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अपराधी उड़ा रहे एटीएम से राशि
हजारीबाग : जिले में हर दिन लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं, जबकि यहां साइबर क्राइम के लिए थाना नहीं है. इस तरह के मामले में जो धारा है, उसके तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पा रही है. ऐसे अपराध होने पर अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, जिससे […]
हजारीबाग : जिले में हर दिन लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं, जबकि यहां साइबर क्राइम के लिए थाना नहीं है. इस तरह के मामले में जो धारा है, उसके तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पा रही है.
ऐसे अपराध होने पर अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, जिससे मुकदमों की संख्या में थाना में बढ़ रही है. अब तक साइबर क्राइम में दर्ज मामलों में एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. वजह यह है कि साइबर मामलों के अनुसंधान विशेषज्ञ पुलिस की टीम जिले में है ही नहीं. जिले में विगत पांच माह में साइबर क्राइम से संबंधित 16 मामलों में अब तक अनुसंधान नहीं हुआ है, जबकि आये दिन लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं.
साइबर क्राइम के सभी मामले थाने में नहीं पहुंच रहे हैं. कुछ ही मामले दर्ज हो पाते हैं. वहीं दूसरी ओर पुलिस महकमा में ऐसे क्राइम की रोक, जांच एवं कार्रवाई के लिये कोई विशेष तैयारी भी नहीं है. थाना प्रभारी साइबर क्राइम के वर्गीकरण नहीं कर पाते हैं. कारण यह है कि उनके पास साइबर क्राइम से संबंधित तकनीक की जानकारी नहीं है. साइबर क्राइम आइटी एक्ट बने 17 साल हो गये, लेकिन हजारीबाग में इसके लिए विशेष थाना नहीं बन पाया.
लग चुका है लाखों का चूना: दूसरे के एटीएम कार्ड का पिन पूछ कर साइबर अपराधी आसानी से एटीएम के जरिए पैसे की निकासी कर लेते हैं. पिछले पांच माह में ही साइब अपराध से संबंधित 16 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किये गये हैं. सबसे अधिक 10 मामले सदर थाना क्षेत्र में दर्ज किये गये हैं. वहीं टाटीझरिया थाना में दो, विष्णुगढ़ में एक, मुफस्सिल में एक, दारू में एक, बरकट्ठा में एक मामले दर्ज किये गये हैं.
अपराधियों तक नहीं पहुंच पायी पुलिस: बड़कागांव के विकास यादव ने जनवरी-2017 को बैंक खाते से अज्ञात द्वारा 21900 रुपये की निकासी की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज करायी.
इसी तरह दीपूगढ़ा के अर्जुन राम ने 11500 रुपये फरजी निकासी का मामला दर्ज कराया. वहीं धर्मपुर के वीरेंद्र यादव, मटवारी के ओमप्रकाश, कोर्रा के शंकर कुमार मोदी, देवांगना चौक के अमर आनंद, कोर्रा के छोटेलाल प्रसाद, भटबिगहा के शमा परवीन, सिंघानी के हर्ष राज, टाटीझरिया के मनोज किस्को, मटवारी के शाहिल, आराभुसाय के ए अंसारी, कोर्रा के रविशंकर पासवान, बेलकप्पी के राजू साव के एटीएम से साइबर अपराधियों ने राशि की निकासी कर ली.
केस स्टडी
मटवारी कृष्णापुरी निवासी भुक्तभोगी ओमप्रकाश कुशवाहा ने बताया कि उसके घर से लैपटॉप और मोबाइल की चोरी हो गयी थी. चोरी होने के बाद उसके मोबाइल से 15 दिन तक दूसरे मोबाइल पर बातचीत होती रही. उसने कहा: मैंने अपने मोबाइल से होनेवाली बातचीत का कॉल डिटेल्स सदर थाना को दिया था, लेकिन पुलिस विभाग ने अनदेखी कर दी. विभागीय तौर पर कार्रवाई की जाती, तो अपराधियों तक पहुंचा जा सकता था.
क्या है साइबर क्राइम
किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी कंप्यूटर से निकाल लेना, कंप्यूटर का डाटा उड़ा लेना, सूचना में हेराफेरी करना, कंप्यूटर के महत्वपूर्ण हिस्से को गायब कर देना, ई-मेल हैंकिंग, फिसिंग, वायरस डालना, किसी की निजी जानकारी ऑनलाइन जान लेना साइबर क्राइम के दायरे में आता है.
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