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China ने सोशल मीडिया पर बैन किया इस्लाम विरोधी शब्दों का इस्तेमाल

बीजिंगः चीन ने सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. वहां के आधिकारिक मीडिया के मुताबिक, चीन ने इस्लाम के प्रति भेदभाव रोकने के लिए यह कदम उठाया है. चीन में 1.39 अरब की आबादी में 2.1 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं. गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से […]

बीजिंगः चीन ने सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. वहां के आधिकारिक मीडिया के मुताबिक, चीन ने इस्लाम के प्रति भेदभाव रोकने के लिए यह कदम उठाया है. चीन में 1.39 अरब की आबादी में 2.1 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं. गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर उइगर आबादी शिनजियांग में और हुई समुदाय निंग्जिया प्रांत में निवास करता है.

इसे भी पढ़ेंः रूस ने चीन के सोशल मीडिया ऐप वीचैट पर रोक लगायी

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, चीन के इंटरनेट उपभोक्ताआें की आेर से मुस्लिमों की छवि खराब करने के ईजाद किये गये शब्द ‘इस्लामोफोबिक’ को चीन की अधिकतर सोशल साइट्स पर ब्लॉक कर दिया गया है. चीन में करीब 70 करोड़ लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं. इनमें से कई उपभोक्ता सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कदम मुस्लिमों के तुष्टीकरण के लिए उठाया गया है. चीन में ट्विटर, फेसबुक और गूगल जैसे सोशल साइट्स के अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों पर भी रोक लगी है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के कुछ वर्षों में अपने साथ हो रहे भेदभाव पर चीन में इंटरनेट पर मुस्लिमों का असंतोष काफी खुलकर सामने आया है. पिछले कुछ वर्षों से शिनजियांग प्रांत अल्पसंख्यक उइगर समुदाय द्वारा की जा रही हिंसक घटनाओं से त्रस्त है. इन घटनाओं में सैकड़ों लोग मारे गये हैं.

अभी हाल के दिनों में उइगर विद्रोहियों ने शिनजियांग प्रांत में सरकारी संस्थानों पर कई बड़े हमले भी किये हैं. चीन हमेशा यह कहता है कि उइगर समुदाय के नेता मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा, आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के निशाने पर आ चुके पाकिस्तान का समर्थन करने वाला चीन खुद पाकिस्तान पर उइगर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगा चुका है.

शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिम चीन से अलग होना चाहते हैं और इसके लिए वे ‘ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ (र्इटीआर्इएम) के नाम से अपना आंदोलन भी चला रहे हैं.

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