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रहस्यमय बना 11 माह के बच्चे के अपहरण का मामला

रहिका थाना क्षेत्र के बैरयाटोल गांव से बीते साल 26 सितंबर को दिन दहाड़े बाइक सवार दो अपराधियों द्वारा ग्यारह माह के बच्चे का अपहरण का मामला रहस्यमय बन गया है. पुलिस हर संभावित जगहों पर छापेमारी, जांच कर चुकी है. कई से पूछताछ भी की गयी. पर नतीजा शून्य ही निकला. अब तक के […]

रहिका थाना क्षेत्र के बैरयाटोल गांव से बीते साल 26 सितंबर को दिन दहाड़े बाइक सवार दो अपराधियों द्वारा ग्यारह माह के बच्चे का अपहरण का मामला रहस्यमय बन गया है. पुलिस हर संभावित जगहों पर छापेमारी, जांच कर चुकी है.
कई से पूछताछ भी की गयी. पर नतीजा शून्य ही निकला. अब तक के जो हालात हैं उससे पुलिस भी शायद अब इस मामले को अनसुलझा केस ही मान रही है. अपहृत मुन्ना के पिता लाल बाबू सहनी की माली हालत ऐसी नहीं है कि फिरौती के लिए यह अपहरण हुआ होगा. फिर किस कारण से मासूम मुन्ने का अपहरण किया गया है, यह पुलिस व आम लोगों के लिये रहस्यमय बनता जा रहा है.
ग्यारह माह के बच्चे के अपहरण के मामले में हालांकि पुलिस ने कई जगहों छापेमारी की. हर नजरिये से जांच को आगे बढाया. पर ना तो अपहृत बच्चे का ही कोइ पता चला और ना ही अपहरणकर्ता का. जिला पुलिस ने बच्चे के बरामदगी के लिये एक टीम का गठन कर दिया था. इसको लेकर अपराधी का स्केच भी एक्सपर्ट के द्वारा जारी किया गया. पर स्केच जारी होने के बाद भी स्केच से मिलते जुलते किसी भी संदिग्ध तक का पता नहीं चल सका.
कई बिंदुओं पर किया गया अनुसंधान. पुलिस का मानना है कि मानव अंगों के व्यापार करने वाले तस्कर का इस घटना में कोई हाथ हो सकता है. या फिर तंत्र-मंत्र के चक्कर बच्चे का अपहरण गलत नीयत से किया गया है. पुलिस सारे बिंदुओं पर अनुसंधान की दिशा को बढ़ा रही है. पर बीते करीब दस माह में कुछ भी ऐसा सुराग हाथ नहीं लगा जिससे अपराधियों का पता चले या अपहरण किस कारण किया गया उस कारण का ही पता लग सके.
पूछताछ के लिए लिया था हिरासत में . अपहरण के इस मामले में पंडौल थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया था. पर इससे भी कुछ हासिल नहीं हो सका. घटनास्थल पर दो अपहर्ता द्वारा एक मोटर साइकिल से घटना को अंजाम देने की बात सामने आयी है. पर किसी ने बाइक के नंबर का ठीक ढ़ंग से पुलिस को जानकारी नहीं दे पाये हैं. पर इससे कोई सुराग पुलिस के हत्थे नहीं लगी है.
एसपी स्वयं कर रहे मॉनीटरिंग
पुलिस अधीक्षक दीपक बरनवाल अपहरण की इस घटना के तत्काल बाद स्वयं घटना स्थल पहुंचे व घटना की जानकारी लिया था. सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जिसमें नगर थाना के निरीक्षक सह थानाध्यक्ष, रहिका, एवं कलुआही के थानाध्यक्ष को शामिल किया गया था. अपराधियों का स्केच बनाया गया. पर इस सब के बाद भी मासूम मुन्ना का कोई पता नहीं चल सका.

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