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नीरज सिंह हत्याकांड: पुलिस पूछताछ में पंकज का रटा-रटाया जवाब, विधायक संजीव ने नहीं, रंजय के भाई संजय ने करायी हत्या

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या का मास्टरमाइंड पंकज सिंह को रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में धनबाद मंडल कारा भेज दिया गया. सरायढेला थानेदार सह नीरज हत्याकांड के आइओ निरंजन तिवारी यूपी के सुल्तानपुर जेल से पंकज को प्रोडक्शन वारंट पर धनबाद लेकर तड़के पहुंचे […]

धनबाद: पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या का मास्टरमाइंड पंकज सिंह को रविवार को कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में धनबाद मंडल कारा भेज दिया गया. सरायढेला थानेदार सह नीरज हत्याकांड के आइओ निरंजन तिवारी यूपी के सुल्तानपुर जेल से पंकज को प्रोडक्शन वारंट पर धनबाद लेकर तड़के पहुंचे थे. अब पुलिस कोर्ट के आदेश पर पंकज को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ करेगी. पंकज से सरायढेला थाना में रविवार की शाम एसएसपी मनोज रतन चोथे, सिटी एसपी पीयूष पांडेय, डीएसपी (लॉ एंड आर्डर) नवल शर्मा, थाना प्रभारी निरंजन तिवारी ने घंटों पूछताछ की.

विधायक-सिंह मैंशन से संबंध स्वीकारा : जानकारी के अनुसार पकंज ने कहा कि बेवजह उसे हत्याकांड का मास्टरमाइंड बनाया जा रहा है.

नीरज की हत्या से उसका कोई लेना-देना नहीं है. उसने शूटर को धनबाद नहीं बुलाया था. हत्याकांड में पकड़े गये शूटरों अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश को वह नहीं जानता है. उसने बताया कि 2014 के विधानसभा चुनाव में वह धनबाद आया था.

वह कभी-कभार धनबाद आता था. सिंह मैंशन भी जाता था. विधायक से परिचय है. सिंह मैंशन में रहता भी था. लेकिन विधायक संजीव सिंह का नीरज की हत्या में हाथ नहीं है. नीरज की हत्या रंजय की हत्या के प्रतिशोध में की गयी है. रंजय के भाई संजय व धनजी समेत अन्य लोगों ने गुस्से में नीरज की हत्या करवायी है. संजय बोलते रहता था कि अगर विधायक साथ नहीं देंगे तो नहीं दें, लेकिन वह नीरज को नहीं छोड़ेगा. हत्या की योजना संजय ने ही बनायी थी. रंजय के करीबी अपराधियों के साथ मिलकर संजय ने हत्या को अंजाम दिलवाया है. विधायक व उसे हत्या के बारे में जानकारी नहीं थी. पंकज ने स्वीकार किया कि उसके मोबाइल फोन का दुरुपयोग किया गया. हत्या की योजना की जानकारी मिलने पर वह भाग गया था.

डर से भागा फिर रहा था पंकज

पंकज ने कहा कि वह डर से भागा फिर रहा था. पुलिस ने उसे मास्टर माइंड बता गिरफ्तारी व कुर्की वारंट हासिल कर लिया था. उसकी जान को भी खतरा था. इसलिए उसने कोर्ट व कानून की शरण लेना ही उचित समझा. मिर्जापुर जेल में बंद अपराधी रिंकू सिंह से भी संबंध होने से पंकज ने इनकार किया है. पंकज किसी तोते की तरह पुलिस अफसरों के समक्ष रटा-रटाया जबाव दे रहा था. विदित हो कि पंकज ने पिछले 14 सिंतबर को सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. वह सुल्तानपुर जिले के लंभुआ बुधापुर का रहने वाला है.

इन सवालों का नहीं दे सका जवाब
नीरज की हत्या क्यों की गयी? हत्या की सुपारी किसने दी थी? ‌विधायक संजीव ने नीरज की हत्या क्यों करायी? शूटरों को किसने बुलाया और ठहराया? हथियार किसने दी और हत्या के बाद ले ली? इन सवालों का जवाब पंकज पुलिस को नहीं दे सका.

नीरज सिंह हत्याकांड: अनुसंधान में मिले हैं पर्याप्त साक्ष्य, कसेगा शिकंजा पुलिस फाइल में पंकज सिंह मास्टरमाइंड

अब तक का पुलिस अनुसंधान कहता है कि पंकज वही शख्स है जिसने नीरज की हत्या के लिए यूपी से सुपारी देकर चार शूटरों को धनबाद बुलाया था. शूटरों को हथियार उपलब्ध कराने, हत्या की योजना बनाने, शूटरों को जाली मोबाइल सीम उपलब्ध कराने, कुसुम विहार में किराये के मकान में ठहराने, बाइक उपलब्ध कराने, हत्या के लिए चारों को हथियार उपलब्ध कराने, हत्या के बाद हथियार वापस लेने व शूटरों को भगाने में मदद करने का आरोप है. नीरज हत्याकांड में पुलिस गिरफ्त में आने वाले शूटरों ने पंकज के बुुलावे पर धनबाद आने, पंकज द्वारा हथियार व पैसा उपलब्ध कराये जाने, पंकज से शूटरों की मोबाइल पर बातचीत का कॉल डिटेल भी पुलिस के पास है. पुलिस दबिश, विरोधी गुट के अपराधियों के पीछे पड़ने, नीरज हत्याकांड में कुर्की होने के भय से पुराने मामले में उसने सुल्तानपुर कोर्ट में 14 सितंबर को सरेंडर किया. पुलिस सूत्रों का कहना है कि पंकज शातिर अपराधी है और वह आसानी से राज उगलने वाला नहीं. पुलिस को यह भी शक है कि अपने आका के इशारे पर वह हत्याकांड को नया मोड़ देना चाहता है ताकि अदालत में लाभ लिया जा सके. लेकिन पुलिस उसके मंसूबे को सफल नहीं हो ने देगी.

कौन है पंकज

पंकज को यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का शार्प शूटर बताया जाता है. आरोप है कि संतोष उर्फ नामवर वह शख्स है जो पंकज को धनबाद लेकर आया था. रंजय, पंकज व नामवर में गहरी छनती थी. रंजय की हत्या के बाद नीरज की हत्या के लिए दिल्ली के सोनू व मोनू नामक शूटरों को पंकज ने धनबाद बुलाया था. दोनों शूटर योजना में सफल नहीं हुए और लौट गये. इसके बाद यूपी के अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश को पंकज ने हायर किया. चारों को हत्या के बदले लाखों रुपये देने की बात कही गयी थी. शूटरों को पंकज ने राह खर्च के अलावा चंद रुपये ही दिये. पंकज पहले झरिया से यूपी कोयला ले जाता था. आरोप है कि रंजय के माध्यम से वह सिंह मैंशन के करीब आया था. नीरज हत्याकांड की जांच में पुलिस का दावा है कि पंकज बराबर धनबाद आता रहा है. रंजय की हत्या से 10 दिन पहले यानी 19 जनवरी तक पंकज का मोबाइल लोकेशन धनबाद स्टील गेट है. पंकज का मोबाइल लोकेशन वर्ष 2014 में भी धनबाद व झरिया था. आरोप है कि रंजय की हत्या के बाद 16 फरवरी से 19 फरवरी तक वह धनबाद में सिंह मैंशन में था. पंकज 21 फरवरी को अपने पैतृक गांव लंभुआ चला गया. पंकज वापस फिर एक मार्च को धनबाद आया और छह मार्च तक कुसुम विहार में राम अह्लाद राय के मकान में था. मकान को डब्लू मिश्रा ने शूटरों को ठहराने के लिए किराये पर लिया था. वह सात मार्च से 16 मार्च तक लंभुआ अपने घर पर था. होली में पंकज अपने घर गया था. वह 17 से 21 मार्च तक धनबाद में था. पुलिस डायरी में पंकज का मोबाइल लोकेशन इस दौरान सिंह मैंशन बताया गया है.

मोबाइल लोकेशन से खुलासा

शूटरों ने जो पुलिस को बयान दिये हैं, उसका सत्यापन पंकज के मोबाइल लोकेशन से हो रहा है. मोबाइल लोकेशन के अनुसार पंकज 23 मार्च को कोलकाता में था. वह 24 मार्च को अमृतसर मेल से हावड़ा से बनारस गया. नीरज सिंह की हत्या में प्रयुक्त मोबाइल 9936887360 से ट्रेन में खाना का अॉर्डर किया था. जौनपुर रामपुर निवासी धीरज गुप्ता के आइडी से पंकज के नाम आइआरसीटीसी में अमृतसर मेल ट्रेन का टिकट बुक था. ट्रेन का किराया धीरज के कोटक महेंद्रा बैंक खाते से भुगतान हुआ है. शूटर शिबू व कुर्बान ने पुलिस को बताया था कि पंकज 23 मार्च को कोलकाता में था.

फ्लैश बैक

पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को 21 मार्च 17 को स्टील गेट के समीप गोलियों से भून दिया गया था. मामले में नीरज के अनुज अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू ने विधायक संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, गया सिंह व महंथ पांडेय के खिलाफ षडयंत्र कर हत्या करने का आरोप लगाया था. पुलिस छानबीन में विधायक के निजी बॉडी गार्ड धनंजय सिंह, अनुसेवक संजय सिंह (रंजय सिंह का भाई), डब्लू मिश्रा की संलिप्तता के साक्ष्य मिले. धनजी, संजय व पिंटू को पुलिस ने 30 मार्च को जेल भेजा था. विधायक व संजीव व डब्लू मिश्रा को 11 अप्रैल को जेल भेजा गया था. पुलिस मामले में विधायक संजीव सिंह, उनके निजी बॉडी गार्ड धनजी सिंह, अनुसेवक संजय सिंह, जैनेद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, डब्लू मिश्रा, शूटर अमन सिंह, कुर्बान अली उर्फ सोनू, विजय सिंह उर्फ शिबू उर्फ सागर सिंह व चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश, बिनोद सिंह के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. संजीव रांची के होटवार जेल तथा अन्य सभी धनबाद जेल में बंद हैं.

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