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ये नंबर वन यारी है: माही को हमेशा जीतते देखना चाहते हैं चित्तू, परमजीत

मिलिए धौनी के उन दोस्तों से, जिन्होंने उनके लिए अपना जीवन लगा दिया ।।सुनील कुमार।। रांची : टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को तेज बाइक्स और क्रिकेट बहुत पसंद है. उनकी शख्सियत का एक पहलू और है कि उन्हें दोस्तों संग यारी निभानी भी बखूबी आती है. उनके बायोपिक एमएस […]

मिलिए धौनी के उन दोस्तों से, जिन्होंने उनके लिए अपना जीवन लगा दिया

।।सुनील कुमार।।

रांची : टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को तेज बाइक्स और क्रिकेट बहुत पसंद है. उनकी शख्सियत का एक पहलू और है कि उन्हें दोस्तों संग यारी निभानी भी बखूबी आती है. उनके बायोपिक एमएस धौनी : एन अनटोल्ड स्टोरी में भी दिखायी गयी है. सिर्फ धौनी ही नहीं, उनके दोस्तों को भी दोस्ती निभानी आती है. आज धौनी जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचाने में उनके दोस्तों की भूमिका भी काफी अहम है.

सीमांत लोहानी (चित्तू) हों या परमजीत सिंह (छोटू भैया), तीनों के बीच एक अनोखा बंधन है, एक अटूट रिश्ता है. धौनी किसी दौरे पर जाते हैं, तो भी अपने मित्रों के संपर्क में रहते हैं और जब भी रांची आते हैं, इन दोस्तों से मिलना नहीं भूलते. इनकी दोस्ती को अब लगभग डेढ़ दशक पूरे हो चुके हैं. इन दोस्तों का जोश और जुनून आज भी पहले जैसा ही बरकरार है. व्यस्तता के बावजूद रांची आने पर धौनी अपना ज्यादा समय इन्हीं दोस्तों के साथ गुजारते हैं.

सोमवार 24 अक्तूबर को रांची पहुंचने के बाद धौनी ने अपने घर पर दोस्तों से मुलाकात की. एमएस धौनी के दोस्त उन्हें (धौनी को) हमेशा खेलते और जीतते हुए देखना चाहते हैं. बुधवार को जेएससीए में होनेवाले भारत-न्यूजीलैंड मैच में भी उनके दोस्त धौनी का हौसला बढ़ाने पहुंचेंगे. इन दोस्तों को धौनी से बड़ी पारी की उम्मीद है.

दिल से ईमानदार व सीधे हैं धौनी

परमजीत सिंह कहते हैं कि मैं वह दिन नहीं भूल सकता. निश्चित तौर पर वह भी उन दिनों को नहीं भूले होंगे. आज धौनी के पास सब कुछ है. मेरी नजर में धौनी उस क्रिकेटर का नाम है, जो दिल से ईमानदार और सीधा-सादा है और जिसने कभी भी खुद को किसी अन्य से दोयम नहीं समझा. इसी गुण ने धौनी को जमीन से आसमान तक पहुंचा दिया है.

सुबह चार बजे अभ्यास करते थे धौनी
वहीं सीमांत लोहानी (चित्तू) कहते हैं कि माही हमेशा देश का मान बढ़ायें. वह अगला विश्व कप खेलें और भारत को जीत दिलायें. चित्तू ने बताया कि धौनी के अंदर आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा था. साथ ही उनकी बल्लेबाजी तकनीक दूसरों से भिन्न और ठोस थी. धौनी खूब मेहनत किया करते थे. वह सुबह चार बजे उठ कर अभ्यास के लिए जाया करते थे.

संतोष ने सिखाया था हेलीकॉप्टर शॉट

स्वर्गीय संतोष लाल (बंटी) भी धौनी के काफी करीबी थे. धौनी को उनका फेमस हेलीकॉप्टर शॉट उनके बचपन के दोस्त संतोष ने ही सिखाया था. धौनी भी उनसे दोस्ती निभाने में कभी पीछे नहीं रहे. 2013 में संतोष लाल जब गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, तब धौनी ने उनके बेहतर इलाज का सारा इंतजाम करवाया था (हालांकि संतोष लाल को वह बचा नहीं पाये). धौनी और संतोष के बचपन के एक मित्र ने बताया : संतोष ने सबसे पहले हेलीकॉप्टर शॉट खेला. वह जब खेलते थे, तो दुनिया देखती थी. वह 16 ओवर में डबल सेंचुरी बना देते थे. बाद में धौनी ने उनसे वह शॉट सीखा, जो काफी फेमस हुआ.

शब्बीर के साथ की रिकॉर्ड साझेदारी

वर्ष 1999, स्कूल लीग के फाइनल को भूल पाना मुश्किल है. उस मैच में धौनी और उनके स्कूल के मित्र शब्बीर ने क्या गजब की पारी खेली थी. दोनों बल्लेबाजों ने 40 ओवर के मैच में पहले विकेट के लिए 378 रन जोड़ कर रिकॉर्ड बनाया था, जो आज तक कायम है. इसमें धौनी ने 150 गेंदों पर 23 चौकों और छह छक्कों की मदद से 213 रन, जबकि शब्बीर ने 116 गे‍ंदों पर 117 रन की पारी खेली थी.

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