 257.87 करोड़ रुपये की वसूली की जानी चाहिए थी, पर अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया.
82 दुकानों की बंदोबस्ती नहीं की : उत्पाद से हुए नुकसान की चर्चा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2011-12 से 2012-13 की अवधि में 82 दुकानों की बंदोबस्ती नहीं की गयी. इससे सरकार को 24.88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वर्ष 2012-13 में 59 शराब दुकानों द्वारा लाइसेंस फीस जमा करने में देरी की गयी. इन लाइसेंसधारियों पर 57.79 लाख रुपये ब्याज लगाना चाहिए था, पर ऐसा नहीं किया गया.
केंद्र से मिले 13004.29 करोड़ : वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य सरकार को राजस्व के रूप में कुल 26136.79 करोड़ रुपये मिले हैं. इस अवधि में भारत सरकार से राज्य को अनुदान के रूप में कुल 13004.29 करोड़ रुपये मिले. इनमें 8939.32 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में मिले. शेष राशि केंद्र से अनुदान के रूप में मिली.

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