नयीदिल्ली : कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले से जुड़े मामालें की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ में केसला उत्तरी कोयला ब्लाॅक के आवंटन में अनियमितता को लेकर राठी स्टील एंड पावर लिमिटेड के तीन अधिकारियों को आज अलग-अलग अवधि की कैद की सजाएं सुनाई जिनमें सबसेबड़ी सजा तीन साल की है. इन सभी को मामले में कल दोषी ठहराया गया था.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आरएसपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी उदित राठी तथा प्रबंध निदेशक प्रदीप राठी को तीन-तीन साल की जेल तथा सहायक महाप्रबंधक कुशल अग्रवाल को दो साल की जेल की सजा सुनायी. तीनों को कल दोषी ठहराये जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
अदालत ने आरएसपीएल तथा उसके सीइओ पर 50-50 लाख रुपये तथा प्रबंध निदेशक पर 25 लाख रुपये तथा एजीएम पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरएसपीएल तथा उसके तीन अधिकारियों को कल मामले में दोषी ठहराया गया था. अदालत ने माना कि उन्होंने यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष गलत जानकारी देकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की. सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय का कार्यभार भी था.
अदालत ने कहा कि उन्होंने कोयला ब्लाॅक हासिल करने के लिए साजिश रची और गलत सूचना दी तथा राष्ट्रीयकृत प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग किया.
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 :धोखाधड़ी: तथा 120-बी :आपराधिक साजिश: समेत विभिन्न धाराओं की तहत दोषी ठहराया.