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नकली प्रमाण पत्र बनानेवाला गिरफ्तार

रांची: नकली एफिडेविट (शपथ पत्र), पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र आदि बनानेवाले रवि शंकर प्रसाद को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया है. वह सिविल कोर्ट के पुराने जिला बार भवन के पास कई दिनों से प्रमाण पत्र बनाने का काम कर रहा था. पकड़े जाने के बाद पुराने बार भवन के पास […]

रांची: नकली एफिडेविट (शपथ पत्र), पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र आदि बनानेवाले रवि शंकर प्रसाद को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया गया है. वह सिविल कोर्ट के पुराने जिला बार भवन के पास कई दिनों से प्रमाण पत्र बनाने का काम कर रहा था. पकड़े जाने के बाद पुराने बार भवन के पास जमा भीड़ ने उसकी पिटाई भी की.

आरोपी के पास से कई वकीलों के हस्ताक्षर युक्त सादे कागजात, बीडीओ, टीसीडीसी के नाम सहित कई नन ज्यूडिसियल स्टांप (20, 10, पांच व दो रुपये का), जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के फार्मेट सहित कई तरह के कागजात बरामद किये गये हैं. उसने बताया कि उसके संपर्क में कई अधिवक्ता व नोटरी पब्लिक के लोग शामिल हैं, जिसके सहारे वह कागजात बनाता है.

हर दिन कमा लेता था 1500 रुपये: आरोपी ने जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही को बताया कि वह प्रतिदिन 1500 रुपये कमा लेता है़ उसके साथ चार अन्य युवकों को भी पकड़ा गया था, लेकिन कोई सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया़ जिला बार एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री ने प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसके आधार पर रवि शंकर प्रसाद को जेल भेज दिया गया़

आर्मी बहाली के अभ्यर्थियों को देता था प्रमाण पत्र

रवि शंकर प्रसाद मूल रूप से आर्मी बहाली के अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र बना कर देता था. उसके पास काफी भीड़ लगी रहती थी. एफिडेविट बन रहा था, लेकिन जिला बार भवन से एफिडेविट फार्म बिक नहीं रहा था़ इस कारण रांची जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को शक हुआ. इस पर पदाधिकारियों ने पता लगाना शुरू किया, तो मामला सामने आया़ रवि शंकर प्रसाद सहित पांच लोगों को मंगलवार की सुबह नौ बजे पकड़ा गया था़ यहां जमा भीड़ ने उसकी पिटाई भी की. बाद में इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गयी. कोतवाली पुलिस के पहुंचने के बाद सभी को नये रांची जिला बार भवन के पुस्तकालय में लाया गया. वहीं, नकली प्रमाण पत्र बनाने के सभी दस्तावेज जब्त किय गये. सचिव संजय विद्रोही ने बताया कि जो नन ज्यूडिसियल स्टांप मिला है, वह वर्ष 2015, 2013, 2012 का है. वह स्टांप फर्जी के काम के लिए मुंह मांगी कीमत लेता था. आरोपियों को पकड़ने में जिला बार एसोसिएशन के सचिव संजय विद्रोही, प्रशासनिक सचिव पवन रंजन खत्री, उत्तम कुजूर, रामलखन भगत, योग रंजन सहित 50 से अधिक अधिवक्ता शामिल थे़

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