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गौमाता सनातन संस्कृति की मूल है : गोपाल मणि

वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है कोलकाता : गौमाता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है. वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है. 80 करोड़ हिंदुओं की धार्मिक आस्था की प्रतीक है. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक की धार्मिक आस्था की सुरक्षा एवं सम्मान का प्रावधान है, लेकिन सरकार गाय […]

वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है
कोलकाता : गौमाता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है. वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है. 80 करोड़ हिंदुओं की धार्मिक आस्था की प्रतीक है. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक की धार्मिक आस्था की सुरक्षा एवं सम्मान का प्रावधान है, लेकिन सरकार गाय को पशु श्रेणी में ही समझती है.
गो गंगा कृपासाक्षी पूज्य गोपालजी महाराज ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि 5 सूत्रीय मांग को लेकर रामलीला मैदान में विशाल रैली हुई थी. 434वें जिले के पराव पर शुक्रवार को कोलकाता पहुंची. 2016 को यह यात्रा उत्तराखंड से प्रारंभ हुई थी. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा की जिलों की यात्रा समाप्त हो चुकी है. महाराजजी ने कहा कि हमारी 5 सूत्री मांगों में गाय को राष्ट्र माता का सम्मान देना, गोबर, गौमूत्र की महत्ता को प्रावधान देना, गौ मंत्रालय अलग बनाना, सभी बच्चों को 10 वर्ष तक गाय का दूध पिलाना तथा गौ हत्यारे को मृत्युदंड का प्रावधान करना.
उन्होंने कहा कि जो बच्चे 10 वर्षों तक गाय का दूध पीयेंगे, वह संस्कारी होंगे, जिससे परिवार, समाज, देश का भला होगा. 18 फरवरी 2018 को दिल्ली के रामलीला मैदान में गो प्रतिष्ठा भारत यात्रा का समापन होगा. इस मौके पर महावीर प्रसाद रावत, प्रहलाद लाटा आदि उपस्थित थे.

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