36.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

RBI ने कहा – आधार को बैंक खातों से जोड़ना नहीं है जरूरी…!

नयी दिल्लीः सरकार की आेर से बनाये जा रहे दबाव आैर दिये जा रहे दिशा-निर्देशों के बाद देश के तमाम निजी आैर सरकारी बैंकों की आेर से अपने ग्राहकों को 12 नंबर वाले आधार को खातों से जोड़ने के लिए र्इ-मेल आैर एसएमएस के जरिये संदेश भेजे जा रहे हैं. इस बीच कर्इ लोगों ने […]

नयी दिल्लीः सरकार की आेर से बनाये जा रहे दबाव आैर दिये जा रहे दिशा-निर्देशों के बाद देश के तमाम निजी आैर सरकारी बैंकों की आेर से अपने ग्राहकों को 12 नंबर वाले आधार को खातों से जोड़ने के लिए र्इ-मेल आैर एसएमएस के जरिये संदेश भेजे जा रहे हैं. इस बीच कर्इ लोगों ने बैंक खातों से आधार को जोड़ने का काम पूरा कर लिया है, तो ज्यादातर करदाताआें ने अपने पैन खातों से इसे जोड़ने का काम पूरा भी कर लिया है. इस बीच, इसके विपरीत सूचना अधिकार (आरटीआर्इ) के तहत पूछे गये सवाल में रिजर्व बैंक ने जवाब दिया है कि आधार को बैंक खातों से जोड़ना जरूरी नहीं है. आरटीआर्इ के जवाब में रिजर्व बैंक की आेर से यह कहा गया है कि आधार को बैंक खातों से जोड़ने के लिए इस तरह का कोर्इ नियम नहीं बनाया गया है.

इसे भी पढ़ेंः Aadhaar Card से ऑनलाइन जोड़ें अपना नया मोबाइल नंबर, यह है आसान तरीका…

आरटीआर्इ के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि सरकार ने गजट अधिसूचना 538 (र्इ) के जरिये अन्य सभी के साथ एक जून, 2017 को मनी लाॅन्ड्रिंग (मेंटेनेंस आॅफ रिकार्ड्स) द्वितीय संशोधित नियम, 2017 के तहत एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें बैंक खाता खोलते समय स्थायी खाता नंबर (पैन) आैर आधार को देना जरूरी बताया गया है. इसके साथ ही, इसमें रिजर्व बैंक की आेर से यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा सरकार की अधिसूचना के आलोक में बैंकों के लिए कोर्इ दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है.

इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि उसकी आेर से बैंक खातों को आधार से जोड़ने के काम को जरूरी बनाने के लिए कोर्इ निर्देश जारी नहीं किया गया है. इतना ही नहीं, आरटीआर्इ में यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक की आेर से सुप्रीम कोर्ट में बैंक खातों से आधार को जोड़ने के काम को जरूरी बनाने के लिए किसी प्रकार की याचिका दाखिल नहीं की गयी है.

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर, 2015 के अपने फैसले में कहा था कि हम भारत सरकार को निर्देश देते है कि उसे उसके 23 सितंबर, 2013 को दिये गये फैसले के अनुसरण करना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने उस समय यह साफ शब्दों में कह दिया था कि आधार कार्ड योजना पूरी तरह से वाॅलिंटरी है आैर यह कभी आवश्यक नहीं हो सकती.

कालेधन शोधन को रोकने के लिए लोगों के आधार में जुड़ी तमाम तरह की सूचनाआें को बैंक आैर पैन खातों से जोड़ने की खातिर सरकार की आेर से जारी गजट अधिसूचना जीएसआर 538 (र्इ) को सीधे-सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें