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नहीं हो पा रही जननायक एक्सप्रेस की धुलाई
दरभंगा : यात्रियों की भीड़ के आगे रेल प्रशासन बेबस हो गया है. यह गाड़ी की साफ-सफाई भी नहीं कर पा रहा. किसी तरह गाड़ी को साफ कर परिचालन कर रहा है. यह स्थिति है अमृतसर जानेवाली जननायक एक्सप्रेस की. आवक ट्रेन में ही यात्री जगह पाने के लिए सवार हो जाते हैं. ट्रेन की […]
दरभंगा : यात्रियों की भीड़ के आगे रेल प्रशासन बेबस हो गया है. यह गाड़ी की साफ-सफाई भी नहीं कर पा रहा. किसी तरह गाड़ी को साफ कर परिचालन कर रहा है. यह स्थिति है अमृतसर जानेवाली जननायक एक्सप्रेस की. आवक ट्रेन में ही यात्री जगह पाने के लिए सवार हो जाते हैं. ट्रेन की सफाई के लिए यात्रियों को गाड़ी से उतारने में आरपीएफ का पसीना छूट रहा है.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों पंजाब व हरियाणा जाने के लिए यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ गयी है. स्थिति यह है कि जितने लोग गाड़ी में सवार होते हैं, उससे कई गुणा अधिक यात्री छूट जाते हैं. लिहाजा पूरा जंकशन परिसर यात्रियों की भीड़ से पटा पड़ा है. स्टेशन परिसर के अलावा बाहर सड़क के किनारे भी पड़े हैं. हालांकि रेलवे ने इन यात्रियों के लिए एक स्पेशल ट्रेन भी चलायी, लेकिन इसकी सूचना समय पर उपलब्ध नहीं हो सकने की वजह से यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल सका.
दरभंगा से अमृतसर के लिए जननायक ट्रेन नित्य जाती है. इसमें 22 बोगियां रहती हैं. सभी बोगियां सामान्य रहती हैं. इस ट्रेन से मूल रूप से मजदूर तबके के यात्री ही सफर करते हैं.
पंजाब व हरियाणा में इस क्षेत्र के वनिस्पत पहले धान की बुआई होती है. इस अवधि में इस इलाके में मजदूरों को काम नहीं मिलता. फलत: हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष मजदूरों का पलायन होता है. इसी पलायन का समय इन दिनों चल रहा है. पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जंकशन पर इन यात्रियों का जमावड़ा लगा है. पंजाब की ओर जानेवाली इस क्षेत्र से यह एक मात्र ट्रेन है. इसलिए सभी यात्री इसी ट्रेन को टारगेट करते हैं. इसमें दरभंगा के अलावा मधुबनी, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों से भी यात्री सवार होते हैं.
आलम यह है कि जब यह ट्रेन अमृतसर से दरभंगा के लिए लौटती है तब ही यात्री सवार हो जाते हैं. मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर आदि जिलों से यात्री सवार हो कर ही यहां आते हैं. ट्रेन में अपना बर्थ सुनिश्चित करने के लिए दरभंगा पहुंचने पर भी गाड़ी से नहीं उतरते. जब यह ट्रेन वाशिंग पीट पर पहुंचती है तब भी नहीं उतरते.
इस वजह इस गाड़ी की धुलाई भी नहीं हो पाती. सामान्य सफाई के लिए यात्रियों को ट्रेन से उतारने में आरपीएफ को नित्य पसीना बहाना पड़ता है. विगत रात यह गाड़ी आधी रात के बाद रवाना हो सकी. सफाई के लिए अपनी सीट पर सामान रखकर ही उतरने के लिए तैयार हुए. काफी शोर-शराबा किया.
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