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आदिवासी सेंगल अभियान: मातृभाषा से प्रेम का संकल्प लें संताली

जमशेदपुर: सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से मंगलवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन का शुभारंभ हुआ़ पहला दिन संताली भाषा विजय महोत्सव के रूप में मनाया गया़ वहीं आदिवासी भाषा के विकास पर चिंतन-मंथन किया गया़ मौके पर बतौर अतिथि डॉ गिरिधारी राम गंझू (रांची), पुष्पा टेटे […]

जमशेदपुर: सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से मंगलवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन का शुभारंभ हुआ़ पहला दिन संताली भाषा विजय महोत्सव के रूप में मनाया गया़ वहीं आदिवासी भाषा के विकास पर चिंतन-मंथन किया गया़ मौके पर बतौर अतिथि डॉ गिरिधारी राम गंझू (रांची), पुष्पा टेटे (रांची), डॉ सिकरादास तिर्की (रांची), डॉ आरपी साहू (रांची), जेड बाखला (गुमला), डोबरो बुडिउलि (चाईबासा) और मुख्य वक्ता झारखंड दिशोम पार्टी व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू थे़ सालखन मुर्मू ने कहा कि संताली भाषा विजय दिवस पर सभी संतालों को अपनी मातृभाषा से प्रेम करने का संकल्प लेना चाहिए़ मातृभाषा को केवल व्यवहारिक ही नहीं बल्कि लिखित रूप से भी आगे बढ़ाने की जरूरत है़.
संताली को राज्य में प्रथम भाषा का दर्जा दिलाना है
झारखंड प्रदेश की संताली ही एकमात्र भाषा है, जिसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है़ अब इसे अनुच्छेद 345 के तहत हिंदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाना है़ ओड़िशा, बंगाल, असम व बिहार में द्वितीय राजभाषा का दर्जा भी दिलाना है़ इसके लिए समाज को एकजुटता दिखानी होगी़ आदिवासियों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से सशक्त करने के लिए एकजुट होना होगा.
100 लोग सम्मानित
संताली भाषा आंदोलन व संताली भाषा के विकास में योगदान देने वाले 100 लोगों को सम्मानित किया गया़ आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान किया गया़ अतिथियों को भी सालखन मुर्मू ने प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान किया़
जाहेरथान व ग्रामसभा में महिलाओं को जगह मिले
उन्होंने कहा कि आदिवासी स्वशासन में डेमोक्रेटाइजेशन और क्वालिटिटिव इम्प्रुवमेंट की सख्त जरूरत है़ इसके बगैर प्रथा, परंपरा, रूढी आदि के नाम पर ज्यादा कुछ हासिल नहीं हो सकता है. इसलिए मूल्यांकन करना जरूरी है़ आदिवासी महिला सशक्तीकरण भी जरूरी है़ उन्हें जाहेरथान व ग्रामसभा में शामिल होने देना चाहिए, ताकि पुरुषाें के साथ कंधा मिलाकर समाज की प्रगति में अपना योगदान दे सके़ इस परिपेक्ष्य में सेंगेल अभियान की आेर से यूनिफाइड रूल गाइड बुक फॉर संताल का प्रकाशन किया गया़ इसमें संताल समाज में अमूल चूल परिवर्तन लाने के उपाय सुझाये गये है़ इसे लेकर समाज में बवाल खड़ा हो गया है़ समाज में इसे लेकर सकारात्मक परिचर्चा होनी चाहिए़.
क्या है मांगें
संताली को अनुच्छेद 345 के तहत हिंदी भाषा के साथ झारखंड में प्रथम राजभाषा बनाया जाये
संताली को ओडिशा, बंगाल, असम व बिहार में द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले
जनजातीय सभी भाषाओं में प्राथमिक स्तर से विश्वविद्यालय तक पठन-पाठन सुनिश्चित किया जाये
भाषा शिक्षकों की नियुुक्ति, सभी नियुक्तियां में स्थानीयता पहचान के आधार पर किया जाये
झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में संताली भाषा विभाग की स्थापना व अन्य जनजातीय भाषा का अकादमी बने
हो, मुंडारी, कुडुख, खड़िया को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाये
सरना धर्म सम्मेलन पर आज मंथन
बुधवार को सरना धर्म सम्मेलन व आदिवासी स्वशासन पर मंथन किया जायेगा़ वहीं गुरुवार को पेसा कानून व आदिवासी सशक्तीकरण पर विचार विमर्श किया जायेगा़ इस मंथन में झारखंड, बंगाल, ओड़िशा, असम व बिहार के प्रतिनिधि भाग लेंगे़

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