20.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

जोड़ों के दर्द को न करें इग्नोर

प्रो (डॉ) राजीव वर्मा डीएचएमएस, त्रिवेणी होमियो क्लिनिक, चितकोहरा, पटना मो : 9334253989 मोनी छह साल की बच्ची है, जिसे अक्सर हल्का बुखार एवं दोनों घुटनों तथा एड़ी में दर्द की शिकायत होती थी. इस बार उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी. मैंने उसकी जांच की, तो पाया कि उसके जोड़ सामान्य […]

प्रो (डॉ) राजीव वर्मा
डीएचएमएस, त्रिवेणी होमियो क्लिनिक, चितकोहरा, पटना
मो : 9334253989
मोनी छह साल की बच्ची है, जिसे अक्सर हल्का बुखार एवं दोनों घुटनों तथा एड़ी में दर्द की शिकायत होती थी. इस बार उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी. मैंने उसकी जांच की, तो पाया कि उसके जोड़ सामान्य थे, तब मैंने समझा कि हो सकता है हृदय में परेशानी हो.इसलिए इकोकाडियोग्राफी की सलाह दी, रिपोर्ट में पता चला कि एक वाल्व खराब हो चुका है, इसलिए हृदय ठीक से काम नहीं कर रहा है. इसे रूमेटिक हार्ट डिसऑर्डर कहते हैं.
अक्सर खेलने-कूदने वाले बच्चे जोड़ों में दर्द की शिकायत करते हैं, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. यदि दर्द बार-बार जोड़ों में सुबह उठने के समय हो और साथ में बुखार भी हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. दर्द का कारण : जोड़ों में दर्द कैल्शियम की कमी, वायरल फीवर, ज्यादा खेल-कूद एवं जोड़ों की बनावट में गड़बड़ी या चोट लगने के कारण हो सकता है, पर कुछ मामलों में यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है.
रूमेटिक हार्ट डिजीज एवं खून एवं हड्डी के कैंसर में भी इनमें शामिल हैं. हीमोफीलिया में यदि खून जोड़ों में आये, तो भी दर्द हो सकता है. बच्चा अगर बार-बार जोड़ों में दर्द की शिकायत करता हो, तो इसे नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से उचित सलाह लें. जरूरत पड़ने पर जांच भी कराएं, जिससे समय रहते इलाज हो सके.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें