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सावधान हो जाइए, कैग का बड़ा खुलासा, भारतीय रेल की कैटरिंग का खाना आपके खाने लायक नहीं

नयी दिल्ली : भारतीय रेल की कैटरिंग सेवा पर आज संसद में सीएजी की अॅाडिट रिपोर्ट पेश की जा सकती है. इस रिपोर्ट के संसद में पेश होने से पहले उसकी कई अहम बातें अंग्रेजी अखबार टाइम्स अॅाफ इंडिया में प्रकाशित हुई हैं. इस खबर के अनुसार इस रिपोर्ट में यह बात कही गयी है […]

नयी दिल्ली : भारतीय रेल की कैटरिंग सेवा पर आज संसद में सीएजी की अॅाडिट रिपोर्ट पेश की जा सकती है. इस रिपोर्ट के संसद में पेश होने से पहले उसकी कई अहम बातें अंग्रेजी अखबार टाइम्स अॅाफ इंडिया में प्रकाशित हुई हैं. इस खबर के अनुसार इस रिपोर्ट में यह बात कही गयी है कि कैटरिंग सेवा में उपलब्ध कराया जा रहा खाद्य पदार्थ लोगों के खाने योग्य नहीं है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अनधिकृत ब्रांड के पानी की बोतलें भी कई स्टेशन पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं.

इस अॅाडिट में यह बात भी सामने आयी है कि कैटरिंग पॉलिसी में लगातार हो रहे बदलाव के कारण भी कैटरिंग मैनेजमेंट के लोग अनिश्चितता की स्थिति में रहते हैं. निरीक्षण में यह बात सामने आयी है कि साफ-सफाई और हाईजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है. साथ ही यात्रियों को फूड प्रोडक्ट खरीदने के बाद बिल भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है.
सीएजी और रेलवे के अधिकारियों द्वारा किये गये संयुक्त निरीक्षण में यह बात सामने आयी कि साफ-सफाई और हाईजीन का ध्यान ना तो कैटरिंग यूनिट और ना ही स्टेशन पर रखा जाता है. यह निरीक्षण 74 स्टेशन और 80 ट्रेन में किया गया. चाय-काफी बनाने के लिए ट्रेन में साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि नल से सीधे पानी ले लिया जाता है. किचन से निकलने वाले फल-सब्जियों के छिलके को ढंक कर नहीं रखा जाता है. ना ही तैयार खाद्य पदार्थ को ढंक रखा जाता है.

परिणाम यह होता है कि कचरे पर बैठने वाली मक्खियां और मच्छर तैयार खाद्य पदार्थ पर भी बैठती हैं. ट्रेन में मक्खी, मच्छर, कीड़े मकोड़े, चूहे और कॉकरोच इधर-उधर मंडराते रहते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ना तो पैसेंजर को फूड आइटम्स के लिए बिल दिया जाता है और ना ही कोई प्रिंटेड मेन्यू कार्ड ट्रेन में उपलब्ध होता है. साथ ही निर्धारित मात्रा से कम खाना परोसा जाता है. रेलवे की कैटरिंग सेवा में खाद्य पदार्थ के लिए जो मूल्य वसूला जाता है, उसकी कीमत बाजार मूल्य से अधिक होती है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैटरिंग सेवा में सुधार के लिए बेस का किचन और स्वचालित वेडिंग मशीन का होना बहुत जरूरी है. कैटरिंग सेवा के लिए कई रेलवे जोन में कोई ब्लूप्रिंट तैयार नहीं है, जिसके कारण आम आदमी को नुकसान हो रहा है.

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