बीजिंग : चीन ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने के इस्लामी सहयोग संगठन (ओआइसी) के आह्वान को खारिज करते शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये इस मसले का हल द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए. कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने के ओआइसी के संपर्क समूह के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को इस मसले को सुलझाना चाहिए. चीन के इस बयान को पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश को बड़ा झटका माना जा रहा है.
लू ने एक सवाल के जवाब में कहा, चीन ने संबंधित रिपोर्ट पर गौर किया है. कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख पूरी तरह स्पष्ट है. उन्होंने कहा, चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान संवाद एवं संचार बढ़ा सकते हैं और संबंधित मुद्दों से उचित तरीके से निपट सकते हैं. वे संयुक्त तौर पर क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की रक्षा कर सकते हैं. ओआइसी में पाकिस्तान सहित 57 सदस्य हैं. यह संगठन कश्मीर पर अक्सर प्रस्ताव पारित करता है और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर अमल का आह्वान करता है.
दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर ओआइसी के संपर्क समूह की बैठक हुई थी. चीन ने ऐसे समय में यह प्रतिक्रिया जाहिर की जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने मांग की कि कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू किया जाये. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में एक विशेष दूत नियुक्त करने की भी अपील की.
पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर विवाद के अंतरराष्ट्रीयकरण करने की पुरजोर कोशिश करता रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक ने कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालने की खूब कोशिश की, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी. आतंकवाद समेत सभी मुद्दों पर हमेशा पाकिस्तान का साथ देनेवाले चीन ने भी अब कश्मीर मसले को लेकर उसका साथ छोड़ दिया है. शुक्रवार को चीन ने साफ कर दिया कि वह कश्मीर मामले पर पाकिस्तान की किसी भी तरह की मदद नहीं करेगा. चीन पहले भी यह बात कहता रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसने पहली बार ऐसे खुलकर पाकिस्तान को लताड़ लगायी है.
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के झूठ पर भारत ने पलटवार किया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का गढ़ है और दुनिया को मानवाधिकार पर पाकिस्तान के ज्ञान की जरूरत नहीं है. पाकिस्तान अपनी ही जमीन पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करता रहा है. भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए जम्मू कश्मीर हमारा अभिन्न हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने पाकिस्तान को ‘टेररिस्तान’ करार देते हुए कहा कि वह लगातार आतंकियों को पनाह देता रहा है. यह देश आज पूरी तरह आतंक को पैदा कर रहा है. यह असाधारण है कि जो ओसामा बिन लादेन और मुल्ला उमर को पनाह देता है, पीड़ित होने का दिखावा कर रहा है.