34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

लीपापोती: बर्मामाइंस साइिडंग में बारिश में भींगकर सड़ गया था सैकड़ों बोरा अनाज एफसीआइ का गेहूं नदी किनारे फेंका

जमशेदपुर: सरायकेला-खरसावां जिले के लिए आये एफसीआइ के सैकड़ों बोरे सड़े हुए गेहूं साक्ष्य छुपाने के लिए सुवर्णरेखा नदी के किनारे फेंकवा दिये गये हैं. जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्टरों से भीगे हुए खाद्यान्न स्वीकार करने से मना कर दिया था. अब नदी किनारे सैकड़ों बोरे सड़े गेहूं मिलने से एफसीआइ के खाद्यान्न भंडारण और परिवहन […]

जमशेदपुर: सरायकेला-खरसावां जिले के लिए आये एफसीआइ के सैकड़ों बोरे सड़े हुए गेहूं साक्ष्य छुपाने के लिए सुवर्णरेखा नदी के किनारे फेंकवा दिये गये हैं. जिला प्रशासन ने ट्रांसपोर्टरों से भीगे हुए खाद्यान्न स्वीकार करने से मना कर दिया था. अब नदी किनारे सैकड़ों बोरे सड़े गेहूं मिलने से एफसीआइ के खाद्यान्न भंडारण और परिवहन की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
बिष्टुपुर थानांतर्गत मरीन ड्राइव के रास्ते में काली मंदिर के पास पड़े मिले गेहूं के बोरों में अंकित सूचनाओं से स्पष्ट होता है कि यह हरियाणा सरकार का गेहूं है. बोरों में मैन्यूफैक्चरर के तौर पर यूनिवर्सल पॉलीसेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बिवार (राजस्थान) का नाम अंकित है. यह गेहूं सरायकेला भेजा जाना था लेकिन जमशेदपुर में एफसीआइ डिपो के बाहर टाटा के ओपन साइडिंग (सीमेंट साइडिंग) में उतार दिया गया था. वहां गेहूं चार-पांच दिन की मूसलधार बारिश में भीग गया था. इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद सरायकेला डीसी ने इसकी जांच करवायी थी.
Âबाकी पेज 15 पर
इसके बाद उन्होंने जिले के गोदाम प्रभारियों के हिदायत दी थी कि ट्रांसपर्टरों से भीगा हुआ खाद्यान्न स्वीकार नहीं करें.
गौरतलब है कि इससे पहले इस माह एक ट्रक चावल भी बिष्टुपुर पुलिस ने मरीन ड्राइव से पकड़ा था. इस मामले की अभी धालभूम एसडीओ जांच करवा रहे हैं.
प्रभात खबर ने किया था सावधान
प्रभात खबर ने गत 20 जून को प्रकाशित खबर में बारिश के मौसम में बर्मामाइंस एफसीआइ के बजाय सीमेंट साइट में खुले आसमान के नीचे रखे 2000 से ज्यादा बोरे खाद्यान्न के बारिश में भींगने के कारण सड़ने की आशंका जतायी थी. इसके मद्देनजर सरायकेला-खरसावां डीसी ने सभी गोदाम प्रभारियों को अलर्ट कर दिया था कि किसी भी परिस्थिति में भींगे खाद्यान्न ट्रांसपोर्टरों से स्वीकार नहीं करें.
इलाके में फैल रही दुर्गंध
काले पड़ चुके गेहूं व जूट के बोरों के सड़ने से इलाके में दुर्गंध फैल रही है. आशंका जतायी जा रही है कि रात के अंधेरे में ट्रकों में सड़ा हुआ गेहूं लादकर लाया गया और उसे अनलोड कर ट्रक चालक निकल गये. चूंकि सुबह से लेकर रात दस बजे तक नो इंट्री रहती है, तो उस अवधि में बड़ी गाड़ी के वहां आने की संभावना नहीं है. कोई प्रत्यक्षदर्शी भी सामने नहीं आया है.
डीएम एसएफसी ने की जांच
नदी किनारे सैकड़ों बोरे गेहूं फेंके होने की सूचना मिलने पर डीएम एसएफसी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी बिंदेश्वरी ततमा ने मौके पर पहुंचकर जांच की. उन्होंने बताया कि गेहूं हरियाणा का है अौर संभावना है कि अज्ञात लोगों ने सड़ने के कारण यहां फेंका गया है.
मरीन ड्राइव के पास नदी के किनारे गेहूं फेंके होने की मुझे जानकारी नहीं है. मामले की जांच करने पर कुछ बता पाऊंगा. एफसीआइ के एक-एक बोरे की एकाउटिंग है, इसलिए बड़े पैमाने पर खाद्यान्न नदी में फेकने की बात समझ में नहीं आ रही है.
– सिकंदर, एरिया मैनेजर, एफसीआइ, रांची
सैकड़ों बोरे नदी में फेकने के मामले में जांच के आदेश दिये गये हैं. जांच के लिए एमओ साकची अशोक सिंह, एमओ कदमा-सोनारी अनिल ठाकुर अौर एमओ टेल्को एस प्रसाद को जिम्मेवारी दी गयी है.
बिंदेश्वरी ततमा, डीएम एसएफसी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी
किस परिस्थिति में बड़ी मात्रा में यहां गेहूं आया अौर नदी के किनारे फेंका गया है, इस मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं.
-अमित कुमार, डीसी, पूर्वी सिंहभूम.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें