पुलिस आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल से वैसे नंबरों के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है, जो नंबर झारखंड में रहनेवाले लोगों के हैं. नंबर का सत्यापन होने के बाद पुलिस संबंधित लोगों से कितने की ठगी हुई है, इसके बारे में गहराई से जानकारी एकत्र करेगी. घटना में संलिप्तता की बात सामने आने पर रांची पुलिस आरोपियों को रिमांड पर ले सकती है.
इधर, कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार 21 साइबर अपराधियों को जगन्नाथपुर पुलिस के सहयोग से गुरुवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया. जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, उनमें कर्नाटक निवासी अमरीश, संजीत, नागालिंग, मो हुसैन, मंजूनाथ और अब्दुल्लाह हासिम, तेलंगाना निवासी शंकर कुमार, सुरेश कुमार, रवि कुमार, एम चिन्ना, वेंकट, गौतम थार्या, संजीत कुमार, टेकचंद दुबे उर्फ पंडित, तमिलनाडु निवासी पार्थीवन, प्रवीण कुमार, आर विगनेश, राज सोलवम, आंध्रप्रदेश निवासी ए राज मोहन और बिहार के गोपालगंज निवासी विजय कुमार सिंह का नाम शामिल है. सभी को ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक ले जाने की अनुमति पुलिस को मिल गयी है. पुलिस सभी को शुक्रवार को कर्नाटक के लिए लेकर जा सकती है.
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि गिरोह का मुख्य सरगना बिहार के बिहारशरीफ निवासी कई लोगों से ठगी कर चुका है. उसके गांव में कई पेशेवर साइबर अपराधी रहते हैं. वहां पर पूर्व में कर्नाटक पुलिस की टीम छापेमारी कर कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों ने यह भी बताया कि उन्होंने पुलिस से बचने के लिए अपना नया ठिकाना पटेल नगर में बनाया था. वह करीब तीन साल से वहां रहते थे. वह किराये में दो फ्लैट ले रखे थे. एक फ्लैट के एवज में वे प्रतिमाह आठ हजार किराया देते थे. गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के नाम और पते की जानकारी कर्नाटक पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने दी है, जिसके बारे में पुलिस सत्यापन कर रही है.