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Thursday, March 28, 2024

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48 साल के बाद नवंबर में अधिकतम तापमान 30 के पार

दोपहर में गर्मी से सिकुड़ गयी ठंड गोपालगंज : नवंबर का दूसरा पखवारा शुरू हो गया, लेकिन गर्मी का प्रभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. एक सप्ताह पहले ठंड से मात खाती दिखी गर्मी ने पिछले दिनो फिर से वापसी की और ठंड को सिकुड़ने के लिए मजबूर कर दिया है. दोपहर की […]

दोपहर में गर्मी से सिकुड़ गयी ठंड

गोपालगंज : नवंबर का दूसरा पखवारा शुरू हो गया, लेकिन गर्मी का प्रभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. एक सप्ताह पहले ठंड से मात खाती दिखी गर्मी ने पिछले दिनो फिर से वापसी की और ठंड को सिकुड़ने के लिए मजबूर कर दिया है. दोपहर की गर्मी पिछले 48 वर्षों के रेकॉर्ड को तोड़ रही है. मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि 1979 में 20 नवंबर का तापमान 30.8 तथा न्यूनतम 17.6 डिग्री था. इस बार 48 वर्षों के बाद अधिकतम तापमान 31.0 तथा न्यूनतम 16.2 डिग्री रहा. इस बीच रविवार की शाम से पछिया हवा के 12.3 प्रति घंटा कर रफ्तार से चलती रही.
इससे तीन डिग्री न्यूनतम तापमान 19.3 से गिर कर 16.2 दर्ज किया गया. नतीजा लोगों को शाम होते ही पछिया हवा एहसास कराने लगी. डॉ पांडेय की माने तो इस गर्मी की वजह बंगाल की खाड़ी में कम वायुदाब का क्षेत्र बनना है. पछिया के चलने से अगले दो-तीन दिनों में ठंड के रंगत में आने की आसार है.
इन बातों का रखें ध्यान
सुबह-शाम के साथ दिन में भी हल्का गर्म कपड़ा पहनें
जुकाम, बुखार से पीड़ित व्यक्ति के कपड़े एवं अन्य वस्तु प्रयोग न करें
बच्चों को हर समय पूरी बांह का गरम कपड़ा पहनाएं
फ्रीज में रखे खाद्य पदार्थो का सेवन न करें
-रात में एसी, कूलर व पंखा चलाकर न सोएं
पिछले तीन वर्षों में 20 नवंबर का तापमान
वर्ष अधिकतम न्यूनतम
2014 24.2 13.8
2015 22.8 14.1
2016 21.1 13.9
बच्चों का रखें खास ध्यान
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह बताते हैं कि इस मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उन्हें हर समय गर्म कपड़े पहनाए. घर में किसी को वायरल इन्फेक्शन है तो बच्चों को उनसे दूर रखें. मच्छर से बचाएं, किसी प्रकार की दिक्कत होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं.
अपने मन से नहीं खाएं दवा : गोपालगंज डॉ. एसएन सिंह कहते हैं कि मौसमी बीमारियों के फैलने का सबसे बड़ा कारण बिना चिकित्सक की सलाह के दवा खाना है. बिना सलाह दवाएं लेने से तत्काल तो फायदा होता है, लेकिन आगे चलकर दोबारा बीमारी के लक्षण उभर आते हैं.
इन लक्षणों का रखें ध्यान
सदर अस्पताल में फिजिशियन डॉ. कैसर जावेद बताते हैं कि वायरल इन्फेक्शन के चलते लोग बुखार, जुकाम, गले की खराश, खांसी और शारीरिक दर्द के शिकार हो रहे हैं. इससे ग्रसित होने पर ठीक होने में तीन से पांच दिन का समय लगता है. इस दौरान शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है. अगर इनमें से एक भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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