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Friday, March 29, 2024

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बोफोर्स तोप के लिए मेड इन जर्मनी के नाम पर की गयी चीनी कल-पुर्जों की आपूर्ति

नयी दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बोफोर्स तोप सौदे को लेकर एक नया मामला दर्ज किया है. उसने दर्ज मामले में कहा है कि बोफोर्स तोप के लिए मेड इन जर्मनी के नाम पर चीन के कल-पुर्जे की आपूर्ति का मामला सामने आया है. सीबीआर्इ ने इस फर्जीवाड़े में सिंध सेल्स सिंडिकेट (दिल्ली) नामक कंपनी […]

नयी दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बोफोर्स तोप सौदे को लेकर एक नया मामला दर्ज किया है. उसने दर्ज मामले में कहा है कि बोफोर्स तोप के लिए मेड इन जर्मनी के नाम पर चीन के कल-पुर्जे की आपूर्ति का मामला सामने आया है. सीबीआर्इ ने इस फर्जीवाड़े में सिंध सेल्स सिंडिकेट (दिल्ली) नामक कंपनी के अलावा गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ), जबलपुर के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सिंध सेल्स को छह वायर रेस रॉलर बेयरिंग (डब्ल्यूआरआरबी) की आपूर्ति का ठेका दिया गया था.

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सीबीआर्इ ने आपराधिक साजिश रचने के अलावा ठगी और जालसाजी के आरोपों में एफआर्इआर दर्ज की है. भारत में बोफोर्स तोप का उत्पादन धनुष आर्टिलरी गन के नाम से किया जाता है. जांच एजेंसी का आरोप है कि कंपनी ने जीसीएफ अधिकारियों की मिलीभगत से धनुष 155 एमएम गन के लिए चीन निर्मित नकली कल-पुर्जो की आपूर्ति की थी.

मामले के अनुसार, जीसीएफ के अधिकारियों ने साजिश के तहत सिंध सेल्स द्वारा मुहैया करायी गयी चीन निर्मित बेयरिंग को स्वीकार कर लिया था. इसके ऊपर ‘सीआरबी-मेड इन जर्मनी’ लिखा था, जबकि बेयरिंग को साइनो यूनाइटेड इंडस्ट्रीज (लूयांग) लिमिटेड हेनान ने बनाया था. सिंध सेल्स ने सीआरबी एंट्रीबेस्टेश्निक कंपनी (जर्मनी) से बेयरिंग खरीद का फर्जी प्रमाणपत्र भी मुहैया कराया था.

सिंध सेल्स ने बेयरिंग के काम न करने या खराब होने की स्थिति में बिना किसी शुल्क के बदलने का स्पष्टीकरण दिया था. सीबीआर्इ का आरोप है कि जीसीएफ के अनाम अधिकारियों ने विशेष मामला बताकर बिना जांच किये ही बेयरिंग को स्वीकार कर लिया था. बाद में, आकार में परिवर्तन के कारण बेयरिंग जीसीएफ की जांच में खरा नहीं उतरा था. जांच एजेंसी की मानें, तो संबंधित जर्मन कंपनी बेयरिंग नहीं बनाती है.

सीबीआर्इ ने सिंध सेल्स और चीनी कंपनी के बीच ई-मेल के जरिये हुई बातचीत का ब्योरा भी जब्त कर लिया है. सिंध सेल्स ने जर्मन कंपनी के फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल किया था. प्रमाणपत्र भी फर्जी पाये गये हैं. जीसीएफ के अधिकारियों पर बेयरिंग के अलावा दस्तावेजों की पर्याप्त जांच-पड़ताल नहीं करने का भी आरोप लगाया गया है.

बोफोर्स तोप (155 एमएम) के चार बेयरिंग के लिए जारी निविदा में चार कंपनियों ने हिस्सा लिया था. 2013 में सिंध सेल्स सिंडिकेट को 35.38 लाख रुपये मूल्य का ठेका दिया गया था. 27 अगस्त, 2014 में इसे बढ़ा कर छह बेयरिंग (53.07 लाख रुपये) कर दिया गया था. कंपनी ने दो-दो करके तीन किश्तों में बेयरिंग मुहैया करायी थी.

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