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नंद के घर आनंद भयो, जै कन्हैया लाल की

जन्माष्टमी. आधी रात में हुआ श्रीकृष्ण का जन्म, मंदिरों और घरों में हुई पूजा-अर्चना मठ-मंदिर और घरों में वंदनवार सजे हुए थे, घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान था, भगवान कृष्ण के मंत्रोच्चार लगातार होठों से फूट रहे थे. इन सबके बीच जैसे ही आधी रात हुई लोगों का इंतजार खत्म हो गया. […]

जन्माष्टमी. आधी रात में हुआ श्रीकृष्ण का जन्म, मंदिरों और घरों में हुई पूजा-अर्चना
मठ-मंदिर और घरों में वंदनवार सजे हुए थे, घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान था, भगवान कृष्ण के मंत्रोच्चार लगातार होठों से फूट रहे थे. इन सबके बीच जैसे ही आधी रात हुई लोगों का इंतजार खत्म हो गया. रात बारह बजते ही चारों ओर शंख व घंटों की गूंज ने वातावरण को आनंदित कर दिया. हर तरफ ‘नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ जैसे भक्तिमय गीतों से आकाश गुंजायमान हो उठा. मंदिरों और घरों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. राजधानी के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. इस मौके पर मंदिरों में विशेष सजावट की गयी थी. देर रात तक नटखट कन्हैया के दर्शन करने का सिलसिला चलता रहा.
चरणामृत का भोग लगाया
घरों व मंदिरों में नारायण के अवतार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. रात के 12 बजते ही जन्म के वक्त प्रतीक स्वरूप नाल वाला खीरा काटा गया. जिसके बाद भगवान को शहद, घी, गंगा जल से स्नान कराया गया. भगवान को भोग स्वरूप तुलसी की पत्ती, चरणामृत व 56 भोग भेंट की गयी.
जन्म की बधाईयां गाई गईं वहीं शंख व घंटे से उद्घोष किया गया. जो भक्त सुबह से व्रत थे, उन्होंने पूजा कर अपना व्रत खोला. इस बार जन्माष्टमी पर अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र एक साथ मिल रहे थे. जिसके चलते घरों व मंदिरों में एक साथ ही जन्माष्टमी मनायी गयी. मंदिरों में जन्म के बाद भगवान के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा.
नंदोत्सव आज : पटना सिटी़ भगवान के जन्म के दूसरे दिन नंदोत्सव का त्योहार मनाया मनाया जाता है, पालकी में विराजित भगवान के समक्ष दही हल्दी व फलों से बरसात कर नंद के घर आनंद का अनुभव श्रद्धालु करते है. ऐसी मनोरम छवि को देख श्रद्धालु भजन कीर्तन में लीन हो जाते है.बधाई व सोहर गीत से नंदलाल का स्वागत होता है. शुक्रवार को नंदोत्सव का त्योहार मनाया जायेगा. जिसकी तैयारी मंदिरों में की गयी है.
पटना : राजधानी के मंदिरों में जन्माष्टमी पारंपरिक श्रद्धा व उल्लास के साथ मनायी गयी. ज्यादातर मंदिरों में पारंपरिक, तो कई मंदिरों में आधुनिक तौर तरीकों से जन्माष्टमी मनायी गयी. पटना जंकशन के हनुमान मंदिर, मीठापुर के गौड़िया मठ, न्यू बहादुरपुर कॉलोनी के श्याम मंदिर, खाजपुरा शिव मंदिर, बोरिंग रोड शिव मंदिर, बिड़ला मंदिर, राजवंशी नगर हनुमान मंदिर, राजापुर पुल स्थित प्रणामी मंदिर सहित कई मंदिरों में विशेष रूप से तैयारी गयी गयी थी. मंदिरों को फूलाें और बिजली के बल्बों से सजाये गये और रात आठ बजे से 1 बजे तक भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की गयी. रात 12 बजे धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ और श्रद्धालुओं ने भक्तिमय और बधाई गीत प्रस्तुत किये गये.
कथा सुन भावविभोर हुए भक्तगण
मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर यहां कृष्ण जन्म कथा आयोजित की गयी. पुजारी वनमाली दास ने कहा कि आज के दिन कान्हा का दर्शन करने से लोग पाप से मुक्त होते हैं. साथ ही नौकरी और धन-बल की प्राप्ति होती है. मंदिर को काफी भव्य रूप से सजाया गया था. रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे, मृदंग और हरिबोल के साथ भक्तजन नाच उठें. शशिवर्द्धन दास, राधारमण दास, सुबल सखा दास, अजय दास, निरंजन दास ने श्री कृष्ण संकीर्तन की संगीतमय प्रस्तुति दी. इससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. देर रात में कृष्ण आविर्भाव लीला पाठ प्रस्तुत किया गया.
जंकशन स्थित हनुमान मंदिर में उमड़े भक्त
रात को 12 बजे पटना जंकशन के हनुमान मंदिर के श्रीकृष्ण मंदिर परिसर में भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना जारी रहा और कतारें लगी रहीं. कृष्ण के जन्म के समय करीब 300 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे़. भगवान को आरती दिखायी और सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया. जन्म की महाआरती रात 12.10 बजे तक चली. भगवान का जन्म महाभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक किया गया. देर रात तक ठाकुरजी का भक्तों ने दर्शन किया.
गूंजी 52 ‘ कृष्ण ‘ की किलकारियां
पटना. कृष्ण जन्माष्टमी पर पटना में 52 किलकारियां
गूंजी. इसमें पीएमसीएच में सर्वाधिक 18 बच्चों के
जन्म हुए. इसके अलावा आइजीआइएमएस व एनएमसीएच में अन्य बच्चों के जन्म हुए. जन्माष्टमी के दिन अवतरित
बच्चों के माता-पिता खासे उत्साहित दिखे. आइजीआइएमएस में 15 बच्चों के जन्म हुए. बताया जाता है कि द्वापर युग में
भगवान कृष्ण ने भाद्रपद अष्टमी के नक्षत्र में अवतार लिया था. इन बच्चों का जन्म कृष्ण जन्माष्टमी पर काफी शुभ माना जा रहा है. ऐसे में माता-पिता बच्चों के जन्म पर काफी उत्साहित थे. पीएमसीएच में जन्मे 18 बच्चों में 10 लड़के और सात लड़कियां हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में जन्मे बच्चे पटना शहर, बिहटा, फुलवारीशरीफ, दानापुर, पटना सिटी के अलावा आरा और गया जिले के हैं. कई अभिभावकों ने जन्म के लिए खास कर इस दिन का चयन किया था.

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