रांची: झारखंड और बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी चंदन सोनार ने अपने सहयोगी राकेश के जरिये 20 करोड़ रुपये फिरौती वसूलने के लिए चुटिया के साईं कॉलोनी निवासी भाजपा नेता मदन सिंह के पुत्र शिवम के अपहरण की योजना तैयार की थी. चूंकि शिवम के साथ उसके रिश्तेदार गौरव और सैंकी भी थे, इसलिए तीनों को किडनैप किया गया था.
घटना में मास्टर माइंड चंदन सोनार और राकेश के अलावा आलिया, राकेश, गोविंद, गौतम और छोटू सहित सहित 19 अपराधी शामिल थे. इनमें से कांग्रेस नेता अशोक सुंडी सहित 14 बदमाश पुलिस की गिरफ्त में हैं. बाकी की तलाश जारी है. गिरफ्तार अपराधियों में सुजीत उपाध्याय और ब्रजेश व्यवसायी अनूप चावला गोलीकांड में भी शामिल रहे हैं. इसके साथ ही अपहरण में प्रयुक्त हथियार सहित, नशे की दवाई, गोली, इंजेक्शन सहित अन्य सामान बरामद कर लिया गया है. यह जानकारी रविवार को एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस में दी.
उन्होंने बताया कि चंदन सोनार बिहार में ही है. रही बात शादीशुदा महिला आलिया की तो उसे फिरौती की रकम मिलने पर पांच लाख रुपये मिलने वाले थे. इसलिए उसने शिवम को प्रेम के जाल में फंसा कर नगड़ी बुलाया था. एसएसपी के अनुसार सूचना मिली थी कि संभवत: छात्रों को चाईबासा के सारंडा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाके में रखा गया है. फौरन डीआइजी कोल्हान, एसपी चाईबासा से संपर्क कर छापेमारी टीम का गठन किया गया. इस बीच खबर मिली कि अपराधी पुलिस के डर से छात्रों को दूसरे ठिकाने पर ले जाने वाले हैं. इसके बाद चाईबासा और चक्रधरपुर की ओर जाने वाली सड़क पर नाकेबंदी की गयी. 22 सितंबर की देर रात किडनैपर्स पिकअप वैन में तीनों छात्रों को लेकर चाईबासा की ओर जा रहे थे. इसी बीच गोइलकेरा- पाताहातू सड़क पर चेकिंग के दौरान तीनों छात्रों को बरामद कर लिया गया. वे अर्द्ध निंद्रा की स्थिति में थे. पहले तो पुलिस को नक्सली समझ कर डर गये. लेकिन पुलिस ने परिचय देते हुए बताया कि वे उन्हें बचाने पहुंचे हैं. इसके साथ ही पुलिस ने सुजीत उपाध्याय, रणविजय, अशोक सुंडी और बिरेंद्र कोड़ा को गिरफ्तार कर लिया. इन सबने बताया कि वे छात्रों को अशोक सुंडी के घर ले जा रहे थे. वहां उन्हें तब तक रखा जाता, जब तक फिरौती के रुपये नहीं मिल जाते. चारों अपराधियों ने पूछताछ में अपने अपने सहयोगी का नाम बताया, जिसके बाद गोइलकेरा थाना क्षेत्र के आराहासा में छापेमारी कर गोविंद उर्फ रजनीश चौधरी, ब्रजेश कुमार, सुखदेव कोड़ा, मनोहर लांगुरी और तुलसी दास कोड़ा को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से अवैध हथियार भी बरामद किये गये हैं. जबकि अन्य लोगों को रांची से गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपियों को रविवार की शाम न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. जिनके पास से हथियार बरामद मिले हैं, उसे लेकर चाईबासा में अलग से केस दर्ज हुआ है. आरोपियों को चाईबासा पुलिस रिमांड में लेगी.
इसलिए आलिया का इस्तेमाल किया
एसएसपी ने बताया कि आलिया फोर्क एंड कॉर्क रेस्टोरेंट में आया-जाया करती है. अपहरण की घटना में शामिल मुकेश का उससे पहले से संपर्क था. अपहरणकर्ताओं ने शिवम को फांसने के लिए आलिया का इस्तेमाल मुकेश के जरिये किया था. आलिया के पति का नाम सरफराज अंसारी है. पुलिस के मुताबिक चंदन सोनार गिरोह के राकेश एवं धर्मेंद्र ने मुकेश के जरिये आलिया से संपर्क किया था. उसे शिवम को प्रेम के जाल में फंसा कर बाहर बुलाने को कहा गया था. इसके एवज में फिरौती की रकम मिलने पर आलिया को पांच लाख रुपये मिलते. इसके बाद आलिया ने शिवम को फोन करने बालालौंग के पास बुलाया था. लेकिन शिवम वहां अकेले नहीं जाकर गौरव और सैंकी के साथ वहां पहुंचा.
चुटिया आया था राकेश और तैयार हुई योजना
एसएसपी की मानें तो राकेश अपहरण की प्लानिंग करने चुटिया आया था. वह बराबर फोन पर चंदन के संपर्क में था. राकेश ने चुटिया के रवि चड्डा के साथ मिल कर योजना तैयार की. कुछ अन्य युवक रेकी में शामिल थे. अपहरण कांड में जिस आजसू नेता के कार की प्रयोग होने की बात सामने आयी थी. उस कार का इस्तेमाल रवि चड्डा ही कर रहा था. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि आजसू नेता घटना से पहले ही कार को रवि चड्डा को बेच चुका था. अपहरण की पहली योजना 22 अगस्त को बनी थी.
कौन है चंदन सोनार
झारखंड और बिहार में फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोह का सरगना है चंदन सोनार. उसने कुछ वर्ष पूर्व साेहेल हिंगोरा का अपहरण किया था. जिसमें उसने मोटी रकम वसूली थी. तीनों छात्रों के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार सुजीत उपाध्याय ने बताया कि वह भी सोहेल हिंगोरा अपहरण में शामिल था. उसे भी फिरौती की रकम में 10 लाख देने का वादा चंदन ने किया था. लेकिन उसने पांच लाख ही दिये. चंदन सोनार गिरोह का नाम रांची में लव भाटिया के अपहरण मामले में भी सामने आया था. उसके गिरोह के तार उतर प्रदेश के बनारस और गोरखपुर के अपराधियों से भी जुड़े हैं. लव भाटिया के अपहरण के बाद चंदन सोनार सबसे अधिक चर्चित हुआ था. इससे अलावा भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है.
गिरफ्तार अपराधियों
का नाम और पता
1
सुजीत उपाध्याय उर्फ बिट्टू, ललित नारायण मिश्रा कॉलोनी पंडरा
2
रणविजय सिंह, चतरा का रंगाटांड रेलवे कॉलोनी
3
अशोक सुंडी, चाईबासा
4
बिरेंद्र कोड़ा, गोइलकेरा चाईबासा
5
गोविंद उर्फ रजनीश चौधरी, रानी बांध धैया, धनबाद
6
ब्रजेश कुमार उर्फ छोटू उर्फ मुन्ना, चिरौंदी
7
सुखदेव कोड़ा, गोइलकेरा चाईबासा
8
मनोहर लांगुरी, महकामातू चाईबासा
9
तुलसीदास, गोइलकेरा चाईबासा
10
धर्मेंद्र कुमार, जहानाबाद वर्तमान में कृष्णापुरी चुटिया
11
छोटू यादव, मोकामा, वर्तमान में कृष्णापुरी चुटिया
12
मुकेश कुमार सिंह उर्फ खली, बख्तियारपुर पटना वर्तमान रेलवे क्वार्टर काली मंदिर चुटिया
13
आलिया, इलाहीनगर पुंदाग
बरामद सामान
14 पीस मोबाइल फोन, नाइन एमएम की एक पिस्टल, दो देशी कट्टा, .315 बोर की तीन गोली, नाइन एमएम की दो गोली, पांच पैन कार्ड, तीन ड्राइविंग लाइसेंस, टेलीफोन डायरेक्ट्री, डिस्पोजल सीरिंज, 23 एल्प्राजोनल टैबलेट, ट्राइका 0.5 फोर्टवीन इंजेक्शन 01