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गोरखपुर के सगीर को कानपुर रेल हादसे के लिए मिले थे 11 लाख

मोतिहारी : नेपाल में गिरफ्तार में आइएसआइ एजेंट शमशुल होदा ने कानपुर रेल हादसे में एक और बड़ा खुलासा किया है. उसने कानपुर रेल हादसे में गोरखपुर के सगीर अंसारी की मुख्य भूमिका बतायी है. कानपुर रेल हादसे के लिए सगीर को पाकिस्तानी नागरिक शफी ने 11 लाख रुपये दिये थे. सगीर के पास सात-आठ […]

मोतिहारी : नेपाल में गिरफ्तार में आइएसआइ एजेंट शमशुल होदा ने कानपुर रेल हादसे में एक और बड़ा खुलासा किया है. उसने कानपुर रेल हादसे में गोरखपुर के सगीर अंसारी की मुख्य भूमिका बतायी है. कानपुर रेल हादसे के लिए सगीर को पाकिस्तानी नागरिक शफी ने 11 लाख रुपये दिये थे. सगीर के पास सात-आठ किस्तों में पैसा भेजा गया था. उसका काम आइइडी की व्यवस्था कर रेलवे ट्रैक पर प्लांट करना था.आइइडी विस्फोट कराने की जिम्मेवारी ब्रजकिशोर गिरि, सोएब व जिआउल की थी.

इनको आइइडी विस्फोट के लिए दो-दो लाख रुपये दिये गये थे. उसने यह भी खुलासा किया है कि गोरखपुर के सगीर से शफी की डायरेक्टर जान-पहचान थी. सगीर सिर्फ शफी के पास फोन करता था. कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सगीर से दो-तीन बार शमसुल की बातचीत शफी ने करायी थी. उसी बातचीत के दौरान शमशुल ने उसके पते पर ब्रजकिशोर गिरि को मिलने के लिए भेजा था. घोड़ासहन और कानपुर रेल हादसों में गिरफ्तार आदापुर बखरी के मोतीलाल पासवान ने भी अपने स्वीकारोक्ति बयान में गोरखपुर के सगीर अंसारी के नाम का खुलासा किया है. मोतीलाल व शमशुल का बयान काफी मिलता-जुलता है.

नेपाल कलैया के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शमशुल ने पूछताछ में कई खुलासे किये हैं. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. मोतीलाल पासवान ने पुलिस को दिये बयान में स्पष्ट कहा है कि ब्रजकिशोर गिरि उनलोगों को लेकर बापूधाम रेलवे स्टेशन पहुंचा था. वहां से ट्रेन पकड़ सभी गोरखपुर से पहले एक हॉल्ट पर उतर गये. इसके बाद टेंपो पकड़ सभी बस्ती की तरफ गये. बस्ती के एक चौक पर मोतीलाल सहित तीन अन्य लोग रूक गये. वहीं ब्रजकिशोर, जिआउल व सोएब बस्ती में गया. थोड़ी देर बाद उनके साथ सगीर अंसारी आया. उसके हाथ में लाल रंग का झोला था. उसी झोले में आइडी रखी थी. इसके बाद वह कानपुर के 60-70 किलोमीटर पीछे ट्रैक पर आइइडी प्लांट कर विस्फोट कराने का तरीका बता कर कही चला गया.

पाकिस्तानी शफी के साथ सगीर की हुई थी डीलिंग
आदापुर पुलिस ने दोहरे हत्याकांड में मोतीलाल पासवान, मुकेश यादव व उमाशंकर पटेल को गिरफ्तार किया. उनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में घोड़ासहन व कानपुर रेल हादसाें में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइए के साजिश का परदाफाश हुआ. तीनों की निशानदेही पर नेपाल पुलिस ने आइएसआइ के साजिश को मुकाम तक पहुंचानेवाले ब्रजकिशोर गिरि, मुजाहिर अंसारी सहित तीन
अबतक 12 संदिग्ध
लोगों को दबोचा. एक-एक कर छह संदिग्धों के पकड़े जाने पर मुख्य साजिशकर्ता शमसुल होदा का नाम आया. उसने दुबई में बैठ पाकिस्तानी नागरिक शफी के इशारे पर घोड़ासहन व नकरदेई में रेल ट्रैक पर आइइडी प्लांट करायी थी. वहीं कानपुर में दो बड़े रेल हादसों को अंजाम दिलवाया. अबतक आइएसआइए के 12 संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं. पांच संदिग्ध नेपाल पुलिस की कस्टडी में हैं, जबकि सात संदिग्ध एनआइए की गिरफ्त में हैं

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