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शहर में उपद्रव कांडों का ट्रायल शुरू

गोपालगंज : दुर्गापूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों के द्वारा शहर को अशांत किये जाने के मामले में अब सीजेएम कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है. नवरात्र की छुट्टी के बाद इसमें तेजी आयेगी. सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता एवं मजिस्ट्रेट संजय कुमार के कोर्ट में उपद्रव कांड में सुनवाई होनी है. उधर, […]

गोपालगंज : दुर्गापूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान उपद्रवियों के द्वारा शहर को अशांत किये जाने के मामले में अब सीजेएम कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है. नवरात्र की छुट्टी के बाद इसमें तेजी आयेगी. सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता एवं मजिस्ट्रेट संजय कुमार के कोर्ट में उपद्रव कांड में सुनवाई होनी है. उधर, पुलिस ने अपना जांच प्रतिवेदन चार्जशीट के साथ सौंप दिया है.

जिस कांड में चार्जशीट आ गया है उसमें सुनवाई भी आसान है. जानकार सूत्रों की मानें, तो कोर्ट का उद्देश्य है कि न्याय प्रभावित न हो इसका खास ध्यान रखना होता है. ट्रायल के दौरान आरोपित एवं अभियोजन पक्ष अपना साक्ष्य कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. इस कांड में इंटक नेता ताहिर हुसैन, जिला पार्षद सुभाष सिंह, पंकज सिंह राणा, राजीव कुमार उर्फ पल्टू, दीपक कुमार दीपू समेत 250 से अधिक प्रमुख लोग आरोपित हैं. ट्रायल से जल्द ही न्याय मिलने की संभावना है.

इन कांडों का ट्रायल : पूजा के दौरान नगर थाने में दर्ज कराये गये कांड संख्या 419/16 में एसडीओ के बयान पर संजय पड़ित समेत 15 अन्य को अारोपित किया गया है. कांड संख्या-420/16 तत्कालीन एसडीओ मृत्युंजय कुमार के बयान पर पंकज सिंह राणा समेत छह लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. 421/16 में तत्कालीन थानाध्यक्ष संतोष कुमार के बयान पर पंकज सिंह राणा को अभियुक्त बनाया गया है, जबकि कांड संख्या 422/16 में सदर के सीओ कृष्ण मोहन के बयान पर पंकज सिंह राणा समेत 202 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. इस कांड से जुड़े अन्य मामलों में भी सुनवाई होगी.
क्या है मामला: पिछले वर्ष दुर्गापूजा के साथ-साथ मुहर्रम का भी त्योहार था. ताजिया जुलूस से ही पुलिस अलर्ट थी. उसके बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान तुरकहां में दो पक्षों के बीच झड़प हो गयी, जिसमें आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ उपद्रव की घटनाएं हुईं. पुलिस ने इस मामले में कई दिनों तक शहर के अशांत रहने के बाद स्थिति को सामान्य करने में सफलता पायी. पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग चार प्राथमिकियां दर्ज कीं. तीन दर्जन से अधिक शहर के प्रमुख लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जिनमें अधिकतर लोग जमानत पर रिहा हो चुके हैं.
सीजेएम कोर्ट में दो मामलों की होगी सुनवाई
एक्सपर्ट व्यू
उपद्रव कांड में दर्ज किये गये सभी मामलों में स्पीडी ट्रायल चला कर फैसला देना चाहिए. ट्रायल के दौरान कोर्ट के सामने सच खुल कर आयेगा. ट्रायल शुरू होने से ऐसे संगीन मामलों में कांड के सूचक से लेकर अन्य साक्ष्य पुलिस को प्रस्तुत करना आसान होगा, क्योंकि कांड पिछले वर्ष का है. अधिकतर साक्ष्य जल्द मिल जायेंगे.
वेद प्रकाश तिवारी, अधिवक्ता
क्या कहते हैं वकील
उपद्रव कांड में कोर्ट को स्पीडी ट्रायल चलाना चाहिए, ताकि पुलिस को साक्ष्य उपलब्ध कराने में आसानी हो. सुनवाई में विलंब होने के कारण अभियोजन पक्ष को साक्ष्य उपलब्ध कराने में कठिनाई होती है, जिससे सुनवाई में विलंब होने के कारण न्याय प्रभावित होता है.
देववंश गिरि, लोक अभियोजक, गोपालगंज

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