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Friday, March 29, 2024

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बिहार परचा लीक आयोग :डायरी में लीक की जानकारी भी अधूरी

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी की कोर्ट में जमा की गयी केस डायरी में कई अहम बातों का जिक्र ही नहीं है. करीब 300 पेज की इस डायरी में कई अहम सवाल के जवाब ही नहीं हैं. इस बात का भी कहीं जिक्र नहीं है कि क्लर्क ग्रेड की परीक्षा में चारों […]

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी की कोर्ट में जमा की गयी केस डायरी में कई अहम बातों का जिक्र ही नहीं है. करीब 300 पेज की इस डायरी में कई अहम सवाल के जवाब ही नहीं हैं. इस बात का भी कहीं जिक्र नहीं है कि क्लर्क ग्रेड की परीक्षा में चारों तारीखों का परचा लीक था. यह परीक्षा 29 जनवरी से लेकर 19 फरवरी तक आयोजित होनी थी. डायरी में 5 फरवरी की परीक्षा का परचा लीक होने की बात तो कही गयी है, लेकिन इसका कहीं उल्लेख नहीं है कि क्या ये प्रश्न-पत्र चारों परीक्षाओं के ऑउट थे या सिर्फ एक परीक्षा के ही. जबकि जब प्रश्न-पत्र ऑउट होने की खबर वायरल हुई थी, तो इस बात को पुलिस अधिकारियों ने भी स्वीकार किया था कि चारों दिनों की प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न-पत्र आउट हैं. इसकी जांच की जा रही है. परंतु डायरी में उल्लेख नहीं है.
बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार, पूर्व सचिव परमेश्वर राम, प्रकाशक विनीत अग्रवाल, इवैल्यूएटर अनंत प्रीत सिंह बरार समेत पूरे राज्य में 78 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही राज्य के अलग-अलग थानों में करीब 27 एफआइआर भी दर्ज हो चुकी है. हालांकि पूरे मामले की जांच के लिए पटना एसएसपी के नेतृत्व में गठित एसआइटी ही इसकी छानबीन कर रही है.
फिर भी अभी तक कई अहम सवाल के जवाब नहीं मिले हैं. इन अहम सवालों में शामिल है, क्या चारों दिन की परीक्षा के प्रश्न-पत्र ऑउट थे, प्रश्न-पत्र कब और कहां से लीक हुए, सबसे पहले किसके पास प्रश्न-पत्र पहुंचे समेत ऐसे अन्य सवाल शामिल हैं. केस डायरी में इन सवालों के जवाब नहीं हैं. साथ ही सुधीर कुमार की पूछताछ में आठ-नौ लोगों की तरफ साफतौर से इशारा भी किया गया था. परंतु इनका नाम नहीं खोला गया था. इधर, इवैल्यूटर आनंतप्रीत सिंह बरार ने भी सचिव समेत कुछ अन्य अहम लोगों की तरफ से पूरे लीक मामले में साफतौर पर इशारा किया है.
पटना : अनंतप्रीत सिंह बरार को सड़क मार्ग से गुरुवार की सुबह साढ़े तीन बजे पटना लाया गया. पुलिस की टीम अनंत को लेकर पहले गांधी मैदान थाने गयी. लेकिन, वहां पहुंचने की भनक मीडियाकर्मियों को लग गयी थी और वे लोग वहां मौजूद थे. इसके बाद पुलिस टीम उसे गांधी मैदान थाने में उतारने के बजाये कड़ी सुरक्षा में लेकर गोपनीय जगह पर चली गयी. इधर कोर्ट में भी अनंत की पेशी को लेकर गहमा-गहमी बनी हुई थी. लेकिन, शाम पांच बजे तक कोर्ट में उसे पेश नहीं किया गया. रात को चुपके से कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया.
एसआइटी ने बरार को दिल्ली में पकड़ा था और वहां के न्यायालय द्वारा 60 घंटे का ट्रांजिट रिमांड मंगलवार की शाम को मिला था. बुधवार को एसआइटी की टीम कड़ी सुरक्षा में अनंत बरार को लेकर निकली और गुरुवार की अहले सुबह पटना पहुुंच गयी. हालांकि 60 घंटे की अवधि पूरा नहीं हुई थी. उससे पूछताछ की गयी और सारी पूछताछ को रिकॉर्ड किया गया. पूछताछ में उससे प्रिंटिंग प्रेस के संचालक विनित अग्रवाल, मैनेजर अजय से संबंधों के विषय में पूछताछ की गयी. इसके साथ ही परमेश्वर राम के दलाल आनंद शर्मा से भी बातचीत होने की बात सीडीआर में आने के संबंध में जानकारी ली गयी. अनंत बरार से यह भी पूछा गया कि उसकी किस प्रकार से बीएसएससी के आइटी मैनेजर निति प्रताप सिंह से जान-पहचान थी.
पटना. बीएसएससी पेपर लीक मामले में जांच कर रही एसआइटी ने पटना के निगारानी की विशेष अदालत में आइआइटी दिल्ली के सहायक प्रोफेसर देवव्रत दास गुप्ता का 164 के तहत बयान दर्ज कराया है. इसके अलावा कोर्ट के अादेश पर उनका हैंडराइटिंग सैंपल भी लिया गया है, एसआइटी इस सैंपल को एफएसएल को भेजने जा रही है.
यहां बता दें कि एसआइटी ने बीएसएससी के अध्यक्ष सुधीर कुमार से पूछा था कि उन्होंने परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों का सेट किस प्रोफेसर से कराया था. इस पर सुधीर कुमार ने आइआइटी के सहायक प्रोफेसर देवव्रत दास गुप्ता का नाम बताया था. लेकिन जब एसआइटी दिल्ली जाकर उस प्रोफेसर से बात की तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया. इस पर सुधीर कुमार का बयान झूठा निकला. अब इस झूठ को एसआइटी सबूत के लिए हथियार बना रही है. इस कड़ी में प्रोफेसर का बयान कराया गया और हैंडराइटिंग सैंपल लिया गया. इस सैंपल का मिलान उस हाथ से लिखे हुए प्रश्न पत्र के सेट से करायी जायेगी जो अहमदाबाद प्रिंटिंग प्रेस को भेजी गयी थी.
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में अनंतप्रीत सिंह बरार के गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसकी जड़ें तलाशने में जुटी हुई है. कॉलेज में एडमिशन और नंबर बढ़वाने के छोटी-मोटी सेटिंग से कई बड़े शिक्षण संस्थान, कोचिंग सेंटर और प्रतियोगी परीक्षाएं कराने वाली बॉडी के अधिकारियों के करीबी बन चुके बरार के जांच की आंच अब उसके पिता पर पड़ने वाली है. एसआइटी को शक है कि कॉलेजों में जो सेटिंग वह करता था उसमें उसके पिता अजेब सिंह बरार भी मदद करते थे.
आइआइटी दिल्ली में प्रोफेसर रह चुके अजेब सिंह बरार वर्ष 2009 में गुरुनानक देव यूनिर्वसिटी (जीएनडीयू)अमृतसर के वीसी बने थे. 15 मार्च 2017 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, वह 31 मार्च को पद से हट जायेंगे. इस्तीफा के पीछे क्या कहानी है यह अभी साफ नहीं है, लेकिन पेपर लीक कांड में बेटे की एसआइटी की तलाश के दौरान उन्होंने यह कदम क्योें उठाया एसआइटी इसकी पड़ताल करेगी. उनकी भूमिका की जांच होगी, अनंतप्रीत सिंह बरार का जो भी सेटिंग का खेल था उसमें पिता का रोल है या नहीं यह जांच के दायरे में है.
दिल्ली में बनायी सर्किल
गुडगांव का रहने वाले बरार ने दिल्ली में अपनी सर्किल बनायी. शिक्षण संस्थानों में प्रिंटिंग से लेकर अन्य कार्यों का टेंडर लेने और दिलाने के खेल ने उसे माहिर बना दिया. यहां से वह प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाले विभागों में घूस गया, बड़े अधिकारियों से संबंध बनाया और ओएमआर सीट का खेल, पेपर लीक का खेल शुरू कर दिया. इससे बड़े पैमाने पर पैसा पीटा. उसका फाॅर्म हाऊस किसी ऐशगाह से कम नहीं है.
ब्यूरोक्रेट्स से करीबी
दिल्ली के कई ब्यूरोक्रेट्स अनंतप्रीत सिंह बरार के काफी करीबी हैं. उसके फाॅर्म हाऊस पर लोगों का आन-जाना है. बरार के मोबाइल फोन से कई अहम जानकारी एसआइटी को हाथ लगी है. मोबाइल फोन में मिले वीडियो क्लीपिंग, मैसेज, वॉयस रिकार्ड को एसआइटी काफी हद तक खंगाल चुकी है. एसआइटी अगर जांच का दायरा बढ़ायेगी तो कई बड़े खुलासे होंगे. इसमें सिर्फ सेटिंग का खेल नहीं बल्कि सेक्स रैकेट का भी भंडाफोड़ हो सकता है. बिहार में बीएसएससी के अध्यक्ष रहे सुधीर कुमार, सीके अनिल समेत अन्य कई अधिकारी भी उसकी सर्किल में शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस पर भारी पड़ रहे थे अनंत के रसूख, नहीं डाल रही थी हाथ
पटना. अनंतप्रीत सिंह बरार का दिल्ली में रसूख देखकर बिहार पुलिस की एसआइटी दंग रह गयी. गिरफ्तारी के लिए जिस तरह का सहयोग एसआइटी को चहिए था, वह दिल्ली पुलिस की तरफ से नहीं मिल रहा था. फिर भी एसआइटी ने उसका लोकेशन ट्रेस किया और बरार के फॉर्म हाउस से लेकर कई ठिकानों पर छापेमारी की. एसआइटी में शामिल एक अधिकारी का कहना है कि दिल्ली पुलिस अनंत पर हाथ डालने से कतराती रही. वहीं छापेमारी में टीम को कई अहम दस्तावेज मिले हैं. एसआइटी इसके आधार पर जांच कर रही है.
रास्ते भर पीते आया सिगरेट
गिरफ्तारी के बाद अनंतप्रीत सिंह बरार दबाव में आ गया था. पहले उसने बीमार होने की बात कही. लेकिन, जब उसे दिल्ली से पटना सड़क मार्ग से लाया गया, तो उसकी हरकत देख कर एसआइटी दंग रह गयी. रास्ते में बहुत सिगरेट पीया. वह साफ तौर पर मानसिक तनाव में था.
रास्ते में एसआइटी ने उसे भोजन-नाश्ता, कोल्ड ड्रिंक पिलाते लाया. अनंतप्रीत सिंह बरार के बिहार मेें करीब 20 कोचिंग संचालकों से संबंध हैं. उसके मोबाइल फोन से कुछ लोगों के बातचीत के प्रमाण मिले हैं. एसआइटी उनसे पूछताछ कर सकती है. इसमें पटना, नवादा, वैशाली, नालंदा शामिल है. एसआइटी एेसे कोचिंग संचालकों की सूची तैयार कर ही है उनसे पूछताछ हो सकती है.
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