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FIFA U-17 World Cup : अमेरिका ने भारत को 3-0 से हराया

नयी दिल्ली : भारतीय टीम को भले ही यहां जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में 17वें फीफा अंडर 17 विश्व कप के ग्रुप चरण के शुरुआती मुकाबले में प्रबल दावेदार मानी जा रही मजबूत अमेरिका से 0-3 से हार मिली हो, लेकिन उसने अपने प्रेरणादायी प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. भारतीय टीम ने इस मैच […]

नयी दिल्ली : भारतीय टीम को भले ही यहां जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में 17वें फीफा अंडर 17 विश्व कप के ग्रुप चरण के शुरुआती मुकाबले में प्रबल दावेदार मानी जा रही मजबूत अमेरिका से 0-3 से हार मिली हो, लेकिन उसने अपने प्रेरणादायी प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया.

भारतीय टीम ने इस मैच में हारने के बावजूद अपने हार न मानने वाले जज्बे से दर्शकों का दिल जीता और इतिहास के पन्नों में अपना नाम भी दर्ज करा लिया जो अब किसी फीफा टूर्नामेंट में भाग लेने वाली पहली भारतीय टीम बन गयी है. कोच लुईस नोर्टन डि माटोस ने मैच से पहले कहा था कि उनके खिलाडियों को डिफेंसिव होकर खेलना होगा. पर अमेरिका के मजबूत और एथलेटिक फुटबालरों के सामने इस रणनीति में सफल होना काफी मुश्किल था.

सभी को अमेरिकी टीम के खिलाडियों के खेल का अंदाजा था, जिसने पिछले साल गोवा में हुए एआईएफएफ युवा कप में अपनी तकनीक और ताकत के बूते भारत को 40 से मात दी थी. उसके लिये कप्तान जोस सार्जेंट ने पेनल्टी पर 31वें मिनट, क्रिस डुरकिन ने 52वें मिनट और एंड्रयू कार्लटन ने 84वें मिनट में गोल किये. स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने अपने खिलाडियों का उत्साहवर्धन करने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी और जैसे ही गेंद भारतीय खिलाडियों के पास आती, वे जोर-जोर से चीयर करना शुरु कर देते और पूरे मैच के दौरान ऐसा ही रहा. उनके जोश का असर खिलाडियों पर भी दिखा.

भारतीय युवा भी अपने अभिभावकों और दर्शकों के सामने अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहते थे जिसमें गोलकीपर धीरज मोईरांगथेम के अलावा कोमल थाटल, सुरेश वांगजाम और फारवड अनिकेत जाधव का प्रदर्शन सराहनीय रहा. मैच की शुरुआत में गोलकीपर धीरज ने अमेरिकी फुटबालरों के कई प्रयासों को विफल किया. 15वें मिनट में मिडफील्डर एंड्रयू कार्लटन ने बाक्स की तरफ शानदार शाट लगाया जिसका धीरज ने बेहतरीन बचाव किया.

पांच मिनट बाद राहुल कनोली ने अमेरिका के प्रयास को रोका, अगर वह चूक जाते तो भारतीय टीम इसी समय पिछड़ जाती. लेकिन 30वें मिनट में जितेंद्र सिंह ने खराब पास दिया और इसी दौरान अमेरिकी कप्तान जोश सारजेंट को फाउल कर बैठे और रैफरी ने तुरंत विपक्षी टीम को पेनल्टी प्रदान कर दी. अगले ही मिनट में सारजेंट ने शानदार गोल अपनी टीम को 10 से बढ़त दिला दी.

भारतीय टीम हालांकि इस गोल के बाद थोड़ी सतर्क हो गयी और 43वें मिनट में अनिकेत जाधव ने 25 गज की दूरी से गोल करने का स्वर्णिम मौका बनाया लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके. पहले हाफ में अमेरिका की बढ़त 10 रही. लेकिन दूसरे हाफ में उसने शुरू से ही आक्रामता दिखाई.

भारत के लिए सबसे अहम बात अपने से कहीं ज्यादा अनुभवी टीम के खिलाफ गोल करने के करीब पहुंचना थी. अंतिम गोल गंवाने से पहले थाटल ने 84वें मिनट में जानदार शाट लगाया और गोलकीपर जस्टिन गार्सेस को पछाड़ने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी. अगले ही मिनट में जार्ज एकोस्टा ने तेज शाट से गेंद कार्लटन की ओर बढाई जिन्होंने इसे अपने छोर से इसे ले जाते हुए भारतीय गोल में पहुंचाकर ही दम लिया. भारतीय टीम अब नौ अक्तूबर को यहां कोलबिंया से भिडेगी जिसे घाना के हाथों 10 से हार का मुंह देखना पड़ा.

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