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क्रिकेट में कड़ी मेहनत की जरूरत : पुजारा

धर्मशाला : विराट कोहली के खेल में पूरा आत्मविश्वास झलकता है, केएल राहुल के स्ट्रोक में रमणीयता है लेकिन जब धैर्य की बात करते हैं तो चेतेश्वर पुजारा उसका पर्यायवाची है जिसे उन्होंने 13 साल की उम्र से आत्मसात करना सीखा. पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जब धैर्य की बात आती है तो […]

धर्मशाला : विराट कोहली के खेल में पूरा आत्मविश्वास झलकता है, केएल राहुल के स्ट्रोक में रमणीयता है लेकिन जब धैर्य की बात करते हैं तो चेतेश्वर पुजारा उसका पर्यायवाची है जिसे उन्होंने 13 साल की उम्र से आत्मसात करना सीखा. पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जब धैर्य की बात आती है तो यह पूरी तरह से कडी मेहनत पर निर्भर करता है. मैंने आठ वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था और मैंने अपने राज्य की टीम से पहला मैच 13 साल की उम्र में खेला था.

इसके बाद से लगातार मैं इस प्रारुप में खेल रहा हूं और मुझे लगता है कि मुझे घरेलू क्रिकेट में खेलने का अनुभव और कडी मेहनत का फायदा मिल रहा है.’ सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने रांची में भारत की तरफ से एक पारी में सर्वाधिक गेंदों का सामना करने का नया रिकार्ड बनाया था. उन्होंने श्रृंखला में अब तक 348 रन बनाये हैं और वह भारतीय बल्लेबाजों में सबसे ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि जब वह लंबी पारी खेलने की स्थिति में होते हैं तो पूरी तरह शांतचित बने रहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि कई बार मैं ऐसी अवस्था में होता हूं जहां चीजें मेरे अनुकूल हो रही होती हैं क्योंकि मेरे पास अनुभव है और मैं जानता हूं कि चीजों को कैसे अपने अनुकूल करना है, कैसे बल्लेबाजी जारी रखनी और कैसे लंबे अंतराल तक एकाग्रता बनाये रखनी है. मैं बल्लेबाजी करते हुए वास्तव में कुछ नहीं सोचता. मैं अपने दिमाग को पूरी तरह से खाली रखने की कोशिश करता हूं.’

पुजारा आपको बता सकते हैं कि एक टेस्ट पारी में 500 से अधिक गेंदें खेलने के लिए सही समय पर क्या करने की जरुरत पडती है और खुद को फिट कैसे बनाये रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने खानपान पर ध्यान देता हूं. मैं सही समय पर सोने की कोशिश करता हूं और अच्छी नींद लेता हूं. थकान से उबरने के प्रयास करता हूं. मालिश करवाता हूं. ये छोटी छोटी चीजें हैं. मैच समाप्त होने के बाद मेरी कुछ दिनचर्या है. मैं उस पर ध्यान देने की कोशिश करता हूं. मैं थकान से उबरने को बहुत महत्व देता हूं.

‘ पुजारा ने कहा, ‘‘मानसिक तौर पर मैं नहीं जानता, मुझे लगता है कि आपको इसके लिये तैयार होना होता है. मानसिक रूप से आप अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकते लेकिन जब आप थक जाते हो तो आपको खुद को प्रेरित करना होता है और एकमात्र लक्ष्य टीम के लिए मैच जीतना और यह खास श्रृंखला जीतना है. ‘ पुजारा को अब भारतीय क्रिकेट टीम के ‘एलीट 7’ में रखा गया है. उन्हें केंद्रीय अनुबंध में शीर्ष खिलाडियों में शामिल किया गया है लेकिन वह अभी इस बारे में बात नहीं करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘आपके काम को पहचान और सम्मान मिलना अच्छा है लेकिन अभी श्रृंखला चल रही है और मैं वास्तव में अनुबंध के बारे में नहीं सोचना चाहता हूं. हमें अभी एक महत्वपूर्ण मैच खेलना है और मैं अपना पूरा ध्यान मैच पर देना चाहता हूं और अच्छी तरह से तैयार होना चाहता हूं. ‘ धर्मशाला के विकेट से तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है लेकिन पुजारा इससे चिंतित नहीं हैं क्योंकि टीम के सभी खिलाडी अनुभवी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा विकेट दिख रहा है. हमने काफी क्रिकेट खेली है और धर्मशाला में भी खेल चुके हैं. हमने परिस्थितियों को समझने के लिए काफी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेली है. हम विकेट को लेकर चिंता करने के बजाय केवल चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे. हमने पूरे सत्र में अलग अलग तरह की पिचों पर काफी क्रिकेट खेली है. ‘

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