गोड्डा : नवजात के मामले को लेकर जिप उपध्यक्षा लक्ष्मी चक्रवर्ती ने कहा कि मामले को जिला परिषद की बैठक में उठाया जायेगा. कहा यह गंभीर मामला है. प्रसूता की मौत के बाद 22 दिनों तक बच्चा अस्पताल में ही पड़ा रहा. इसकी सूचना अस्पताल के ओर से न तो जिला प्रशासन के सक्षम विभाग को दी गयी और न ही परिजनों को. जब मामले की पड़ताल प्रतिनिधियों ने की तो अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत ही बच्चे को सौंप दिया. मामले को सीएस वनदेवी झा के समक्ष उठाया गया है.
साथ ही बताया कि जब 23 अक्तूबर को ही पेसेंट को गोड्डा सदर अस्पताल से रेफर किया गया है तो एंबुलेंस वाले ने मायागंज नहीं ले जाकर प्राइवेट अस्पताल में भिजवा दिया. इस मामले की जांच भी की जायेगी. बेवजह गरीब आदिवासी को इस मामले में मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किये जाने का काम किया गया जो जांच का विषय तो बनता ही है.