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ताम्रजल शरीर को रखता है सेहतमंद

सुमिता कुमारी डायटीशियन डायबिटीज एंड ओबेसिटी केयर सेंटर, पटना तांबे के बरतनों में रखे पानी यानी ताम्र जल को पीने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे वैज्ञानिक आधार भी है. अगर आठ घंटे तांबे के बरतन में रखा हुआ पानी सुबह में खाली पेट पिया जाये,तो यह सेहत […]

सुमिता कुमारी

डायटीशियन

डायबिटीज एंड ओबेसिटी

केयर सेंटर, पटना

तांबे के बरतनों में रखे पानी यानी ताम्र जल को पीने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे वैज्ञानिक आधार भी है. अगर आठ घंटे तांबे के बरतन में रखा हुआ पानी सुबह में खाली पेट पिया जाये,तो यह सेहत के लिए कई तरह से उत्तम है.

भारत में तांबे के बरतनों में पानी रखने की परंपरा सदियों से रही है. इसे स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है. आयुर्वेद में इसके बारे में कहा गया है कि इसमें रखे पानी को पीने से यह शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) को दूर करता है. इसे हमारे यहां ताम्र जल के नाम से भी जाना जाता है.

ऐसा करने के लिए पानी को तांबे के बरतनों में कम-से-कम आठ घंटे तक रखना होता है. इसमें रखा हुआ पानी सड़ता नहीं है और इसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है. प्रस्तुत हैं इसे पीने से होनेवाले प्रमुख फायदे.

घाव भरते हैं जल्द : इसमें एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं. इस कारण इसके प्रयोग से घाव जल्दी भर जाते हैं. यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाने का कार्य करता है. यह पेट के अंदर के घावों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

एनीमिया को करे दूर : शरीर की अधिकतर प्रक्रियाओं में तांबे की जरूरत पड़ती है. यह लोहे के अवशोषण में भी मुख्य भूमिका निभाता है. यही कारण है कि यह एनिमिया को भी दूर करने में मुख्य भूमिका निभाता है. यह शरीर और वेसेल्स में लोहे के स्तर को सामान्य रखता है.

त्वचा का स्वास्थ्य : तांबा मेलानिन के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाता है. यह त्वचा को सूर्य के प्रकाश से होनेवाले डैमेज से बचाता है. इसके कारण त्वचा की अन्य समस्याएं भी दूर होती है जिससे त्वचा साफ-सुथरी और निरोग दिखती है. रोज सुबह इस पानी को पीने से इसका रिजल्ट जल्द ही नजर आने लगता है.

पाचन तंत्र को करता है बेहतर : तांबा पेट में मौजूद कई हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है. इससे अल्सर, अपच और इन्फेक्शन की शिकायत दूर होती है. यह पेट को डीटॉक्स करता है. इससे लिवर और किडनी सही प्रकार से कार्य करते हैं और शरीर से व्यर्थ पदार्थो को अच्छे-से बाहर निकालते हैं. इससे शरीर पोषक तत्वों को भी बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाता है.

वजन घटाने में मददगार : यदि फाइबर युक्त फूड खाने के बाद भी वजन कम नहीं हो रहा है, तो ऐसे में ताम्रजल के प्रयोग से तुरंत राहत मिलेगी, क्योंकि इस पानी से पाचन तंत्र मजबूत होता है और फैट आसानी से टूटता है. शरीर सिर्फ उन्हीं चीजों को अवशोषित करता है जिनकी जरूरत होती है बाकी चीजों को शरीर बाहर निकाल देता है. इससे वजन अपने आप घट जाता है.

हृदय रोग व हाइ बीपी रखे दूर : ताम्रजल हृदय रोगों पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की एक रिपोर्ट के अनुसार तांबा हाइबीपी, तेज धड़कन, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल को कम करने में सहायक है. यह प्लाक को दूर करता है. इससे हृदय तक रक्त आसानी से पहुंचता है और रक्त संचरण सुधरता है.

कैसे करें प्रयोग

ताम्रजल यानी तांबे के बर्तन में रखा पानी. तांबे के बरतन में पानी को कम-से-कम आठ घंटे (रात में) के लिए रखें. दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से इस पानी को पिएं. सुबह के समय इस पानी को खाली पेट पीना स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है.

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