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एशियाई विकास बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए घटायी भारत की अनुमानित वृद्धि दर

नयी दिल्लीः चालू वित्त वर्ष के लिए एशियाई विकास बैंक ने भारत की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. पहले उसने यह आंकडा 7.4 फीसदी दिया था. अगले वित्त वर्ष के लिए भी अनुमानित वृद्धि दर का आंकड़ा घटाया गया है. एशियाई विकास बैंक ने अपनी एशियाई विकास परिदृश्य 2017 की अपडेट […]

नयी दिल्लीः चालू वित्त वर्ष के लिए एशियाई विकास बैंक ने भारत की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. पहले उसने यह आंकडा 7.4 फीसदी दिया था. अगले वित्त वर्ष के लिए भी अनुमानित वृद्धि दर का आंकड़ा घटाया गया है. एशियाई विकास बैंक ने अपनी एशियाई विकास परिदृश्य 2017 की अपडेट रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर घटकर 7 फीसदी रहने का अनुमान है. यह अप्रैल के अनुमान से 0.4 फीसदी कम है.

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रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यह अनुमानित आंकड़ा 7.6 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी किया गया है. हालांकि, इस बहुपक्षीय बैंक ने कहा कि यद्यपि नोटबंदी और नयी वस्तु एवं सेवाकर व्यवस्था को लागू करने से भारत में उपभोक्ता व्यय एवं कारोबारी निवेश पर असर पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद भारत की स्थिति मजबूत बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लघुअवधि के व्यवधान हैं और उम्मीद की जाती है कि मध्यम अवधि में इन पहलों से वृद्धि लाभांश अर्जित होगा.

एशियाई विकास बैंक की नवीनतम रिपोर्ट में विकासशील एशिया में वृद्धि की आशा को बरकरार रखा गया है, जो वैश्विक व्यापार में सुधार, बड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में तेज विस्तार और चीन की संभावनाओं के बेहतर होने का परिणाम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सभी बातें मिलकर पुराने अनुमानों से आगे जाकर 2017 और 2018 में विकासशील एशिया में वृद्धि को आगे बढ़ायेंगे.

बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवाडा के अनुसार, विकासशील एशिया के लिए वृद्धि परिदृश्य अच्छा दिख रहा है, जिसका मुख्य कारण वैश्विक व्यापार का पटरी पर लौटना एवं चीन में फिर मजबूती दिखना है. उन्होंने कहा कि विकासशील एशियाई देशों को उत्पादकता बढ़ाने वाले सुधारों को लागू करने के लिए इन लघु अवधि आर्थिक परिदृश्यों का लाभ उठाना चाहिए.

सबसे ज्यादा जरूरत वाले बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करना चाहिए और अपनी दीर्घावधि वृद्धि क्षमताओं को बढ़ाने में मदद के लिए वृहद आर्थिक प्रबंधन का रखरखाव करना चाहिए.

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