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कुपोषण से लड़ेंगे, आगे बढ़ेंगे: लुइस मरांडी

रांची: समाज कल्याण व महिला बाल विकास मंत्री डॉ लुइस मरांडी ने कहा कि राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिए सामाजिक भागीदारी जरूरी है. कुपोषित बच्चों को चिह्न्ति करने के लिए पोषण सखी के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. पोषण सखी हर आंगनबाड़ी केंद्र में रहेंगी. उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति […]

रांची: समाज कल्याण व महिला बाल विकास मंत्री डॉ लुइस मरांडी ने कहा कि राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिए सामाजिक भागीदारी जरूरी है. कुपोषित बच्चों को चिह्न्ति करने के लिए पोषण सखी के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. पोषण सखी हर आंगनबाड़ी केंद्र में रहेंगी. उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इनको लागू कराने की दिशा में कोताही नहीं बरती जाये.

किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर शिकायत करें, ताकि सही तरीके से मॉनीटरिंग हो सके. गुरुवार को रांची वीमेंस कॉलेज के सभागार में ‘पोषण सुरक्षा हेतु सामाजिक पहल’ विषयक पर कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कहीं. इसमें मौजूद सभी छात्रओं ने एक साथ ‘कुपोषण से लड़ने व समाज को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष रूप लक्ष्मी मुंडा ने छात्रओं के इसके प्रति जागरूक रहने की अपील की. रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ मंजु सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया. वहीं रंजना चौधरी ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. सेव दी चाइल्ड की अर्चना चौधरी ने कहा कि इसकी मॉनीटरिंग जरूरी है.

श्रम मंत्री राज पालिवाल ने भी कुपोषण के खिलाफ अभियान में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है. इससे पूर्व सीएनडी डिपार्टमेंट की ज्योति ने कुपोषण पर कविता सुनायी. कार्यक्रम में प्रत्येक जिले के लिए एक -एक ब्रांड एंबेसडर का चयन किया गया. मौके पर गुमला विधायक डॉ शिवशंकर उरांव, मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर, एमएमइ के निदेशक डॉ महादेव लकड़ा, डॉ अजय सिंह, डॉ मनोज कुमार, गणोश रेड्डी समेत रांची वीमेंस कॉलेज के अलावा डोरंडा कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज आदि से भी कई शिक्षिकाएं व छात्रएं मौजूद थीं.
कई स्टॉल भी लगाये गये थे
कार्यक्रम स्थल के बाहर रांची वीमेंस कॉलेज, डोरंडा कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज की छात्रओं द्वारा स्टॉल भी लगाये गये थे. स्टॉलों में विभिन्न तरह के विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध थे. विकास भारती, एमएसएमइ व सेव दी चिल्ड्रेन की ओर से भी स्टॉल लगाये गये थे.
संस्थाएं, सरकार का विकल्प नहीं : अशोक भगत
पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि कई संस्थाएं भी कुपोषण पर काबू पाने का प्रयास कर रही है. लेकिन संस्थाएं सरकार का विकल्प नहीं बन सकतीं. समाज के हर वर्ग के लोगों को इसके प्रति संवेदनशील होना होगा.
लड़का-लड़की में भेदभाव की मानसिकता बदलें : शिक्षा मंत्री
राज्य की शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव ने कहा कि व्यवस्था है पर आज भी कुपोषण ने हमें घेर रखा है. इस पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन, हम अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. आज भी लड़का-लड़की में भेदभाव होता है. इसे खत्म करने की आवश्यकता है. हमें इस भेदभाव को खत्म करना होगा.

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