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गेंदबाजों की बदौलत भारत सीरीज जीतने की दहलीज पर

धर्मशाला : भारत आज यहां गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर आस्ट्रेलिया को चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन दूसरी पारी में महज 137 रन के अंदर समेटकर सीरीज जीतने के करीब पहुंच गया. जीत के लिये 106 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत ने स्टंप तक बिना विकेट गंवाये 19 […]

धर्मशाला : भारत आज यहां गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर आस्ट्रेलिया को चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन दूसरी पारी में महज 137 रन के अंदर समेटकर सीरीज जीतने के करीब पहुंच गया. जीत के लिये 106 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत ने स्टंप तक बिना विकेट गंवाये 19 रन बना लिये जिससे उसे चार दिन के अंदर सीरीज जीतने के लिये 87 रन की दरकार है. लोकेश राहुल ने पैट कमिंस के शुरुआती ओवर में तीन बाउंड्री लगाकर घरेलू टीम के लिये लय तय कर दी. वह 13 रन बनाकर क्रीज पर डटे हैं, उनके साथ मुरली विजय छह रन बना चुके हैं.

रविंद्र जडेजा (63 रन और 18 ओवर में 24 रन देकर तीन विकेट) स्टार रहे लेकिन रविचंद्रन अश्विन (13.5 ओवर में 29 रन देकर तीन) और उमेश यादव (10 ओवर में 29 रन देकर तीन विकेट) ने भी अपनी भूमिका बेहतर ढंग से अदा की जिससे आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी महज 53.5 ओवर में ही सिमट गयी. मैच का रुख भारत के पक्ष में कराने में दो कारकों ने अहम भूमिका निभायी जिसमें जडेजा के अर्धशतक से भारतीय टीम पहली पारी में 332 रन बनाने में सफल रही और आस्ट्रेलिया के मुख्य बल्लेबाज स्टीव स्मिथ का भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर खराब शाट चयन रहा. ग्लेन मैक्सवेल (45) और पीटर हैंड्सकोंब (18) ने चौथे विकेट के लिये 56 रन की भागीदारी निभाकर सकारात्मक जज्बा दिखाया लेकिन उछाल भरी पिच पर दोनों के लिये क्रीज पर डटे रहना आसान नहीं था.
मैथ्यू वेड (90 गेंद में 25 रन) ने अच्छा रक्षात्मक रवैया अपनाया लेकिन इतना ही काफी नहीं था क्योंकि दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे. भुवनेश्वर कुमार भाग्यशाली रहे जब स्मिथ ने उनकी शार्ट गेंद को पुल करने का प्रयास किया और यह उनके बल्ले से लगकर आफ स्टंप उखाड गयी.
स्मिथ बेहतरीन फार्म में थे, उन्होंने 17 रन की पारी के दौरान तीन बाउंड्री लगा ली थी, लेकिन आउट होने से वह सीरीज में 500 रन पूरा करने से महज एक रन से चूक गये. उमेश यादव ने उछाल भरी पिच पर दोनों सलामी बल्लेबाजों को परेशान किया. कुछ बाउंसर फेंकने के बाद उमेश ने अच्छा मूवमेंट हासिल किया और इसी दौरान डेविड वार्नर (06) उनकी गेंद पर बल्ला छुआकर विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को कैच दे बैठे.
मैट रेनशॉ (08) को तब जीवनदान मिला जब भुवनेश्वर की गेंद पर करुण नायर ने तीसरी स्लिप में उनका कैच छोड दिया। लेकिन यह आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सका और साहा को पारी का दूसरा कैच देकर पवेलियन लौट गया.
मैक्सवेल हालांकि अच्छे मूड में थे, उन्होंने पदार्पण करने वाले कुलदीप यादव की गेंद को लांग आन में छक्के के लिये भेज दिया. उन्होंने तेजी से रन जुटाये, जिसमें पांच चौके और एक छक्का शामिल था. हैंड्सकोंब भी हालांकि बेहतर दिख रहे थे लेकिन अश्विन ने उनका विकेट लिया.
उनकी तेजी से उछाल लेती गेंद बल्ले पर लगकर कप्तान अंजिक्य रहाणे के हाथों में समां गयी.
शॉन मार्श (01) जडेजा का पहला शिकार बने, जिनका कैच फारवर्ड शार्ट लेग पर चेतेश्वर पुजारा ने लिया. चाय के बाद अश्विन ने मैक्सवेल को पगबाधा आउट किया जिसका इस बल्लेबाज ने रैफरल मांगा लेकिन टीवी अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला कायम रखा. इसके कारण वेड और जडेजा में बहस भी हो गयी तथा अश्विन को बीच बचाव करना पडा. स्टीव ओकीफी (00) जडेजा का तीसरा शिकार बने, जिनका कैच सिली प्वाइंट पर पुजारा ने लपका जबकि लियोन के रुप में उमेश ने तीसरा विकेट झटका. जोश हेजलवुड (00) एक रन भी नहीं बना सके जबकि वह इससे पहले अश्विन की गेंद पर स्लिप कैच से बचे थे.
इससे पहले जडेजा ( 95 गेंद में 63 रन) की चार चौकों और चार छक्कों जडित अर्धशतकीय पारी की मदद से भारत ने बढत हासिल की। उन्होंने टेस्ट में अपना सातवां अर्धशतक जडा। रिद्धिमान साहा (31) के साथ सातवें विकेट के लिये 30 ओवर में 96 रन की साझेदारी धर्मशाला की इस पिच पर टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. आस्ट्रेलिया के लिये लियोन (98 रन देकर पांच विकेट) ने पांच विकेट झटके. साहा ने सुबह के कमिंस (94 रन देकर तीन विकेट) और हेजलवुड (51 रन देकर एक विकेट) के मुश्किल स्पैल के बावजूद मजबूत जज्बा दिखाया. जडेजा सुबह कमिंस के तीसरे ओवर की पहली गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे, लेकिन उन्होंने तुंरत ही डीआरएस का इस्तेमाल किया जिसका फैसला भारतीय खिलाडी के हक में रहा क्योंकि टीवी रिप्ले में पुष्टि हुई कि बल्ला गेंद पर नहीं लगा था.
कमिंस की एक गेंद उनके हेलमेट पर भी लगी लेकिन जडेजा जरा भी असहज नहीं दिखे. जडेजा का सुबह सर्वश्रेष्ठ शाट कमिंस की गेंद पर स्ट्रेट ड्राइव था। फिर लियोन की फ्लाइट की गयी गेंद पर उन्होंने लांग आफ पर तीसरा छक्का जडा. उन्होंने लियोन की गेंद पर स्लिप में बेहतरीन बाउंड्री लगायी. साहा भी उनके साथ एक रन और कभी कभार दो रन जुटाते दिखे जबकि जडेजा ने बीच बीच में अपनी इच्छानुसार जोखिम भी उठाये. तेजी से लिये गये एक रन से उनका अर्धशतक पूरा हुआ और हमेशा की तरह उन्होंने बल्ले से ‘तलवारबाजी’ का एक्शन करते हुए जश्न मनाया. इससे वह मौजूदा सत्र में छह बार 50 से ज्यादा रन बनाने वाले विराट कोहली, लोकेश राहुल और मुरली विजय के साथ शामिल हो गये.
जडेजा को कमिंस की शार्ट पिच गेंदों से भी कोई परेशानी नहीं हुई, उन्होंने इस गेंदबाज पर डीप मिड विकेट की ओर एक बाउंड्री लगायी और फिर अपना चौथा छक्का भी स्क्वायर के पीछे लगाया. कमिंस हालांकि उनका विकेट हासिल करने में सफल रहे. जडेजा ने फुल लेंथ गेंद को स्मैश करने के प्रयास में इस गेंदबाज को विकेट दे दिया. भुवनेश्वर कुमार (00) स्टीव ओफीकी का मैच का पहला शिकार बने. कमिंस ने फिर साहा का विकेट अपने नाम किया, स्टीव स्मिथ ने शानदार कैच लपककर उनकी पारी का अंत किया। हालांकि यह उनके हाथ से निकल गया था लेकिन स्मिथ ने सही समय पर इसे दोबारा लपक लिया. जडेजा और साहा ने इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन पूरे किये.

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