जामताड़ा : शनिवार से गांधी मैदान में नौ दिवसीय श्रीश्री रामकथा का आयोजन का शुभारंभ हुआ. जिसमें वृंदावन से आये अकिंतकृष्ण महाराज ने रामा कथा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. कथावाचक अंकित महाराज ने कहा कि रामायण का दो प्रमुख कथा है. महाराज मनु एवं राजा दशरथ की. राम कथा में कई महत्वपूर्ण बातों को जीवन में उतारने को कहा. कहा कि जीवन में आनंद दो प्रकार का होता है. पहला साधन आनंद दूसरा स्वयं सिद्ध आनंद. जो व्यक्ति साधनों से सुखी होते हैं. उन्हें एक दिन दु:ख जरूर मिलता है. साधन सुख दुनिया का सुख होता है. जबकि स्वयं सिद्ध साधन आत्मा-परमात्मा का होता है,
जो कभी दु:ख नहीं देता है. कथा वाचन में संसार एवं सागर रूपी चीजों का उदाहारण देकर कहा कि राम चरित्र मानस में सागर एवं संसार में अंतर है. सागर के एक किनारे पर खड़ा होने पर दूसरा किनारा नजर आता है, लेकिन संसार में जन्म रूपी किनारा तो दिखता है, लेकिन मृत्यु का किनारा नहीं दीखता है. इसे देखने व अनुभव करने के लिए संतों के पास जाना होगा. संतों के पास बैठना होगा तभी मृत्यु के रहस्य को जान पाओगे. कहा कि जब संत कृपा करते हैं तो परमात्मा की कृपा होती है. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष मोहनलाल वर्मण तथा सभी सदस्य मौजूद थे.